Friday, May 3, 2024
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कोरोना काल में आरबीआई ने किए कई बड़े ऐलान, आम लोगों के साथ-साथ कारोबारियों को दी ये बड़ी राहत

नई दिल्ली। देश में कोरोना की दूसरी लहर के बीच हालात विस्फोटक हो गए हैं। देश में कोरोना मरीजों की बढ़ती तादाद के बीच देश की अर्थव्यवस्था एकबार फिर से बेपटरी होने लगी है। देश की अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए आरबीआई एक्शन में आ गई है। इसी कड़ी में आरबीआई गर्वनर शक्तिकांता दास प्रेस कॉन्फ्रेस कर कई बड़े ऐलान किए हैं।

आरबीआई ने प्रोप्राइटरशिप फर्मों, अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं और कानूनी संस्थाओं के हितकारी मालिकों जैसी ग्राहकों की नई श्रेणियों के लिए वीडियो केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) या वी-सीआईपी (वीडियो-आधारित ग्राहक पहचान प्रक्रिया) का दायरा बढ़ाने का भी फैसला किया है।

इस दौरान शक्तिकांता दास ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर से इकोनॉमी काफी बडे़ स्तर पर प्रभावित हुई है। इससे जुड़ी स्थितियों पर आरबीआई की नजर बनी हुई है। दूसरी लहर के खिलाफ बड़े कदम की जरुरत है। फइक पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है। उन्होंने आगे कहा कि कोरोना की पहली लहर के बाद इकोनॉमी में रिकवरी दिखनी शुरु हुई थी लेकिन दूसरी लहर ने एक बार फिर संकट पैदा कर दिया है।

सरकार वैक्सीनेशन में तेजी ला रही है। उन्होंने आगे कहा कि ग्लोबल इकोनॉमी में रिकवरी के संकेत है। भारत की बात करें तो भारतीय इकोनॉमी भी दबाव से उबरती दिख रही है। आगे अच्छे मॉनसून से ग्रामीण मांग में तेजी संभव है। मैन्यफैक्चरिंग इकाइयों में भी धीमापन थमता नजर आ रहा है। ट्रैक्टर सेगमेंट में तेजी बरकरार दिख रही है हालांकि अप्रैल में ऑटो रजिस्ट्रेशन में कमी दिखी है।

शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के चलते ग्रोथ के अनुमान घट सकते हैं। हालांकि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर अभी तक ज्यादा असर देखने को नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि ऑटो सेक्टर में अच्छी रिकवरी देखने को मिली है। ट्रैक्टर सेगमेंट ने जबर्दस्त प्रदर्शन किया है।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कोरोना संकट की जरूरत को देखते हुए इमर्जेंसी हेल्थ सेवाओं को लिए 50000 करोड़ का लोन दिया जाएगा। आरबीआई गवर्नर ने कहा, दुनिया के बाकी देशों के मुकाबले भारत में तेज रिकवरी हुई। मौसम विभाग ने इस साल सामान्य मॉनसून रहने अनुमान जताया है। अच्छे मॉनसून से ग्रामीण क्षेत्रों में मांग में तेजी रहने की संभावना है।

छोटे, मझोले और अन्य असंगठित क्षेत्र की संस्थाओं के लिए दस हजार करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है। ऐसे छोटे, मझोले या अन्य असंगठित क्षेत्र की संस्थाओं को दस लाख रुपये तक के नए लोन को दिया जा सकेगा। यह सुविधा 31 अक्टूबर तक ली जा सकेगी।

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