Saturday, April 27, 2024
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499 सालों में खास है इस बार की होली, दुर्लभ सर्वार्थसिद्धि एवं अमृतसिद्धि योग में मनाया जाएगा त्योहार

मथुरा। इस बार की होली पिछले 499 सालों में खास है। क्यों कि 29 मार्च को होली वाले दिन कन्या राशि में चंद्र विराजमान रहेंगे। गुरु, शनि दोनों अपनी ग्रह राशियों में रहेंगे। रंगों का त्योहार होली इस बार सर्वार्थसिद्धि योग में मनाया जाएगा। इस दौरान अमृत सिद्धि योग भी है। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि इस बार होली पर ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है। इस तरह से ग्रहों का योग 499 साल पहले तीन मार्च 1521 को बना था। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इसलिए खास है इस बार का होली पर्व।

होलाष्टक में रहता है नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव

पंचांग के अनुसार होलाष्टक का आरंभ 22 मार्च से हो जाएगा। इस दिन फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि रहेगी। ज्योतिष के मुताबिक चंद्रमा मिथुन राशि में विराजमान होंगे और इस दिन आद्रा नक्षत्र भी रहेगा। होलाष्टक के दौरान ग्रहों की नकारात्मकता बढ़ने से आठ दिन तक वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव रहेगा। ग्रह-नक्षत्र के कमजोर होने के कारण इस दौरान जातक की निर्णय क्षमता कम हो जाती है। इन दिनों में मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए। होलाष्टक के दौरान पूजा पाठ का विशेष महत्व होता है। होलाष्टक के समय में मौसम में बदलाव होता है, इसलिए दिनचर्या को काफी अनुशासित रखें।

नहीं होते मांगलिक कार्य

होलाष्टक के दौरान किसी भी तरह के मांगलिक कार्य नहीं होते हैं। विवाह संस्कार के मुहूर्त दिनों में नहीं होते हैं। इसलिए विवाह नहीं होते हैं। नए घर में प्रवेश भी इन दिनों में नहीं करना चाहिए। भूमि पूजन भी इन दिनों में न ही किया जाए तो बेहतर है। नवविवाहिताओं को इन दिनों में मायके में रहने की सलाह दी जाती है। हिंदू धर्म में 16 प्रकार के संस्कार बताए जाते हैं, इनमें से किसी भी संस्कार को संपन्न नहीं करना चाहिए।

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