Saturday, September 20, 2025
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प्रस्तावित डेवलपमेंट प्लान में मथुरा के बांकेबिहारी मंदिर से न हो छेड़छाड़ – हाईकोर्ट

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा स्थित ठाकुर बांके बिहारी जी महाराज मंदिर के प्रस्तावित डेवलपमेंट प्लान पर सुनवाई करते हुए कहा कि मूल मंदिर के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं किया जाएगा। साथ ही बिहारीजी मंदिर की पूजा अर्चना में लगे सेवायतों के मंदिर प्रबंधन में भी शासन का किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं होगा। कोर्ट ने कहा कि मंदिर के आसपास की जो जमीन, क्षेत्र के विकास के लिए खरीदी जाएगी, वह जमीन ठाकुर बांके बिहारी जी महाराज के ही नाम से रहेगी। यह आदेश चीफ जस्टिस राजेश बिंदल एवं जस्टिस जेजे मुनीर की खंडपीठ ने याची अनंत शर्मा तथा कई अन्य सूचीबद्ध याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पारित किया।

हाईकोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति सुधीर नारायण ने मथुरा के बांके बिहारी मंदिर के आसपास के क्षेत्र में विकास के लिए एक प्लान पेश किया। पूर्व जज की ओर से दी गई रिपोर्ट में मंदिर में भीड़-भाड़ को नियंत्रित करने तथा मंदिर के आसपास के 5 एकड़ एरिया को विकसित करने की योजना दी गई है। कोर्ट ने पूर्व जज से भीड़ नियंत्रण व विकास योजना पर निरीक्षण कर सुझाव देने का अनुरोध किया था, जिस पर उन्होंने अदालत में रिपोर्ट पेश की।

17 जनवरी को अगली सुनवाई याची अनंत शर्मा व अन्य की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान मंदिर के पुजारियों/सेवायतों की तरफ से कहा गया कि मंदिर के आसपास के एरिया में विकास करने व दर्शनार्थियों के हित में किए जा रहे कार्यों का कोई विरोध नहीं है। सेवायतों की मांग है कि ठाकुर बिहारी जी मंदिर के प्रबंधन में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए।

कोर्ट ने न केवल बांके बिहारी मंदिर बल्कि उससे सटे हुए अन्य प्रमुख मंदिरों के साथ भी प्रशासन से छेड़छाड़ न करने को कहा है। सरकार की तरफ से कहा गया कि लगभग 250 करोड़ रूपये बांके बिहारी जी के नाम से जमा है। कोर्ट ने सरकार से मंदिर के आसपास की एरिया को विकसित करने के लिए प्लान मांगा है। भीड़ को नियंत्रित करने के उद्देश्य से सरकार से भी एक विस्तृत प्लान मांगा है. 17 जनवरी 2023 को मामले की अगली सुनवाई होगी।

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