Sunday, December 8, 2024
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के.डी. हॉस्पिटल में हुई एक माह की बच्ची के गुर्दे की सर्जरी, विशेषज्ञ शिशु शल्य डॉ. श्याम बिहारी शर्मा का प्रयास सफल

मथुरा। विशेषज्ञ शिशु शल्य डॉ. श्याम बिहारी शर्मा के प्रयासों से के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर में एक ऐसी बच्ची को नवजीवन मिला है, जिसके जन्म से पहले ही गुर्दे में सूजन थी। डॉ. श्याम बिहारी शर्मा द्वारा एक माह की बच्ची के गुर्दे की मुश्किल सर्जरी कर निराश माता-पिता के चेहरे पर मुस्कान लौटा दी गई है। अब बच्ची स्वस्थ है तथा मां का दूध भी पीने लगी है।
जानकारी के अनुसार कुछ माह पहले पुन्हाना जमालगढ़ रोड जिला नूंह (हरियाणा) निवासी अनिल कुमार अपनी गर्भवती पत्नी ज्योति के बारे में सलाह लेने के.डी. हॉस्पिटल आया था। कारण ज्योति के गर्भस्थ शिशु के गुर्दे में सूजन थी। डॉ. श्याम बिहारी शर्मा ने ज्योति की जांच रिपोर्टों को देखा और अनिल को सलाह दी कि शिशु के जन्म के उपरान्त ही उसका आपरेशन से इलाज हो सकता है। डॉ. शर्मा की सलाह मानते हुए अनिल सपत्नीक घर लौट गया। कुछ दिन बाद ज्योति ने बच्ची को जन्म दिया।
जब बच्ची एक माह की हो गई तब अनिल कुमार सपत्नीक फिर से के.डी. हॉस्पिटल आया और डॉ. श्याम बिहारी शर्मा से मिला। डॉ. शर्मा ने नवजात बच्ची की सोनोग्राफी करवाई, जिसमें बच्ची के गुर्दे में सूजन पाई गई। इसे मेडिकल भाषा में जन्मजात हाइड्रोनेफरोसिस कहते हैं। बच्ची की क्रमवार सोनोग्राफी से पता चला कि यह सूजन बढ़ती ही जा रही है, जिसका समय से आपरेशन जरूरी है। परिजनों की स्वीकृति के बाद चार जुलाई को डॉ. श्याम बिहारी शर्मा द्वारा एक माह की बच्ची के गुर्दे की सर्जरी की गई तथा गुर्दे को नष्ट होने से बचा लिया गया। सर्जरी के दौरान सूजन वाला हिस्सा काट कर अलग कर दिया गया और जहां पर यूरिन पाइप संकरी थी, उसे हटाकर नॉर्मल हिस्से को जोड़ दिया गया। इस मुश्किल सर्जरी में डॉ. श्याम बिहारी शर्मा का सहयोग डॉ. समर्थ, डॉ. शफक, इंटर्न डॉ. साहिल श्रीवास्तव तथा डॉ. हिमांशु गर्ग ने किया।
इस सर्जरी पर डॉ. श्याम बिहारी शर्मा का कहना है कि इतने कम उम्र के बच्चे की सर्जरी करने पर कई तरह से तैयारी करनी पड़ती है, ऐसे मामलों में बेहोशी के चिकित्सक भी रुकावट पैदा करते हैं। डॉ. शर्मा का कहना है कि सर्जरी के बाद बच्ची की परेशानी पूरी तरह से दूर हो गई है। डॉ. शर्मा का कहना है कि यह परेशानी जन्मजात होती है लेकिन पता लगने के बाद जितनी जल्दी सर्जरी करा ली जाए, उतना सही रहता है। डॉ. शर्मा बताते हैं कि यह बच्ची जब गर्भ में थी तभी पता चल गया था कि उसके किडनी में सूजन है।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल, डीन और प्राचार्य डॉ. रामकुमार अशोका तथा उप प्राचार्य डॉ. राजेन्द्र कुमार ने नवजात बच्ची की सफल सर्जरी करने वाले चिकित्सकों की टीम को बधाई देते हुए बच्ची के स्वस्थ जीवन की कामना की है।

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