Thursday, May 2, 2024
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जीएलए में ऑनलाइन मंच पर जुटे कॉर्पोरेट जगत के विषय-विशेषज्ञ


मथुरा। जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के प्रबंधन संकाय द्वारा मानव संसाधन के परिपेक्ष्य में कोरोना संकट के प्रभाव और परिणामस्वरूप आये बदलावों पर चर्चा करने हेतु एचआर कॉनक्लेव का आयोजन किया गया। इसमें कॉर्पोरेट जगत की जानी-मानी कंपनियों संग जुड़े उच्च पदस्थ अधिकारियों व विषय विशेषज्ञों ने व्यापार करने के तीरीकों और नवाचार चर्चा की।


कॉन्क्लेव का शुभारंभ प्रबन्धन संकाय निदेशक प्रो. आनंद मोहन अग्रवाल के स्वागत उद्बोधन संग हुआ, जिसमें उन्होंने आमंत्रित अतिथियों का स्वागत करते हुये आयोजन के उद्देश्य और अपेक्षाओं पर बात की। प्रख्यात वक्ता और बड़ा बिजनेस के सीईओ डॉ. विवेक बिंद्रा ने कहा कि समय के साथ व्यापार करने के तरीकों में बदलाव एवं नवाचारों का समावेश करना खासा आवश्यक है। मानव संसाधन किसी भी संस्थान के लिए एक पूंजी की भांति है, जिसकी समुचित देखभाल भी जरूरी है।

उन्होंने कहा कि एम्प्लॉयी रिटेंशन, टर्नओवर, इन्वॉल्वमेंट आदि के संदर्भ में उचित मैट्रिक्स का इस्तेमाल करते हुये कार्य करना जरूरी है और जरूरी यह भी है कि कर्मचारी की विषय विशेषज्ञता, काबिलियत एवं कार्य के प्रति लगन-समर्पण को ध्यान में रखकर ही दायित्वों का निर्वहन किया जाये। एचएमडी ग्लोबल के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी गौरव सैनी ने आपदाकाल में मानव संसाधन के क्षेत्र में उतपन्न हुई चुनौतियों और उनसे निपटने हेतु किये जा रहे प्रयासों से सभी को रूबरू कराया। सृजन टेक्नोलॉजी के संस्थापक राहुल दीवान ने अपने जीवन पर अनुभव साझा करते हुये उनसे मिली सीखों को साझा किया। उन्होंने मानव संपदा की बेहतरी हेतु सतत प्रयासों पर जोर देने की बात कही।


वीवीडीएन टेक्नोलॉजीस के पुनीत अग्रवाल ने अपनी कंपनी की मानव संसाधन से जुड़ी गतिविधियों के माध्यम से मानव संसाधन प्रबन्धन के बदलते एवं व्यापक होते दायरे को समझाया। ओसवाल इंफ्रास्ट्रक्चर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जीआर सिंह ने कहा कि मानव संसाधन प्रबंधन के व्यापक होते दायरों को ध्यान में रखकर ऐसी रणनीतियां बनाने की आज महती आवश्यकता है, जोकि कर्मचारियों और उच्च प्रबंधन दोनों के लिये बराबर हितकारी हो तथा कार्यस्थल के माहौल को खुशनुमा बनाने में मददगार हो।


प्रथम सत्र के समापन पर अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. फाल्गुनी गुप्ता ने कोरोना संकट के शिक्षा जगत पर प्रभाव को समझाते हुये कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा इस प्रकार के आयोजनों के माध्यम से विषय विशेषज्ञों की राय लेते हुए समय की मांग के अनुसार अपने विद्यार्थियों को तैयार करने के पूरे प्रयास किये जा रहे हैं।

द्वितीय सत्र में हार्टक ग्रुप के डायरेक्टर ऑन बोर्ड दीपक बरारा की अध्यक्षता में विभिन्न संस्थानों के उच्च पदस्थ अधिकारियों ने परिचर्चा को आगे बढ़ाया। गारवेयर टेक्निकल फाइबर से रवींद्र मिश्रा, सीडीके ग्लोबल से नारायण बाबू, वीएसटी टिलर्स एंड ट्रैक्टर्स से सुरेश कुमार नारायण सामी, एक्सिसकेड्स इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजीज से विश्वनाथ राजू, फीडबैक इंफ्रा से उत्तम घोष जैसे अनुभवी लोगों ने आपदाकाल में मानव संसाधन के क्षेत्र में हुये बदलावों और उनकी महत्ता, अचानक हुये बदलावों से कार्यस्थल पर आये प्रभाव, बदली अपेक्षाओं इत्यादि पर विस्तार से चर्चा की।

तृतीय सत्र की परिचर्चा एजीएस ट्रांसेक्ट टेक्नोलॉजीज के एग्जीक्यूटिव वीपी और ग्लोबल एचआर हेड पार्था समाई की अध्यक्षता में प्रारंभ हुई, जिसमें मानव संसाधन के भविष्य पर प्रिज्म जॉनसन से रमेश चन्द्र यादव, एडिसॉफ्ट डिजिटल से मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोनिका गुप्ता, रीको इंडस्ट्रीज से शारतिका खजूरिया, यूनिपाट्र्स इंडिया से अनिल गौड़, एचपीएल इलेक्ट्रिक एंड पॉवर से फिरोज खान, मिरुस माइरस सॉल्यूशन्स से मधुलिका मकर आदि ने विस्तार से चर्चा की। वर्क फ्रॉम होम कांसेप्ट, नई हायरिंग स्ट्रेटजीस, स्किल डेवलपमेंट और नवीन ट्रेनिंग प्रोग्राम्स आदि से जुड़े मुद्दों पर इन्होंने बात की।

कॉन्क्लेव में आरंभ में विषय प्रवर्तन एवं कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डालने का कार्य प्रबंधन संकाय विभागाध्यक्ष (स्नातक) प्रो. सोमेश धमीजा द्वारा किया गया। आयोजन के समापन पर विभागाध्यक्ष (स्नातकोत्तर) प्रो. विकास त्रिपाठी द्वारा आमंत्रित अतिथियों, प्रतिभागियों को धन्यवाद देते हुए धन्यवाद ज्ञापन दिया गया। कॉन्क्लेव के सफल आयोजन में विश्वविद्यालय के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट विभाग की भूमिका सराहनीय रही। जीएलए के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफीसर नीरज अग्रवाल ने कॉन्क्लेव के सफल आयोजन पर टीम की सराहना की।

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