Saturday, May 18, 2024
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दावा: हाथरस पीड़िता बताकर वायरल की जा रही पत्नी की फोटो, हाईकोर्ट ने केंद्र को दिए ये निर्देश

नई दिल्ली। हाथरस कांड को लेकर एक के बाद एक राज सामने आ रहे हैं। इस केस की जांच एजेंसियों द्वारा पूरी भी नहीं हो पाई कि अब एक व्यक्ति ने दावा किया कि है कि सोशल मीडिया पर कथित तौर पर दरिंदगी का शिकार हुई लड़की की लाश यूपी पुलिस की मौजूदगी में जलाने की तस्वीर जो वायरल हुई थी, वह उसकी पत्नी की थी। व्यक्ति ने वायरल हो रही तस्वीर पर आपत्ति जताई थी। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह उस शख्स की शिकायत को देखे। अदालत ने व्यक्ति को भी अपनी शिकायत के संबंध में जरूरी दस्तावेज मंत्रालय को सौंपने के निर्देश दिए हैं।

दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस नवीन चावला ने कहा कि अगर व्यक्ति की शिकायत सही पाई जाती है, तो सरकार को यथाशीघ्र इस संबंध में फेसबुक, गूगल और ट्विटर को निर्देश जारी करना चाहिए।

अदालत ने 13 अक्टूबर को पारित आदेश में कहा कि जो तथ्य पेश किया गया, उसके आधार पर प्रतिवादी संख्या-1 (इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय) को निर्देश दिया जाता है कि वह याचिकाकर्ता (व्यक्ति) की शिकायत पर गौर करे। अगर याचिकाकर्ता की शिकायत सही पाई जाती है तो त्वरित कार्रवाई हो। किसी भी सूरत में इस आदेश की प्रति मिलने के तीन दिन के भीतर प्रतिवादी संख्या दो से चार (फेसबुक, ट्विटर और गूगल) को इस संबंध में जरूरी निर्देश जारी करके करे।

हाथरस केस में अब गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई
हाथरस केस में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। यूपी सरकार ने इस दौरान पीड़िता के परिवार को सुरक्षा मुहैया कराए जाने का ब्यौरा दिया। वहीं, पीड़ित परिवार ने कोर्ट में केस का ट्रायल दिल्ली ट्रांसफर करने की अपील की। पीड़िता के भाई के हवाले से वकील सुप्रीम कोर्ट में सीमा कुशवाहा ने मांग की है कि जांच पूरी होने के बाद ट्रायल दिल्ली में हो, सीबीआई अपनी जांच की रिपोर्ट सीधे सुप्रीम कोर्ट को दे। फिलहाल सरकार ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।

सुप्रीम कोर्ट में इंदिरा जयसिंह ने अपील करते हुए कहा कि परिवार को केंद्रीय एजेंसी से सुरक्षा दी जानी चाहिए। चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दौरान कहा कि अगर आरोपी कुछ कहना चाहते हैं तो वो पहले हाईकोर्ट जा सकते हैं। चीफ जस्टिस ने कहा कि हमने पीड़ित, सरकार और आरोपी को सुन लिया है, यही अहम है। इसके बाद अदालत ने आदेश सुरक्षित रख लिया और कार्यवाही खत्म कर दी।

आरोपियों की कस्टडी मांग सकती है सीबीआई
मिली जानकारी के अनुसार सीबीआई की टीम अब सीबीआई मथुरा कोर्ट में याचिका दायर कर सभी आरोपियों की कस्टडी मांग सकती है। 14 सितंबर के घटनाक्रम को लेकर सीबीआई आरोपियों का बयान लेगी। अगर सीबीआई को रिमांड मिलती है तो आरोपियों का पॉलीग्राफ टेस्ट हो सकता है, जिसके लिए कोर्ट से इजाजत लेनी होगी।

 

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