Sunday, May 19, 2024
Homeशिक्षा जगतआईटी युग में एण्ड्रायड का महत्वपूर्ण स्थानः रविशंकर मिश्र

आईटी युग में एण्ड्रायड का महत्वपूर्ण स्थानः रविशंकर मिश्र

  • राजीव एकेडमी में एण्ड्रायड पर कार्यशाला आयोजित

मथुरा। आज के दौर में स्मार्टफोन हर किसी की जरूरत बन चुका है। आधुनितम तकनीकों से युक्त स्मार्टफोन इंसान की जिन्दगी को जहां आसान बना रहे हैं वहीं इनसे शिक्षा के क्षेत्र में भी क्रांतिकारी बदलाव देखे जा सकते हैं। अब सब कुछ आपकी उंगलियों पर है। चाहे व्यवसाय प्रबंधन की जिम्मेदारी हो या फिर मनोरंजन के कुछ पल जीने की बात, स्मार्टफोन सबसे अधिक कारगर है। यह बातें सोमवार को राजीव एकेडमी में आयोजित कार्यशाला में रिसोर्स परसन (वर्कशॉप) रविशंकर मिश्र (ट्रेनर डुकैट नोएडा) ने एमसीए के छात्र-छात्राओं को बताईं।
श्री मिश्र ने बताया कि विभिन्न तकनीकों से युक्त एण्ड्रायड शैक्षिक उद्देश्यों की पूर्ति में कारगर हैं वहीं इनके माध्यम से व्यावहारिक संसाधन भी आसानी से जुटाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि एण्ड्रायड ने शिक्षा में काम करने के तरीके को भी बदल दिया है। रिसोर्स परसन ने आईटी युग में एण्ड्रायड को महत्वपूर्ण बताते हुये कहा कि यह डिवाइस सिर्फ काम ही नहीं करती बल्कि हमारी जिन्दगी को आसान बनाती है।
रिसोर्स परसन ने कहा कि एण्ड्रायड ही है जिसकी मदद से जीपीएस ट्रेफिक से बचाता है। आपकी घड़ी मैसेज भेजती है और आपका असिस्टेंट सवालों के जबाव देता है। यह एक ऐसा आपरेटिंग सिस्टम है जो करोड़ों चालू डिवाइस में मौजूद है। यह आपरेटिंग सिस्टम डिवलपर्स और हार्डवेयर निर्माताओं को सॉफ्टवेयर में बदलाव की अनुमति देता है।
उन्होंने छात्र-छात्राओं को एण्ड्रायड अल्फा, एण्ड्रायड बीटा, एण्ड्रायड क्यूपैक, एण्ड्रायड डॉट आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एण्ड्रायड मूलतः एक लिंक्स आधारित आपरेटिंग सिस्टम है जो मुख्य रूप से स्मार्टफोन और टेबलेट पर चलता है। श्री मिश्र ने बताया कि वर्तमान में लगभग एक दर्जन लेटेस्ट एण्ड्रायड मार्केट में उपभोक्ताओं की पसंद बने हुए हैं।
रिसोर्स परसन श्री मिश्र ने छात्र-छात्राओं को बताया कि हर आविष्कार की तरह एण्ड्रायड के भी अच्छे और बुरे पक्ष हैं। जरूरत इन दोनों पक्षों को ध्यान में रखने की है। छात्र जीवन में समय प्रबंधन के साथ ही नोटपैड, अलार्म, रिमाइंडर, कैलेंडर, डिजिटल आयोजक और सूची-निर्माता जैसे ऐप छात्रों को उनके शैक्षणिक और पाठ्येतर जीवन को ट्रैक पर रखने में मदद करते हैं। वे यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि वे कभी भी असाइनमेंट की समय सीमा न चूकें या परीक्षा की तारीख न भूलें। अंत में संस्थान के निदेशक डॉ. अमर कुमार सक्सेना ने रिसोर्स परसन रविशंकर मिश्र का आभार माना।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments