Saturday, April 20, 2024
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कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को रखें सुरक्षित, इन बातों का रखें ख्याल

देश में वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को लेकर आंशकाएं जताई जा रही हैं और विशेषज्ञों द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि चूकि बच्चों के वैक्सीनेशन नहंी हो रहा है इसलिए यह लहर बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक हो सकती है। इस बीच पिछले कुछ दिनों से कोरोना के केस बढ़ते देखे जा रहे हैं। इस तरह के डर के बीच देश में ज्यादातर स्कूल दोबारा से खुल गए हैं, जिससे बच्चों में संक्रमण का खतरा और भी अधिक होने की आशंका जताई जा रही है।


स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, बच्चों को कोरोना से सुरक्षित रखने में माता-पिता की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है। चूंकि करीब डेढ़ साल की ऑनलाइन पढ़ाई के बाद बच्चे दोबारा से स्कूल जाने लगे हैं, ऐसे में उन्हें विशेष सुरक्षा देने की आवश्यकता है। आइए इस लेख में आगे की स्लाइडों में जानते हैं कि कोरोना की तीसरी लहर के डर के बीच बच्चों को संक्रमण से सुरक्षित रहने के लिए माता-पिता को किन बातों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है?

कोविड-19 और अन्य बीमारियों के अंतर

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, मौजूदा समय में कोविड-19 के साथ अन्य मौसमी बीमारियों का भी दौर चल रहा है। डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया के साथ-साथ मौसमी फ्लू के लक्षण भी कोरोना संक्रमण से मिलते जुलते होते हैं, ऐसे में इन लक्षणों को समझना हर माता-पिता के लिए आवश्यक है। यदि बच्चे को बुखार है तो यह जरूर नहीं है कि वह कोरोना से ही संक्रमित हो। बच्चों में कोरोना के लक्षणों में स्वाद-गंध न आने की समस्या भी कम ही होती है, ऐसे में इस बारे में डॉक्टर से सलाह जरूर ले लें।

बच्चों में कोरोना के लक्षण

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक बच्चों में कोरोना के गंभीर लक्षणों का खतरा कम होता है। सामान्यतौर पर बंद नाक, शरीर-मांसपेशियों में दर्द, छींक-खांसी आने के साथ बुखार के लक्षण बच्चों में देखे जा सकते हैं, हालांकि मानसून के मौसम में सिर्फ ऐसे लक्षणों के आधार पर ही कोरोना की पुष्टि नहीं का जा सकती है। कुछ रिपोर्टस में दावा किया जा रहा है कि संक्रमित बच्चों और किशोरों में कोविड-टो के लक्षण हो सकते हैं, हालांकि यह ज्यादा सामान्य नहीं है। यदि लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं तो डॉक्टर की सलाह पर कोरोना की जांच करा लें।

बच्चों में संक्रमण की स्थिति

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, यदि बच्चे का कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आता है तो उसे स्कूल बिल्कुल न भेजें। घबराएं नहीं और परिवार के अन्य सदस्यों की भी जांच करा लें। बच्चों को हाइड्रेटेड रखने के लिए तरल पदार्थ देते रहें और पर्याप्त आराम करने दें। डॉक्टर की सलाह के आधार पर ही दवाइयों को प्रयोग में लाएं। अचानक सांस लेने में तकलीफ, सीने में तेज दर्द, तेज बुखार, पेट में तेज दर्द जैसे लक्षणों से सावधान रहें, क्योंकि यह मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम का संकेत हो सकता है। बच्चों में यह समस्या ज्यादा देखने को मिल रही है।

बच्चों को संक्रमण से कैसे रखें सुरक्षित?

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, बच्चों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए उन्हें कोरोना से बचाव के नियमों के बारे में समझाएं और उनका पालन सुनिश्चित करें। स्कूल भेजते समय मास्क जरूर लगाकर भेजें और हाथों की साफ-सफाई की आदत डालें। अनावश्यक रूप से किसी भी सतह को छूने से होने वाले नुकसान और सोशल डिस्टेंसिंग के बारे में जागरूक करें। बच्चों के लिए वैक्सीन उपलब्ध होते ही तुरंत टीकाकरण कराएं।

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