Tuesday, September 16, 2025
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एथोस की संस्थापक गीता बालकृष्णन का जीएल बजाज में अभिनंदन

  • छात्र-छात्राओं से साझा किए कोलकाता से दिल्ली की पदयात्रा के अनुभव


थुरा। अच्छे डिजाइन जीवन को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं इस बात की जानकारी जन-जन को देने के लिए एथोस की संस्थापक आर्किटेक्ट गीता बालकृष्णन इन दिनों कोलकाता से नई दिल्ली की पदयात्रा पर हैं। मंगलवार को उन्होंने अपना कुछ समय जीएल बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस मथुरा को दिया। इस अवसर पर उन्होंने प्राध्यापकों और छात्र-छात्राओं को अपनी कठिन पदयात्रा के उद्देश्यों की जानकारी दी।


कोलकाता से नई दिल्ली की कोई 1700 किलोमीटर लम्बी पदयात्रा पर निकलीं गीता बालकृष्णन का जीएल बजाज पहुंचने पर संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी, आर्किटेक्चर विभाग की प्रमुख आर्किटेक्ट तानिया बेरा व छात्र-छात्राओं ने करतल ध्वनि के बीच जोरदार अभिनंदन किया। गीता बालकृष्णन के साथ इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट्स के पूर्व अध्यक्ष आर्किटेक्ट दिव्यकुश भी आए।


गीता बालकृष्णन के लिए जीएल बजाज मथुरा में संस्थान नवाचार परिषद और महिला प्रकोष्ठ के सहयोग से छात्र-छात्राओं और संकाय सदस्यों के साथ एक इंटरेक्टिव सत्र का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत आर्किटेक्ट जयकेश मिश्रा, सहायक प्रोफेसर के स्वागत भाषण से हुई। इसके बाद डॉ. नक्षत्रेश कौशिक, सदस्य जीएल बजाज महिला सेल द्वारा एक सम्बोधन नोट और अस्मा फारुक द्वारा आर्किटेक्ट गीता बालकृष्णन का औपचारिक परिचय दिया गया।
निदेशक जीएल बजाज मथुरा प्रो. नीता अवस्थी और इंस्टीट्यूट इनोवेशन सेल के उपाध्यक्ष डॉ. रमाकांत बघेल ने आर्किटेक्ट गीता बालकृष्णन का स्वागत किया। इस अवसर पर प्रो. नीता अवस्थी अध्यक्ष इंस्टीट्यूट इनोवेशन सेल ने कहा कि आज के समय में कम्प्यूटर साइंस में डिजाइन का बहुत महत्व है। इस अवसर पर गीता बालकृष्णन ने छात्र-छात्राओं से अपने सम्बोधन में कहा कि हमारे जीवन में परिवर्तन के लिए एक उपकरण के रूप में डिजाइन की प्रमुख भूमिका है। उन्होंने कोलकाता से अब तक की पैदल यात्रा के अपने कठिन अनुभव भी साझा किए।


गौरतलब है कि गीता बालकृष्णन की इस साहसिक पदयात्रा की उद्योग जगत तथा जनप्रतिनिधियों ने काफी सराहना की है। महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने हाल ही में अपनी कहानी ट्वीट की और गीता बालकृष्णन को अपना समर्थन दिया। जीएल बजाज परिवार ने भी उन्हें उनकी शेष यात्रा के लिए “गुड लक” कह शुभकामनाएं दीं। स्वागत-अभिनंदन के बाद गीता बालकृष्णन नई दिल्ली के लिए रवाना हो गईं।

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