नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण को लेकर कांग्रेस नेता केंद्र और यूपी सरकार पर हमलावर हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस नेता और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने यूपी में गंगा नदी में तैर रहे शवों की न्यायिक जांच की मांग की है। जो हुआ वह अमानवीय और अपराधिक है। बिहार के बक्सर जिले के चौसा में महादेवा घाट और श्मशान घाट के बीच गंगा तट पर 71 शव बहते हुए मिले थे। मंगलवार को इन सभी शवों को पोस्टमार्टम को दफना दिया गया था।
फिर शवों की पहचान को डीएनए जांच के लिए नमूने सुरक्षित रख लिए गए थे। हालांकि, शवों के गलने से कोरोना संक्रमण का पता नहीं लग सका था। फिर भी बुधवार को जिला प्रशासन द्वारा गंगा नदी में लगाए गए जाल में उत्तर प्रदेश की तरफ से बहकर आए कुल पांच शव फंसे मिले। इनमें दो शव मंगलवार को जाल में फंसे थे। इससे पहले सोमवार को यूपी के हमीरपुर में यमुना नदी में सात शव उतराते मिले थे। इसके अलावा यूपी के गाजीपुर और बलिया में गंगा नदी में तैरते हुए शव मिले थे।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि गंगा में तैरती हुई अस्थियां महज एक आंकड़ा नहीं हैं, वे किसी के पिता, माता, भाई और बहन हैं। जो कुछ हुआ है वह आपको आपके अंदर तक हिला देता है। इसकी उसी सरकार से जवाबदेही होनी चाहिए जो बुरी तरह से विफल कर चुकी है।
गंगा किनारे दफन शवों का लगा अंबार, बिखरे पड़े कफन
उन्नाव जिले में गंगा के तकरीबन हर तट पर रेती में दफन शवों का अंबार लगा है। बक्सर हो या रौतापुर, परियर हो या बंदीमाता माता घाट हर जगह जिधर नजर डालिए, उधर रेत में शव दफनाकर समाधि बनाई गई दिखती है। जगह-जगह कफन बिखरे पड़े हैं। ये हालात कोरोना महामारी की भयावहता बयां करने के लिए काफी हैं। वहीं, पहले से अंतिम संस्कार के लिए तय घाटों पर भी चिताएं ही चिताएं लगी हुई हैं। खास बात ये है कि शवों को दफनाने में की गई जल्दबाजी से मानवीय संवेदनाएं तार-तार की जा रहीं हैं।


