Friday, March 29, 2024
Homeजुर्मखुलासा: 20 हजार रुपए महीनादारी देकर चित्रकूट की जेल में घूमते थे...

खुलासा: 20 हजार रुपए महीनादारी देकर चित्रकूट की जेल में घूमते थे कुख्यात बदमाश

चित्रकूट। जेल में गैंगवार और पुलिस मुठभेड़ को लेकर यहां से लखनऊ तक की कई जांच एजेंसियां जांच-पड़ताल कर रही हैं। वारदात के छह दिन बाद भी जांच से जुड़ा कोई भी अधिकारी कुछ भी नहीं बोल रहा है। इसी बीच जेल के अंदर दवा, किराने का सामान, कैंटीन संचालन के लिए जेल प्रशासन और बंदी रक्षकों पर मोटे कमीशन के आरोप लगे हैं। इसकी शिकायतें भी सीएम से लेकर एडीजी तक पहुंच चुकी हैं।


आरोप है कि जेल अधीक्षक और जेलर पर 20 हजार रुपये महीना लेकर कुख्यात बंदियों को बैरक की जगह जेल अस्पताल में भर्ती करा दिया जाता है। आरोप हैं कि जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के रिश्तेदार मेराजुददीन उर्फ मेराज अली और अंशू दीक्षित उर्फ सुमित को भी यह सुविधा मिली थी। कहने को दोनों को हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया था, लेकिन जब इनकी मर्जी होती थी बैरक से निकलकर अस्पताल परिसर में रहते थे।
कुख्यात बदमाश अंशू दीक्षित और मेराज अली से हर माह मोटी रकम लेकर बैरक की जगह अस्पताल में रखा जाता था।

चित्रकूट जिला जेल सन 2018 से विधिवत संचालित हुई थी। साल भार बाद से ही 2019 से जेल परिसर के सिस्टम को लेकर अधिकारियों और बंदीरक्षकों पर गंभीर आरोप लगने शुरू हो गए थे। कई लोगों ने मुख्यमंत्री, कारागार मंत्री, एडीजी जेल और मानवाधिकार आयोग को पत्र लिखकर जेल के अंदर हो रही अनियमितता की मार्च 2021 तक छह बार शिकायत की है।

जेल परिसर में अवैध रूप से कैंटीन संचालित कर मनमाने रेट पर सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। दवा के अलावा भोजन सामग्री खरीद में भी मोटा कमीशन अधिकारियों का होता है। लगातार शिकायतों के बाद भी किसी स्तर से स्थलीय जांच नहीं कराई गई।सुबह बंदियों को मुर्गा बनाकर दी थी गाली

जेल परिसर में 14 मई को गैंगवार के पूर्व सुबह जब बंदी नित्य क्रिया और नाश्ते के लिए बाहर आए तो शार्प शूटर अंशू दीक्षित का नंगा नाच शुरू हो गया था, वहां मौजूद बंदीरक्षकों और सुरक्षाकर्मियों ने उसे रोकने का प्रयास नहीं किया। न ही किसी अधिकारी को इसकी जानकारी दी। सूत्रों के अनुसार अंशू ने दस बंदियों को पिस्टल लहराते हुए अपने बैरक के पास रोका था और सभी को मुर्गा बनाकर गाली देते हुए पैर से मारा भी था। इसके बाद वह जब बैरक में गया तो बंदी जल्दी से नाश्ता लेकर अपनी-अपनी बैरक की ओर जाने लगे थे।

तीन नए बंदीरक्षक नियुक्त

जेल में खूनी खेल के दौरान जेल के अधिकारियों के साथ ही बंदीरक्षकों की मुख्य भूमिका सामने आई है। एक कोरोना पॉजिटिव बंदीरक्षक की बिना ड्यूटी मौजूदगी कई सवाल उठा रही है। प्रथम दृष्टया दो बंदीरक्षकों को निलंबित कर दिया गया है। बुधवार को जिला जेल में तीन नए बंदीरक्षकों की तैनाती कर दी गई है। जेल परिसर के सीसीटीवी कैमरों के खराब होने की जांच पूरी कर टीम लखनऊ लौट गई है। इसकी शासन को रिपोर्ट भेजी गई है। 14 मई को दो बदमाश मेराज और मुकीम को मारने के बाद अपराधी अंशू को पुलिस टीम के मार गिराने की घटना में शासन ने जेल अधीक्षक, जेलर, दो बंदीरक्षक और एक पीएसी जवान को निलंबित कर दिया है।

दो अन्य बंदीरक्षक पीडी पाल और जगमोहन की भूमिका की जांच जारी है। बंदियों के कारखास का भी इसमें महत्वपूर्ण रोल होने पर जांच टीम के सामने दो बार पेश किया जा चुका है। जेल अधीक्षक अशोक कुमार सागर ने बताया कि झांसी से दो व खीरी से एक बंदीरक्षक स्थानांतरित होकर चित्रकूट आए हैं। तीनों ने कार्यभार ग्रहण कर ड्यूटी शुरू कर दी है। बताया कि सीसीटीवी कैमरे की वर्तमान हालत की जांच करने आई लखनऊ की टीम जांच पूरी कर लौट गई है। इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी गई है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments