नई दिल्ली। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के अंतिम दिनों में अमेरिका को जबर्दस्त हिंसा का सामना करना पड़ा। इस हिंसक हंगामा में चार लोगों की मौत हो गई है। वाशिंगटन स्थित कैपिटल हिल में डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने जमकर हंगामा किया। हजारों की संख्या में ट्रंप समर्थक हथियारों के साथ कैपिटल हिल में घुस गए और तोड़फोड़ की। इतना ही नहीं समर्थकों ने सीनेटरों को बाहर कर कब्जा कर लिया। काफी संघर्ष के बाद सुरक्षाबलों ने इन्हें बाहर निकाला और कैपिटल हिल को सुरक्षा घेरा में लिया।
कैपिटल हिल में चुने गए की प्रक्रिया चल रही थी जिसके तहत जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनने पर मुहर लगाने की तैयारी थी। इसी बीच हजारों की संख्या में ट्रंप समर्थकों ने वॉशिंगटन में मार्च निकाला और कैपिटल हिल पर धावा बोल दिया। इन समर्थकों ने डोनाल्ड ट्रंप को सत्ता में बनाए रखने, दोबारा वोटों की गिनती करवाने की मांग की।
हिंसक आन्दोलन में 4 लोगों की मौत के बाद वाशिंगटन में इमरजेंसी
कैपिटल हिल में चल रही कार्यवाही से इतर जब ट्रंप समर्थकों ने अपना मार्च निकालना शुरू किया तो हंगामा होता देख सुरक्षा और बढ़ा दी गई। लेकिन ये बवाल बढता ही गया। सभी समर्थक कैपिटल हिल की ओर चले गए। सुरक्षाबलों ने इस दौरान उन्हें रोकने के लिए लिए लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया।
वाशिंगटन पुलिस के अनुसार, गुरुवार को हुई इस हिंसा में कुल चार लोगों की मौत हो गई है। इनमें से एक महिला की मौत पुलिस की गोली से हुई है। जब पूरे इलाके को खाली करवाया गया तो ट्रंप समर्थकों के पास बंदूकों के अलावा अन्य खतरनाक चीजें भी मौजूद थीं। अमेरिका के वाशिंगटन में हिंसा के बाद पब्लिक इमरजेंसी लगा दी गई है। वाशिंगटन के मेयर के मुताबिक, इमरजेंसी को 15 दिन के लिए बढ़ाया गया।
समर्थकों के हंगामे से डोनाल्ड ट्रंप निशाने पर
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से लेकर अब तक ट्रंप के समर्थकों ने पहली बार इस तरह का बवाल नहीं किया बल्कि, इससे पहले भी ऐसे नजारे देखे जा चुके हैं। लेकिन कैपिटल हिल में घुसकर बवाल करना इस बार हद को पार कर दी। यही कारण रहा कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन, उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा एवं जॉर्ज बुश ने भी इस विवाद की निंदा की, साथ ही इसके लिए डोनाल्ड ट्रंप को जिम्मेदार ठहराया। जो बाइडेन ने कहा कि ट्रंप को तुरंत देश से माफी मांगनी चाहिए, अपने समर्थकों को समझाना चाहिए। हालांकि, जब वॉशिंगटन में पूरा बवाल चल रहा था तब डोनाल्ड ट्रंप शांत रहे। लेकिन कुछ वक्त बाद उन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने समर्थकों से घर वापस जाने की अपील की। लेकिन इस वीडियो में भी वो चुनाव को लेकर फर्जी दावे करते नज़र आए, जिसके बाद इस वीडियो को भी हटा दिया गया।
जब सुरक्षाबलों ने कैपिटल हिल को ट्रंप समर्थकों के कब्जे से खाली करवा दिया, उसके बाद एक बार फिर आगे की कार्यवाही शुरू हुई। यहां सदन को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने इस पूरे विवाद की निंदा की और कहा कि हिंसा से कभी किसी की जीत नहीं होती है।
कई देशों ने बताया अमेरिकी इतिहास का काला दिन
अमेरिका में इस तरह के बवाल की खबर पूरी दुनिया में आग की तरह फैल गई। ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन, कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो समेत अन्य कई देशों के प्रमुखों ने ने इस हिंसा की निंदा की और अमेरिकी इतिहास के लिए काला दिन करार दिया।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अमेरिका के वाशिंगटन में हुई हिंसा पर चिंता जताई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि लोकतंत्र में सत्ता का हस्तांतरण शांतिपूर्ण ढंग से होना जरूरी है।