Wednesday, April 24, 2024
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राष्ट्र के नाम संबोधन में पीएम मोदी बोले -भारत की कोरोना के खिलाफ कई मोर्चों पर जंग जारी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि कोरोना के खिलाफ हम भारतवासियों की लड़ाई जारी है। दुनिया के अन्य देशों की तरह भारत भी इस ‘लड़ाई’ के दौरान पीड़ा से गुजरा है, हममें से कई ने इस जंग में अपने परिजनों-परिचितों को खोया है, ऐसे परिवारों के साथ हमारी पूरी संवेदना है। पीएम ने सोमवार को देश के नाम संबोधन में कहा कि बीते 100 सालों में आई यह सबसे बड़ी महामारी है। ऐसी महामारी विश्व ने देखी थी और न अनुभव की थी। ऐसे महामारी से हमारा देश कई मोर्चों पर एक साथ लड़ा है।

पीएम के राष्ट्र के नाम संबोधन की खास बातें…

  • देश के 80 करोड़ लोगों को नवंबर तक मिलेगा मुफ्त राशन
  • 21 जून से 18 साल से ऊपर के लोगों को फ्री कोरोना से बचाव का टीका, राज्यों को खरीदकर देंगे वैक्सीन
  • कोविड से लड़ने के लिए बीते सवा साल में देश में एक नया हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है।
  • दूसरी लहर के दौरान अप्रैल मई में ऑक्सीजन की डिमांड अकल्पनीय रूप से बढ़ गई थी। देश में इससे पहले कभी इतनी बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन की जरूरत कभी महसूस नहीं की गई।
  • स्वास्थ्य सुविधाओं को जुटाने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास हुए. ऑक्सीजन एक्सप्रेस चली। ऑक्सीजन के उत्पादन को 10 गुना तक बढ़ाया गया।
  • मुश्किल के इस समय में आवाजें उठने लगी थी कि भारत कैसी इतनी बड़ी आबादी को आपदा से बचा पाएगा। लेकिन साथियों जब नीति साफ हो और नीयत अच्छी हो तो परिणाम मिलते हैं।
  • आज देश में 23 करोड़ लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है. हमारे प्रयासों में सफलता तब मिलती है जब हमें स्वयं पर विश्वास होता है।
  • हमें विश्वास था कि हमारे वैज्ञानिक बेहद कम समय में वैक्सीन तैयार कर साल में दो मेड इन वैक्सीन मिले।
  • हमारी तैयारी जैसी हैं उससे टीकाकरण को और गति मिलने वाली है। टीके की सप्लाई बढ़ने वाली है। सात वैक्सीन कंपनियां काम कर रही हैं, तीन और आने वाली हैं।
  • हमारी तैयारी जैसी हैं उससे टीकाकरण को और गति मिलने वाली है। टीके की सप्लाई बढ़ने वाली है। सात वैक्सीन कंपनियां काम कर रही हैं, तीन और आने वाली हैं।
  • हमने अपने हैल्थ वर्कस और फ्रंटलाइन वर्कर्स को पहले वैक्सीन लगाने का फैसला किया क्योंकि ज्यादा जोखिम सामना करते हैं। कल्पना करिए कि दूसरी लहर के पहले वैक्सीन न लगती तो क्या होता। हमने चरणबद्ध तरीके से टीकाकरण शुरू किया और पहले वारियर्स को टीका लगाया फिर बुजुर्गो को।
  • बच्चों के लिए भी दो वैक्सीन के ट्रायल चल रहे हैं। नेजल वैक्सीन पर काम चल रहा है जो नाक से दी जाएगी। यह सबसे अपने आप में उपलब्धि है लेकिन इसकी सीमाएं हैं। वैक्सीन बनने के बाद बहुत कम खासकर विकसित देशों में ही ट्रायल शुरू हो पाया।

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