Monday, May 6, 2024
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मथुरा में आरएसएस ने हिन्दू संस्कृति की मर्यादाओं को किया तार-तार, पंडितों में रोष

मथुरा। हिन्दू संस्कृती रक्षा का दंभ भरने वाले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पदाधिकारियों ने मथुरा में सनातन धर्म धज्जियां उड़ाने का मामला सामने आया है। जूता, चप्पल पहनकर रेहड़ी रिक्शा में हवन करने से पंडित, धर्माचार्य और संघ के ही कुछ स्वयंसेवकों की आस्था को ठेस पहुंची हैं। वहंीं लोग भी संघ के इस कृत्य की निंदा कर रहे हैं। इतना हीं नहीं धर्माचार्य भी इसे धर्म सिद्धांतों के विरुद्ध ठहरा रहे हैं।


शुक्रवार को मथुरा की सड़कों पर लोगों को पांच जून को पर्यावरण दिवस पर हवन करने के लिए प्रेरित करने के लिए संघ के पदाधिकारी सड़कों पर आए। इस दौरान राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के महानगर कार्यवाह शिवकुमार और महानगर सह कार्यवाह विजय अग्रवाल स्वयंसेवकों के साथ रेहड़ी रिक्शा में सड़क पर जूते-चप्पल पहन कर यज्ञ करते नजर आए। लोगों ने संघ के पदाधिकारियों को हिन्दू सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु के स्वरुप यज्ञ का इस तरह मखौल उड़ाने पर निंदा की है।

दबी जुबान से नाम न छापने की शर्त पर संघ के ही स्वयंसेवकों का कहना है कि इस तरह संघ पदाधिकारियों द्वारा सनातन धर्म के विशेष अर्चना स्वरुप यज्ञ का मखौल उड़ाने से उन्हें अन्त: वेदना हुई है। लेकिन वह भी संगठन के अंग हैं, इसलिए वह बोल नहीं सकते।

आचार्य रामविलास चतुर्वेदी का कहना है कि यज्ञ कभी भी जूते चप्पल पहन कर नहीं किया जा सकता है। उसकी मान मर्यादा का ख्याल रखना चाहिए। यज्ञ भगवान विष्णु का स्वरुप है। उसको करने का स्थान भी पवित्र होना चाहिए। लेकिन वर्तमान समय में व्यक्ति मनमुखी होता जा रहा है। शास्त्र पीछे हो गए हैं।

वृंदावन के मनोहर शास्त्री , राजेश शर्मा का कहना है कि यज्ञ को सनातन धर्म में भगवान का स्वरुप माना जाता है। यज्ञ करने का सिद्धांत और नियम होते हैं। पवित्र और नियत स्थान पर यज्ञ किए जाते हैं। सड़क और रेहड़ी रिक् शाओं में यज्ञ नहीं होते। यह यज्ञ का अनादर किया जा रहा है। यज्ञ का मखौल बनाया जा रहा है। इस पर यज्ञाचार्य और और विद्वानों को यज्ञ के अनादार का विरोध करना चाहिए।

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