Sunday, October 19, 2025
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बाघम्वर ओड़े सावंरौ यामें जोगी कौ हुनर कौन…

  • बरसाना में धूमधाम से निकली लठामार होली की प्रथम चौपाई
  • अबीर गुलाल में सराबोर होकर नाचे गोस्वामीजन

बरसाना। रूप बावरो नन्द महर सौ वौहर बनौ होरी को छैल रोकत टोकत घूंघट खोलत भर पिचकारी तकत पुरोजन यही भरे जौवन के फैलह्णह्ण बरसानौ हमारी रजधानी आदि पदों के साथ शुक्रवार को लठामार होली की प्रथम चौपाई निकाली गयी। वहीं चौपाई के दौरान अबीर गुलाल में सराबोर गोस्वामी समाज के लोग मदमस्त होकर नाचते गाते लाडली जी मन्दिर से रंगीली गली स्थित रंगेश्वर महादेव तक आये। इस दौरान गोस्वामीजनों द्वारा गाए जा रहे होली के पदों को सुनकर श्रद्धालु आनंद से भाव विभोर हो उठे।

भगवान श्रीकृष्ण की आल्हदनी शक्ति राधारानी की जन्म स्थली श्रीधाम बरसाना में बसंत पंचमी से होली महोत्सव की धूम मची हुई है। जिसके चलते शुक्रवार की देर शाम को गोस्वामी समाज के मुखिया रामभरोसी गोस्वामी के नेतृत्व में ढप, मृदंग, चंग, उपंग, झांझ, झालरियों की धुनों पर नाचते गाते हुए संध्या आरती के बाद प्रथम चौपाई निकाली गयी। लठामार होली की प्रथम चौपाई में गाए जाने वाले पदों को गोस्वामी समाज के लोग आन्नदमय होकर गाते हुए चल रहे थे। वहीं चौपाई के दौरान अबीर गुलाल भी उड़ाया जा रहा था।

मान्यता है कि शिवरात्रि के दिन सभी सखियां शंकर जी का व्रत रखती है तो इस दिन राधारानी अपनी सखियों के साथ संकेतवट में खेलने नही जाती है। जब श्रीकृष्ण राधारानी के दर्शन करने के लिए छद्म रूप धारणकर विलासगढ़ पहाड़ी पर आते है। सखियां जाकर के राधारानी से कहती है कि ह्यह्यबाघम्वर ओड़े सावंरौ यामें जोगी कौ हुनर कौनह्णह्ण राधारानी अपने साथ सखियों को लेकर सांकारी खोर में पहुंचकर छद्म रूप धारी भगवान श्रीकृष्ण को पहचान जाती है और कहती है।

ैह्ह्मनमोहन थोड़ा सावंरौ ठाड़ौ साँकरी खोरह्यह्य और इसी के साथ भगवान श्रीकृष्ण राधा जी के साथ होरी खेलते है। यह प्रथम चौपाई कस्बे के लाडली जी मन्दिर व दादी बाबा मंदिर होते हुए रंगीली गली में स्थित रंगेश्वर महादेव तक निकाली गई। इस अवसर पर गोस्वामीजनों द्वारा होली के विभिन्न पदों का गुणगान भी किया गया। ह्यह्यरूप बावरो नन्द महर सौ वौहर बनौ होरी को छैल रोकत टोकत घूंघट खोलत भर पिचकारी तकत पुरोजन यही भरे जौवन के फैलह्णह्ण बरसानौ हमारी रजधानी गहवरवन और खोर सांकरी,,।

ह्यह्य कलीदह खेलन आयौ काए की पट गेंद बनाई और काए कौ डंडा लायौ। ह्यह्यरेशम की पट गेंद बनाई, चदंन कौ डंडा लायौ। इन पदों को सुनकर श्रद्वालु आंनद से भाव विभोर होकर नाचने लगे। वहीं लठामार होली की द्वितीय चौपाई लड्डू होली के दिन निकाली जाएगी।

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