Thursday, April 25, 2024
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कोर ब्रांच में इंजीनियरिंग के बाद रोजगार के अपार अवसर: प्रो. अनूप


-जीएलए कोर ब्रांच के हजारों छात्र विभिन्न सैक्टरों में छोड़ रहे छाप, विदेशों में भी हैं कार्यरत


मथुरा। 12वीं के बाद कोर्सेज में सबसे अधिक डिमांड इंजीनियरिंग की होती है। हाल ही में प्रदेश सरकार द्वारा 12वीं की परीक्षा रद्द करने के बाद विद्यार्थियों के मन में फेल होने का कोई संकोच नहीं रह गया है। सभी विद्यार्थी पास होने की दशा में हैं। ऐसे में अधिक से अधिक छात्र इंजीनियरिंग की तैयारियों में व्यस्त हैं और दिमाग में कहीं न कहीं टे्रड को लेकर चिंतित हैं। छात्रों की इसी चिंता को दूर करते हुए जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के डीन एकेडमिक प्रो. अनूप कुमार गुप्ता ने छात्रों की कॅरियर काउंसलिंग की है।

एक्सपट्र्स के मुताबिक, इंजीनियरिंग में कोर ब्रांच बेहतर भविष्य के लिए एक बेहतरीन कॅरियर विकल्प है, लेकिन स्थिति तब बिगड़ती है जब ज्यादातर बच्चे अन्य ब्रांचों को बतौर करियर ऑप्ट करने की होड़ में शामिल हो जाते हैं। वे बिना खुद को परखे, बगैर अपनी अबिलिटी को जांचे, कई फील्ड को चुन लेते हैं। नतीजा, भविष्य में सोच के मुताबिक बेहतर नहीं कर पाते। कोर ब्रांच की अगर बात की जाय तो इनमें सिविल इंजीनियरिंग भी छात्रों का कॅरियर डेवलप करने में अधिक कारगर है। चूंकि आज हर तरफ विकास की बात हो रही है और विकास का सीधा जुड़ाव इंफ्राइस्ट्रक्चर से है। इसलिए आज के समय में इस ब्रांच की वैल्यू काफी बढ़ गई है। इस ब्रांच की खास बात यह है कि यह प्राइवेट के साथ-साथ सरकारी क्षेत्र में भी बड़े स्तर पर दखल रखता है।

इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजिनियरिंग ब्रांच का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप प्राइवेट कंपनी के साथ-साथ पीएसयू जैसे इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया आदि के लिए भी एलिजबिल हो जाते हैं। औसतन इस ट्रेड से पढ़ाई करने वाले फ्रेशर्स को कंपनियां 5 से 7 लाख और इससे अधिक तक के पैकेज ऑफर करती हैं।

इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग सदाबहार ब्रांच के रूप में जाना जाता है। जानकारों का मानना है कि इस ब्रांच में रोजगार हमेशा बना रहता है। इस ब्रांच से भी पीएसयू के रास्ते आपके लिए खुल जाते हैं। बाकी प्राइवेट सेक्टर में तो जॉब है हीं। विदेशों में भी इस ब्रांच से पढ़े लोगों की हमेशा डिमांड रहती है। आज भी जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के 6000 से अधिक छात्र विदेशों में विभिन्न कंपनियों अपनी छाप छोड़ रहे हैं।


जब भी मैन्यूफैक्चिरिंग का नाम आता है, चाहे वो किसी भी क्षेत्र का क्यों न हो। वहीं मैकेनिकल इंजीनियरिंग की महत्ता को दर्षाता है। हर व्यक्ति जानता है कि किसी भी चीज का निर्माण मैकेनिकल इंजीनियरिंग के बिना संभव नहीं है। आधुनिक समय में विभिन्न क्षेत्र में जैसे ऑटोमेशन, रोबोटिक्स में रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया‘ की पहल के चलते आने वाले समय में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की उपयोगिता बहुत अधिक बढ़ने वाली है। औसतन इस ट्रेड से पढ़ाई करने वाले फ्रेशर्स को कंपनियां 4 से 7 लाख से अधिक तक के पैकेज ऑफर करती हैं।

प्रो. गुप्ता ने बताया कि जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के सत्र 2020-21 के 2100 से अधिक छात्रों का चयन 400 से अधिक कंपनियों में हो चुका है। आज जीएलए के 6000 से अधिक छात्र विदेशों में नामी-गिरामी कंपनियों में अपनी छाप छोड़ रहे हैं। पिछले कई वर्षों के मुकाबले वर्तमान सत्रों में कंपनियों ने कोर ब्रांचों के छात्रों के लिए रोजगार के द्वार तो खोले ही हैं, बल्कि औसतन पैकेज में भी जबरदस्त उछाल देखने को मिलता है। 5 लाख से लेकर 32 लाख तक के ऑफर छात्रों को प्रदान किए गए हैं। इस मुख्य कारण है कि कोर ब्रांच में अध्ययनरत छात्रों को रिसर्च से लेकर विभिन्न कार्यक्षेत्रों में कुशलता के मौके मिल रहे हैं।

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