‘नव’ शब्द का अर्थ नवीन भी होता है और नौ की संख्या भी। भारतीय धर्मशास्त्रों के अनुसार देवी दुर्गा के भी नौ स्वरूप माने गए हैं। इसलिए नवरात्रि का विशेष महत्व है। नौ दिन के जहां देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरुपों का पूजन होता है, ठीक उसी प्रकार देवी के व्रत की विधि प्रतिपादित कर दी गई।
शारदीय वर्ष आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होता है और बासंती संवत्सर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से। वर्षों के प्रारंभिक नौ दिनों को नवरात्र के नाम से जाना जाता है। इन नौ दिनों में देवी के नौ स्वरुपों की पूजा के साथ ही उनके मंत्र का जाप भी भक्तों द्वारा किया जाता है। आइए जानते हैं इस बार नवरात्रि पर आपका राशि मंत्र कौन सा है…
मेष
ॐ ह्रीं उमा देव्यै नम:। अथवा ॐ ऐं सरस्वत्यै नम:।
वृष
ॐ क्रां क्रीं क्रूं कालिका देव्यै नम:।
मिथुन
ॐ दुं दुर्गायै नम:।
कर्क
ॐ ललिता देव्यै नम:।
सिंह
ॐ ऐं महासरस्वती देव्यै नम:।
कन्या
ॐ शूल धारिणी देव्यै नम:।
तुला
ॐ ह्रीं महालक्ष्म्यै नम:।
वृश्चिक
ॐ शक्तिरूपायै नम: या ॐ क्लीं कामाख्यै नम:।
धनु
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।
मकर
ॐ पां पार्वती देव्यै नम:।
कुंभ
ॐ पां पार्वती देव्यै नम:।
मीन
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं दुर्गा देव्यै नम:।