नई दिल्ली। लॉकडाउन के बाद भारतीय रेलवे ने कई ट्रेनों के टाइम टेबल में बदलाव किया है। देश में मार्च के अंतिम सप्ताह में हुए लॉकडाउन के बाद से ही नियमित ट्रेनों का संचालन नहीं किया जा रहा है। मौजूदा समय में देश में 700 से भी ज्यादा स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इसके अलावा मुंबई और कोलकाता जैसे मेट्रो शहरों में उप शहरी ट्रेन भी चलाए जा रहे हैं। ऐसे में खासकर बिहार और यूपी जाने वाली कई महत्वपूर्ण ट्रेनों के टाइमिंग में परिवर्तन हुए हैं। दिल्ली-यूपी-बिहार के बीच चलने वाली विक्रमशिला एक्सप्रेस, वैशाली एक्सप्रेस और स्वतंत्रता सेनानी जैसी एक्सप्रेस ट्रेनों के टाइम टेबल में काफी बदलाव किए गए हैं।
इन ट्रेनों के बदल गए टाइम टेबल
भारतीय रेलवे ने जयनगर से नई दिल्ली के लिए चलने वाली गाड़ी संख्या 02561 स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस को 2 बजे के बजाय अब शाम 5.40 बजे कर दिया है। इसी तरह विक्रमशिला स्पेशल सुपरफास्ट ट्रेन अब आनंद विहार टर्मिनल से दोपहर 2.40 बजे चलने के बजाए अब दोपहर 1.15 बजे खुल रही है। विक्रमशिला एक्सप्रेस अब दिल्ली के आनंद विहार रेलवे जंक्शन से पटना जंक्शन महज 13 घंटे में तय करेगी। नए टाइम टेबल के अनुसार अब पटना जंक्शन पर विक्रमशिला एक्सप्रेस सुबह 2.10 बजे पहुंचेगी। 10 मिनट रुकने के बाद 2.20 बजे सुबह भागलपुर जंक्शन के लिए निकल जाएगी। अब विक्रमशिला एक्सप्रेस दोपहर 12.25 बजे के बजाय 4.10 घंटे पहले सुबह 8.15 बजे ही भागलपुर पहुंच जाएगी।
वैशाली और विक्रमशिला एक्सप्रेस की ये है नई टाइम टेबल
इसी तरह ट्रेन संख्या 02553 सहरसा-नई दिल्ली वैशाली एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन अब सहरसा स्टेशन से सुबह में 06.46 बजे खुल रही है। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन अब यह ट्रेन सुबह 06.25 बजे पहुंच रही है। वैशाली डाउन ट्रेन संख्या 02554 अब नई दिल्ली से शाम 20.40 बजे प्रस्थान करके अगले दिन रात 20.20 बजे सहरसा पहुंच रही है।
क्या कहते हैं जानकार
जानकारों का मानना है कि लॉकडाउन की वजह से ट्रेनों का संचालन जब पूरी तरह से बंद था, तब पटरियों की मरम्मति पर खूब तेजी से काम हुए। इसी का नतीजा है कि अब बिहार और यूपी की ट्रेन रूट्स पर ट्रेनों की रफ्तार पहले के तुलना में काफी बढ़ गई है। बिहार और यूपी में भारतीय रेलवे ने लॉकडाउन के दौरान खूब तेजी से काम किए। कई अटके प्रोजेक्ट्स को पूरा किया गया। रेलवे का विद्युतिकरण के साथ नए रलवे ट्रैक भी बिछाए गए। हालांकि, लॉकडाउन के दौरान 24 घंटे ट्रैक पर मालगाड़ियां दौड़ती रहती थीं, इसके बावजूद खूब काम किए गए। यात्री ट्रेनें शुरू रहने से अधिकांश मेंटेनेंस का काम नहीं हो पाया था, जो लॉकडाउन में हुआ।