Tuesday, May 21, 2024
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आईपीएस अजय पाल के खिलाफ अपहरण और उत्पीड़न केस में एक और एसआईटी जांच के आदेश

नोएडा। गुरुग्राम के कारोबारी संजय कपूर के अपहरण और उत्पीड़न के मामले में आईपीएस अजयपाल शर्मा की एसआईटी जांच के आदेश दिए गए हैं। शासन के आदेश पर अगस्त में यह मामला एसआईटी को सौंपा गया है। डीजी एसआईटी ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।

गुरुग्राम के कारोबारी संजय कपूर ने आईपीएस अजय पाल शर्मा पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने उसका 6 नवंबर 2018 को औरेया टोल प्लाजा से अपहरण किया और गलत तरीके से बीटा दो थाना क्षेत्र की एक पुलिस चौकी में रखकर उसका उत्पीड़न किया गया। फिर गलत तरीके से उसके खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज कर उसे जेल भेज दिया। उनका दावा है कि पुलिस जांच में भी ये सभी मुकदमे गलत पाए गए।

कारोबारी ने आईपीएस अजय पाल पर लगाए ये आरोप

संजय कपूर ने आरोप लगाए हैं कि आईपीएस अजय पाल शर्मा के संबंध बड़े गैंगस्टर से हैं और वह गौतमबुद्ध नगर जेल में बंद रहने के दौरान भी उन्हें मरवाने का प्रयास कर चुके हैं। अभी भी उन्हें और उनके परिवारजनों को आईपीएस अधिकारी से खतरा है। उन्होंने आईपीएस पर और भी अन्य गंभीर आरोप लगाएं हैं जिसकी शिकायत शासन से भी की गई है।

यूपी के विशेष सचिव ने एसआईटी को जांच सौंपी

विशेष सचिव उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर इस मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई है और एसआईटी के डीजी ने इस मामले की जांच शुरू करा दी है। शासन ने एसआईटी से इस मामले की जांच रिपोर्ट भी तलब की है। संजय कपूर का दावा है कि इस मामले में आईजी मेरठ ने भी जांच की थी और उन्होंने जांच रिपोर्ट में लिखकर दिया है कि 16 बार नोटिस दिए जाने के बाद भी अजयपाल अपने बयान दर्ज कराने के लिए नहीं आए और वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।

घोटाले के आरोपियों पर कार्रवाई को लेकर विवाद की शुरुआत

संजय कपूर की मानें तो यह विवाद 826 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोपियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर शुरू हुआ था। उनका कहना है कि नोएडा के एक ग्रुप ने झूठे सपने बेच कर लोगों से 826 करोड़ की ठगी की और इस मामले में उसने भी मुकदमे दर्ज कराये थे। ये मुकदमे गौतमबुद्ध नगर और लखनऊ में दर्ज हुए थे जिसमें चार्जशीट भी लगी।
लेकिन आरोपियों के गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद भी गौतमबुद्ध नगर पुलिस उन पर कार्रवाई नहीं कर रही थी। इसको लेकर उन्होंने तत्कालीन एसएसपी अजय पाल शर्मा से मांग की तो उनसे विवाद हो गया और उनके खिलाफ ही पांच मुकदमे गलत तरीके से दर्ज कर दिए गए। हालांकि, अजयपाल शर्मा इन आरोपों को पहले से ही निराधार और उन्हें बदनाम करने के लिए झूठी साजिश बताते रहे हैं।

एक सप्ताह पहले विजिलेंस में भी दर्ज हुआ मुकदमा

आईपीएस अजय पाल शर्मा के खिलाफ एक सप्ताह पहले मेरठ के विजिलेंस थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है। जिसमें आरोप लगे हैं कि उन्होंने जिले में कप्तान की कुर्सी पाने के लिए सौदेबाजी की। इससे पहले एसएसपी गौतमबुद्धनगर वैभव कृष्ण की गोपनीय रिपोर्ट की जांच के बाद उनके खिलाफ लखनऊ में भी एक मुकदमा दर्ज हो चुका है। गैंगस्टर से संबंध रखने और उससे हुई मोबाइल चैट के मामले में भी एसआईटी जांच कर रही है।

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