Monday, May 20, 2024
Homeन्यूज़बीसीए डिग्री धारियों के लिए जॉब के अवसरों की कमी नहीं राजीव...

बीसीए डिग्री धारियों के लिए जॉब के अवसरों की कमी नहीं राजीव एकेडमी के छात्र-छात्राओं को बताया बीसीए डिग्री का महत्व

मथुरा। तकनीकी प्रगति, डिजिटलीकरण तथा सूचना प्रौद्योगिकी के इस दौर में बीसीए डिग्री युवाओं के सपनों को चार चांद लगा रही है। बीसीए यानी बैचलर ऑफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन तीन साल का ऐसा स्नातक पाठ्यक्रम है जो छात्र-छात्राओं को बुनियादी कम्प्यूटिंग कौशल और सॉफ्टवेयर विकास का ज्ञान प्रदान करता है। यह आमतौर पर सूचना प्रौद्योगिकी की दुनिया में पहला कदम है। यह बातें राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट में आयोजित कार्यशाला में बीसीए के छात्र-छात्राओं को अतिथि वक्ता हितेन्द्र सिंह (एण्टर प्राइस आर्किटेक्ट-कैलीफोर्निया) ने बताईं।
बीसीए की डिग्री के बाद मिलने वाले अवसरों पर अतिथि वक्ता हितेन्द्र सिंह ने कहा कि बीसीए स्नातकों के लिए कई क्षेत्रों में नौकरी के विविध अवसर हैं। बड़ी संख्या में ऐसे पाठ्यक्रम हैं जिन्हें बीसीए स्नातक अपने करियर और कौशल सेट को बढ़ाने के लिए अपना सकते हैं, जिनमें मास्टर इन कम्प्यूटर एप्लीकेशन (एमसीए), मास्टर्स इन कम्प्यूटर मैनेजमेंट (एमसीएम), मास्टर्स इन इंफॉर्मेशन मैनेजमेंट, मास्टर इन इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी मैनेजमेंट आदि शामिल हैं। इनके अलावा बीसीए स्नातक डिजिटल मार्केटिंग, नेटवर्क सुरक्षा, साइबर सुरक्षा और कोडिंग जैसे अल्पकालिक पाठ्यक्रमों में भी दक्षता हासिल कर सकते हैं।
अतिथि वक्ता ने छात्र-छात्राओं को बताया कि बीसीए आईटी क्षेत्र का बेस है लिहाजा उन्हें कम्प्यूटर नेटवर्किंग, डाटाबेस, वेब डेवलपमेंट, सॉफ्टवेयर टेस्टिंग, प्रोग्रामिंग, डिजिटल मार्केटिंग और कम्प्यूटर ग्रॉफिक्स आदि में दक्षता हासिल करने की तरफ भी ध्यान देना चाहिए। अतिथि वक्ता ने राजीव एकेडमी को बीसीए के लिए बेहतर संस्थान बताते हुए कहा कि सॉफ्टवेयर उद्योग अपनी तेज गति और लगातार बदलती प्रकृति के लिए जाना जाता है। यह उद्योग लगातार विकसित और बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि सॉफ्टवेयर का उपयोग प्रौद्योगिकी, वित्त, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा तथा कई अन्य उद्योगों सहित व्यापक श्रेणी में किया जाता है। हाल के वर्षों में सॉफ्टवेयर विकास और संबंधित सेवाओं की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, क्योंकि सभी प्रकार के व्यवसाय और संगठन अपने संचालन को डिजिटल बनाने और प्रौद्योगिकी के उपयोग में सुधार करना चाह रहे हैं। उन्होंने कहा कि सॉफ्टवेयर कई प्रकार के होते हैं, जिनमें ऑपरेटिंग सिस्टम, एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर और सिस्टम सॉफ्टवेयर शामिल हैं। उन्होंने छात्र-छात्राओं से नवीनतम तकनीक के साथ हमेशा अद्यतन रहने की आवश्यकता पर बल दिया।
अतिथि वक्ता ने बताया कि हमारे देश में बैचलर ऑफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन कोर्स का दायरा काफी व्यापक और विविध है। जिन छात्र-छात्राओं ने यह डिग्री पूरी कर ली है, वे सरकारी संगठनों, आईटी कम्पनियों, बैंकिंग और वित्तीय संस्थानों, दूरसंचार, शिक्षा तथा स्वास्थ्य सेवा सहित विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पा सकते हैं। वे सॉफ्टवेयर डेवलपर, सिस्टम विश्लेषक, नेटवर्क प्रशासक, वेब डिजाइनर और आईटी प्रोजेक्ट मैनेजर आदि के रूप में भी काम कर सकते हैं। अंत में संस्थान के निदेशक डॉ. अमर कुमार सक्सेना ने अतिथि वक्ता का आभार माना।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments