मथुरा। हाथरस कांड में जातिय दंगा फैलाने के आरोपी 4 पीएफआई के सदस्यों की रिमांड और अदालत के क्षेत्राधिकार के मामले की सुनवाई सोमवार को एडीजे की अदालत में हुई। आरोपी पक्ष के वकीलों की दलील सुनने के बाद न्यायालय ने इस मामले में 14 दिसंबर तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया है।
आरोपी पक्ष के वकील द्वारा अदालत में यही बात कही गई है कि जिस तरीके से सीजेएम की अदालत ने चारों का रिमांड एसटीएफ को दिया व न्यायालय के क्षेत्राधिकार में नहीं आता साथी इस मामले की विवेचना भी एसटीएफ को करने का कोई अधिकार नहीं है। क्योंकि ऐसे राष्ट्रद्रोह मामलों की सुनवाई फास्ट ट्रैक न्यायालय में होनी चाहिए। अब देखना होगा कि एडीजे चतुर्थ की अदालत 14 तारीख को क्या फैसला सुनाती है।
आपको बता दें कि हाथरस कांड के बाद मांट पुलिस ने हाथरस जाते समय इन चारों संदिग्धों को माट टोल से गिरफ्तार किया था और उसके बाद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून जैसी संगीन धाराओं में पुलिस द्वारा केस दर्ज किया गया।
इन्हें पकड़ा गया है
1- सिद्दीकी पुत्र मोहम्मद चैरूर निवासी बेंगारा थाना मल्लपुरम, केरल
2- अतीक उर रहमान पुत्र रौनक अली निवासी नगला थाना रतनपुरी जिला मुजफ्फरनगर
3- मसूद अहमद निवासी कस्बा और थाना जरवल जिला बहराइच
4- आलम पुत्र लईक पहलवान निवासी घेर फतेह खान थाना कोतवाली, जिला रामपुर
संदिग्धों के पास से मिला है ये सामान
मोबाइल, लैपटॉप, संदिग्ध साहित्य (शांति व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला)