मथुरा। करोड़ों की लागत से बने गोकुल बैराज परियोजना के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के चैनल में दरार आ गई है। इसमें से सप्लाई के लिए आने वाला गंगाजल रिस रहा है। यह कभी भी टूट सकता है। हालत तब और गंभीर होंगे जब गंगाजल की मात्रा बढ़ेगी। मजेदार बात ये है कि अधिकारी पूरे मामले से अनजान बने हुए है। ट्रीटमेंट प्लांट की अन्य दीवारों पर भी कई स्थानों पर हल्की दरारें हैं।
जल निगम के परियोजना निदेशक महाराज सिंह ने बताया कि उन्हें इन दरारों की जानकारी नहीं है। नगर निगम द्वारा उन्हें रखरखाव के लिए छह लाख रुपये प्रतिमाह दिए जाते हैं। गंगाजल अभी मात्र दो एमएलडी ही आ रहा है लेकिन आने वाले समय में यह अधिक मात्रा में भी आएगा।
गोकुल बैराज के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में पड़ी दरार, अफसर बन रहे है अनजान
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