Sunday, May 19, 2024
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ब्रज में देशभर से आए शिष्यों ने किया गुरु पूजन, ली दीक्षा, धूमधाम से निकाली मुड़िया शोभायात्रा

मथुरा। गुरु पूर्णिमा पर्व पर ब्रज में पूर्ण आस्था और विश्वास के साथ देशभर से आए शिष्यों ने अपने गुरुजनों का पूजन कर दीक्षा ली। वहीं गोवर्धन में सैकड़़ों वर्ष पुरानी मुड़िया शोभायात्रा धूमधाम के साथ निकाली गई। भक्तों ने जगह-जगह संतों का स्वागत किया।


वृंदावन के आश्रमों और मठों में देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आए। शिष्यजन अपने गुरु स्थान पर पहुंच कर संत, महंतों का गुरुजन के रुप में पूजन किया। संत, महंतों ने उन्हें तुलसी की कंठी धारण कराई और गुरुमंत्र दिया। गुरु शिष्य परंपरा का निर्वाह देर शाम तक आश्रमों में किया गया। आश्रमों मे सैकड़ों शिष्यों की लाइन देखी गई। वहीं संत महंत और भागवताचार्य भी दिनभर शिष्यों के बीच रहकर उन्हें गुरु दीक्षा देते नजर आए। शिष्यों ने गुरु पूजन के बाद मंदिरों में दर्शन किए और नगर की परिक्रमा लगाई।


मलूक पीठाधीश्वर राजेन्द्र दास महाराज, सुदामा कुटी के महंत सुतीक्ष्ण दास महाराज, वात्सल्य ग्राम में साध्वी ऋतम्भरा, महंत फूलडोल बिहारी दास, रमणरेती महावन में काष्र्णि गुरु शरणानन्द महाराज का पूजन किया गया। कोविड के कारण गुरु शरणानन्द महाराज की चांदी की चरणपादुकाओं का सुदूर क्षेत्रों से आए शिष्यों ने पूजन किया।

कोविड काल से पहले गोवर्धन में लाखों श्रद्धालु मुडिया पूर्णिमा मेला में शामिल होने के लिए आया करते थे। लेकिन इस बार कोविड महामारी के चलते डीएम ने मुड़िया पूूर्णिमा मेला निरस्त कर गोवर्धन की सीमाएं पांच दिन के लिए सील करा दी है। गोवर्धन की सीमाओं पर पुलिस के पहरे के बीच गोवर्धन में संतों ने धूमधाम के साथ मुड़िया शोभायात्रा निकाली। शोभायात्रा चकलेश्वर के श्रीराधा श्यामसुन्दर मंदिर से शुरु होकर नगर के प्रमुख मार्गों से होते हुए पुन: मंदिर पहुंची।


संत श्यामसुन्दर दास ने बताया कि यहां सनातन गोस्वामी के 1558 में गोलोकधाम पधारने पर उनके शिष्यों ने सिर मुड़ाकर मानसी गंगा की परिक्रमाा लगाई थी। उसी परंपरा का गोवर्धन के चकलेश्वर स्थित श्रीराधाश्यामसुन्दर मंरि के संत वर्तमान में भी निर्वाहन कर रहे हैं। इस परंपरा के अनुसार संतों और गौड़ीय भक्तों ने मंदिर में सिर मुंडन कराया। इसके दूसरे दिन शनिवार को मानसी गंगा में स्नान कर 463 वीं बार मुड़िया शोभायात्रा हरिनाम संकीर्तन के साथ निकाली।

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