Saturday, May 11, 2024
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शास्त्रीय नृत्य व संगीत है ईश्वर से जुड़ने का माध्यम : श्री वत्स गोस्वामी

वृंदावन। सूरदास महोत्सव के दसरे दिन गुरुवार देर शाम वृन्दावन शोध संस्थान में संत शिरोमणि सूरदास के सम्मान में आयोजित सूरदास महोत्सव में देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए नामचीन कलाकारों ने प्रस्तुति दी। पदमश्री गीता चंद्रन ने भगवान कृष्ण की लीलाओं पर आधारित “नवल बसंत वा नवल वृंदावन” की प्रस्तुति पर आयोजन स्थल झूम उठा। वहीं जानेमाने कथक डांसर राजेन्द्र गंगानी ने महाशिवरात्रि पर कथक डांस प्रस्तुत किया। जिसे देश कला प्रेमियों को महादेव का स्मरण हो आया।

गुरुवार शाम को महोत्सव का शुभारंभ मुख्य अतिथि मेयर डॉ. मुकेश आर्य बंधु, सांसद प्रतिनिधि जनार्दन शर्मा, श्री वत्स गोस्वामी, महामंडलेश्वर विमल चेतन गायत्री महाराज एवं कार्यक्रम की संयोजिका अंतरराष्ट्रीय कथक नृत्यांगना गीतांजलि शर्मा द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया।

प्रेम व उत्सव की भूमि कृष्ण की लीला स्थली वृन्दावन में हो रहे महोत्सव में सर्वप्रथम भजन गायिका गायत्री शर्मा ने संत सूरदास को नमन करते हुऐ “अंखियां हरी दर्शन की प्यासी” से शुरुआत की जिसके बाद पदमश्री गीता चंद्रन एंड ग्रुप ने भरतनाट्यम पर आधारित एक आध्यात्मिक प्रस्तुति से शुरुवात की इसके बाद पदमश्री गीता चंद्रन ने भगवान कृष्णा पर आधारित “नवल बसंत वा नवल वृंदावन” की प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया उनके साथ उनकी शागिर्द राधिका कठल, मधुरा भ्रीशुंडी, शुर्ता गोपालन ने सबको मंत्र मुग्ध कर दिया । पदमश्री गीता चंद्रन ने बेहत सुंदर व भावभीनी प्रस्तुतियां दी जिससे सारा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

संत शिरोमणि सूरदास महोत्सव के द्वितीय दिवस के मौके पर दिल्ली कथक केंद्र के प्रख्यात गुरु राजेंद्र गंगानी ने कथक नृत्य के माध्यम से शिवरात्रि के मौके पर भगवान शिव को समर्पित प्रस्तुति से पूरे सभागार को शिवमय कर दिया, उन्होंने अपने समूह के साथ सर्वप्रथम सूरदास जी पर आधारित एक भाव विभोर करने वाली प्रस्तुति प्रस्तुत की जिसके उपरांत तीन ताल में निबध शानदार तराना प्रस्तुत किया।

इस मौके पर सांसद हेमा मालिनी के प्रतिनिधि जनार्दन शर्मा ने महोत्सव की प्रस्तुतियां देख भाव विभोर हो गए और उन्होंने कहा कि सूरदास महोत्सव के माध्यम से यह प्रयास न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण योगदान है, सूरदास के पदों में है समाज के लिये एक अच्छा दर्पण जो समाज को आज भी कुछ ना कुछ सिखाता है।

कायक्र्रम की संयोजिका गीतांजलि शर्मा ने कहा कि जो मेने अपने गुरुओं से सीखा है वो समाज को लौटना चाहती हूँ, मेरा सपना है कि एक दिन सूरदास मोहत्सव विश्व पटल पर सूर्य सा प्रकाशित हो आज भले ही महोत्सव सबके लिये सिर्फ दो वर्ष का है, लेकिन आने वाले समय मे शास्त्रीय नृत्य और संगीत के क्षेत्र में इतिहास रचेगा सूरदास महोत्सव।

मुख्य अतिथि मेयर डॉक्टर मुकेश आर्य बंधु ने सूरदास महोत्सव के सफल आयोजन पर समति के सभी सदस्यों को शुभकामनाएं दी और कहा कि सूरदास महोत्सव जैसे आयोजन संस्कृति का ज्ञान बढ़ाते हैं। इस तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम मथुरा जनपद मेंं होते चाहिए ।

महोत्सव में विशिष्ट अतिथि गिरिराज महाराज कॉलेज के निदेशक आशुतोष शुक्ला ने कहा कि गीतांजलि शर्मा द्वारा अयोजित महोत्सव संस्कृति व कला के लिये उनका श्रेष्ठ योगदान है । सूरदास महोत्सव समिति व चंदन पांडे द्वारा धाना जीवना विद्यालय फरह को गोद लिया गया है तथा समिति द्वारा विद्यालय के प्रधानाचार्य इंद्र पाल सिंह को हार्मोनियम दे कर नव युवाओं में शास्त्रीय संगीत के प्रति प्रेम जागृत करने का एक सार्थक प्रयास किया है ।

इस मौके पर सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता सार्थक चतुर्वेदी, आहार विशेषज्ञ चंदन पांडेय, असित शंकर, सचिन दिवेदी, अजय शर्मा, नागेंद्र महाराज, डॉ. लक्ष्मी गौतम, साधना गोस्वामी, डॉक्टर वेद प्रकाश, महेश पांडे, रमाकांत शर्मा, वृषभान गोस्वामी, डॉक्टर नीतू गोस्वामी,माधव आचार्य, मोहित शर्मा, डॉ. पी आर शास्त्री, अक्षिता सिंह, दीक्षा सिंह, आदया खंडेलवाल, रोशनी आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे। महोत्सव का संचालन प्रमुख संचालिका अलका निवेदन ने किया।

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