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मथुरा। जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के एमटेक इन कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्राॅनिक एण्ड कम्यूनिकेषन, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग एवं एनर्जी सिस्टम में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के लिए एक सुनहरा अवसर है। प्रवेश लेने पर स्काॅलरशिप एवं पढ़ाई के दौरान शोध के कई अवसर छात्रों को प्रदान होंगे।
एसोसिएट डीन एकेडमिक प्रो. आशीष षर्मा ने प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी उनका विभाग एमटेक के विद्यार्थियों के लिए बेहद आकर्षक स्कॉलरशिप एवं पढ़ाई के दौरान शोध के विभिन्न अवसर दिए जाएंगे। शोध के लिए सभी विभागों ने विभिन्न रूपरेखा तैयार की है। समय-समय छात्रों को बेहतर टिप्स देने के लिए कार्यषाला, अतिथि व्याख्यान, सेमिनार प्लेसमेंट क्लासेस, माॅक इंटरव्यू आदि का आयोजन किया जायेगा। कोरोना जैसी महामारी को मात देने के लिए छात्रों के पढ़ाई की बेहतर आॅनलाइन व्यवस्था भी की गई है।
उन्होंने बताया कि इस कोर्स में दाखिले के लिए बीटेक, एमएससी फिजिक्स फाॅर एनर्जी सिस्टम अथवा एमसीए अहर्ता वाले अभ्यर्थी को कम से कम प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होना आवश्यक है। ऐसे अभ्यर्थी जिन्होंने आईआईटी-गेट परीक्षा क्वालीफाई कर चुके है। उनके लिए जीएलए विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा अनिवार्य नहीं हैं। ऐसे छात्रों को सामान्य तरीके से एमटेक कोर्स में दाखिला मिल जाएगा। प्रवेश प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। इसके साथ ही प्रत्येक आईआईटी-गेट क्वालिफाइड अभ्यर्थी को 1,33000 हजार रुपये की स्कॉलरशिप तथा ऐसे अभ्यर्थी जिन्होंने आईआईटी-गेट परीक्षा क्वालीफाई नहीं की है, उनके लिए भी 10,5000 रुपये की स्कॉलरशिप प्रतिवर्ष प्रदान की जाएगी।
एसोसिएट डीन एकेडमिक कोलाबोरेशन प्रो. दिलीप कुमार शर्मा ने विश्वविद्यालय में रिसर्च की व्यवस्थाओं पर नजर डालते हुए कहा कि पहले बैच की शुरूआत से लेकर अब तक लगभग 300 से अधिक शोध पत्र एससीआई तथा स्कोपस जैसे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त जर्नल काॅफें्रस में प्रकाशित हो चुके हैं। इसके अलावा 100 से अधिक शोध पत्र देश भर के ख्याति प्राप्त संस्थानों आईआईटी रूडकी, आईआईटी बीएचयू., आईआईटी पटना, आईआईटी जोधपुर, एमएनएनआईटी इलाहाबाद, एनआईटी जयपुर इत्यादि की इंटरनेशनल कांफ्रेंस में भी प्रकाशित हो चुके हैं, जो कि अपने आप में एक अनूठी और सराहनीय उपलब्धि है।
विभाग में एमटेक तथा पीएचडी स्तर पर शोध को बढ़ावा देने के लिए मुख्य रूप से चार रिसर्च ग्रुप्स का गठन किया गया है, जिनमें “इमेज एंड विडियो प्रोसेसिंग कंप्यूटर विजन एण्ड इंटेलीजेंट सिस्टम्स”, “इनफार्मेशन रिट्रीवल डेटा माइनिंग एंड बिग डेटा एनालिटिक्स”, “इन्टरनेट ऑफ थिंग्स, कंप्यूटर नेटवर्क्स एंड इंफार्मेशन सिक्योरिटी”, स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग, जीओ टेक्निकल, ट्रांसपोरषन, पावर सिस्टम स्टेबिलिटी, सोलर फोटोवोल्टाइक, सिस्टम डिजाइन, हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, माइक्रो ग्रिड्स एंड समृत ग्रिड्स, कन्वर्टर डिजाइन, इलेक्ट्रिक ड्राइव्स, सोलर पीवी डिजाइन, विंड एनर्जी सिस्टम्स, एनर्जी आॅडिटिंग एंड माॅनिटरिंग, माइक्रोइलेक्ट्राॅनिक्स एंड वीएलएसआई, सिग्नल प्रोसेसिंग एंड कम्युनिकेषन, कन्ट्रोल आॅटोमेषन एंड नेटवर्क, नैनो इलेक्ट्राॅनिक्स, आॅर्गेनिक सोलर सेल्स, फोटोवोल्टाइक सिस्टम्स, आरएफ एंड मिक्रोवावेस, आॅप्टो इलेक्ट्राॅनिक्स तथा “सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग एंड डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम्स” जैसे बहुउद्देशीय ग्रुप्स शामिल हैं, जिसके माध्यम से विद्यार्थी तथा शोधार्थी अपनी रूचि के अनुसार किसी भी रिसर्च ग्रुप में अपने शोध के स्तर को बढ़ा कर अपनी योग्यता साबित कर सकते हैं।
अपने तकनीकी कौशल को निखारने के लिए विद्यार्थियों तथा शोधार्थियों के लिए विभाग में अत्याधुनिक तथा विश्वस्तरीय सॉफ्टवेयर तथा टूल्स भी उपलब्ध कराये हुए हैं, जिनमे मैटलैब, ओपन सीवी., पाइथन, वेका, रैपिडमाइनर, हडूप, ग्रिडसिम, क्लाउडसिम आदि के नवीनतम वर्जन्स के साथ-साथ शोध पत्रों में प्लागिअरिस्म, वेल ढटाब्लिशड लैबोरेट्रीज माॅडर्न स्टेट आॅफ आर्ट इंडस्ट्री ओरिएंटेड इक्यूपमेंट्स साॅफ्टवेयर सुच अस, केडेन्स विरतूसो सूट, तैंनेर ईडीए टूल, टेक्सास इंस्ट्रूमेंट सेंटर, लैब व्यू, एनआई मायरियो, सेंसर्स किट फाॅर एनआई मायरियो, डीएक्यू ई सीरीज डिवाइस, प्रोसेस कन्ट्रोल टेªनर, मैटलैब एडवांस डिजाइन सिस्टम्स साॅफ्टवेयर, डीएसपी स्टार्टर किट, मिक्रोकंट्रोलर आॅसिलोस्कोप, सॉफ्टवेयर टर्नइटइन प्रमुख रूप से शामिल हैं। विभाग के विजन तथा मिशन की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी को उच्च स्तरीय शिक्षा के साथ-साथ रोजगार दिलाना जीएलए विश्वविद्यालय का परम लक्ष्य है, जिसमे जीएलए निरंतर सफलता के नित नए आयाम स्थापित कर रहा है।