गोपाल जग्गा की रिपोर्ट
मथुरा। हाथरस कांड में जातीय हिंसा फैलाने के आरोप में गिऱफ्तार पीएफआई के चार सदस्यों में से दो सदस्यों द्वारा प्रस्तुत की गई जमानत की अर्जी पर गुरुवार को सुनवाई नहीं हो सकी। ये सुनवाई अधिवक्ताओं की हड़ताल और पूर्व में कोर्ट द्वारा एसटीएफ को 48 घंटे की रिमांड दिए जाने के चलते नहीं हो सकी है। अब इस मामले की सुनवाई 9 नवंबर को हो सकती है।
सात अक्टूबर को मांट टोल प्जाजा के समीप से गिरफ्तार 4 पीएफआई सदस्यों में से दो मसूद अहमद और आलम ने मथुरा न्यायालय में जमानत की अर्जी दी थी। जिस पर आज गुरुवार को सुनवाई होनी थी। लेकिन वकीलों की हड़ताल और सीजेएम अंजू राजपूत द्वारा एसटीएफ को दी गई 48 घंटे की रिमाइंड के चलते बेल अर्जी पर सुनवाई नहीं हो सकी।
शासकीय अधिवक्ता नारायण शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया की एसटीएफ को 48 घंटे की रिमाइंड पर चारों आरोपियों को दिया गया है। न्यायालय द्वारा दी गई अवधि के बाद ही आरोपियों की बेल अर्जी पर सुनवाई हो सकेगी। नारायण शर्मा ने यह भी बताया कि आगामी 9 नवंबर को मसूद अहमद और आलम की बेल अर्जी पर सुनवाई की जाएगी।