

मथुरा। दंत चिकित्सा उपचार के क्षेत्र में बहुत तेजी से प्रगति हो रही है। तकनीक, उपचार और रोगी देखभाल में सुधार के साथ डिजिटल टूल्स, 3डी प्रिंटिंग तथा एआई के उपयोग ने दंत चिकित्सा उपचार को अधिक सटीक, कुशल और रोगी के लिए आरामदायक कर दिया है, यह बातें के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में मुरादाबाद से आईं जानी-मानी एंडोडोंटिस्ट एवं इंटरनेशनल स्पीकर डॉ. शालू महाजन ने बीडीएस एवं एमडीएस के छात्र-छात्राओं को बताईं।
डॉ. शालू महाजन ने भावी दंत चिकित्सकों को बताया कि मौजूदा समय में दांतों के क्षय को रोकने के लिए सिल्वर नाइट्रेट और फ्लोराइड वार्निश के प्रयोग के साथ तकनीक का उपयोग अधिक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि तकनीक का उपयोग न केवल दंत उपचार को बेहतर बनाता है बल्कि समायोजन की बार-बार की आवश्यकता को भी कम करता है। डॉ. महाजन ने बताया कि नियमित दंत चिकित्सा देखभाल में दंत परीक्षण, पेशेवर सफाई, फ्लोराइड अनुप्रयोग और दंत सीलेंट जैसे निवारक उपचार शामिल होते है
डॉ. शालू महाजन ने टॉप 10 मंत्रा ऑफ सक्सेसफुल प्रैक्टिस पर चर्चा करते हुए भावी दंत चिकित्सकों को न केवल उचित व प्रभावशाली प्रैक्टिस के बारे में बताया बल्कि लेटेस्ट तकनीक से इलाज के फायदे पर भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट्स के साथ रूट कैनाल ट्रीटमेंट की लेटेस्ट तकनीक का महत्व साझा किया और बताया कि यदि वह मिनिमली इनवेसिव तकनीक से आरसीटी करेंगे तो मरीजों को ज़्यादा लम्बे समय तक अपने ही मजबूत दांतों से खाने में मदद मिलेगी और मरीज अपने दांतों को बिना कैप के आसानी से लम्बे समय तक इस्तेमाल कर सकते हैं।
डॉ. शालू ने भावी दंत चिकित्सकों को वाइटल पल्प थेरेपी की जानकारी देते हुए कहा कि इससे बिना दर्द के नसों को बचाते हुए ट्रीटमेंट किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वाइटल पल्प थेरेपी से मरीज को बिना दर्द व कम खर्च में एक ही सिटिंग में अपने दांतों को बचाने का मौका मिलता है। उन्होंने बताया कि दंत चिकित्सक अब रोगी के स्वास्थ्य और उपचार आवश्यकताओं पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। दंत चिकित्सा में मुंह की स्वच्छता, उचित आहार तथा नियमित जांच को तरजीह दी जा रही है। इतना ही नहीं उन्नत दर्द प्रबंधन तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है ताकि रोगी को उपचार के दौरान किसी तरह की कोई परेशानी न हो।
डॉ. महाजन ने कहा कि दंत चिकित्सा के क्षेत्र में हुए ये बदलाव दंत चिकित्सकों को बेहतर उपचार प्रदान करने, रोगियों को अधिक आरामदायक और कुशल सेवा प्रदान करने तथा मौखिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर रहे हैं। कार्यशाला का समापन छात्र-छात्राओं को प्रमाण-पत्र प्रदान कर किया गया। इस अवसर पर के.डी. डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के डीन और प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी ने एंडोडोंटिस्ट एवं इंटरनेशनल स्पीकर डॉ. शालू महाजन का आभार मानते हुए छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि कार्यशाला में उन्होंने जो कुछ भी सीखा है, उसकी प्रैक्टिस जरूर करें। डॉ. लाहौरी ने कहा कि चिकित्सा उपचार में लगातार प्रैक्टिस का बहुत महत्व है। दो दिवसीय कार्यशाला के संचालन में डॉ. विनय मोहन, डॉ. सोनल, डॉ. अजय नागपाल, डॉ. अतुल, डॉ. शैलेन्द्र, डॉ. नवप्रीत कौर, डॉ. सिद्धार्थ सिसोदिया, डॉ. अनुज गौर, डॉ. मनीष भल्ला, डॉ. जुही, प्रशासनिक अधिकारी नीरज छापड़िया आदि का अहम योगदान रहा।
चित्र कैप्शनः दो दिवसीय कार्यशाला के समापन अवसर पर इंटरनेशनल स्पीकर डॉ. शालू महाजन के साथ डीन और प्राचार्य डॉ. मनेष लाहौरी, संकाय सदस्य और छात्र-छात्राएं।