Monday, July 14, 2025
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आरआईएस के छात्र-छात्राओं के मॉडलों में दिखी विश्व धरोहर की झलकसामाजिक विज्ञान और कम्प्यूटर प्रदर्शनी में दिखाया बौद्धिक कौशल


मथुरा। छात्र-छात्राओं की बौद्धिक क्षमता और कौशल मूल्यांकन के लिए राजीव इंटरनेशनल स्कूल में सोमवार को सामाजिक विज्ञान और कम्प्यूटर प्रदर्शनी आयोजित की गई। इस प्रदर्शनी में छात्र-छात्राओं ने एक से बढ़कर एक मॉडल प्रदर्शित कर अपनी मेधा का परिचय दिया। इतना ही नहीं छात्र-छात्राओं ने निर्णायकों को अपने-अपने मॉडलों की जानकारी भी दी। इस प्रदर्शनी की थीम विश्व धरोहर की झांकी रही।
विद्यालय की प्रधानाध्यापिका प्रिया मदान ने बताया कि छात्र-छात्राओं के बौद्धिक क्षमता के मूल्यांकन के लिए राजीव इंटरनेशनल स्कूल में सामाजिक विज्ञान और कम्प्यूटर पर प्रदर्शनी लगाई गई। विश्व धरोहर की झांकी थीम पर आयोजित प्रदर्शनी में छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर प्रतिभागिता की। प्रदर्शनी में विद्यार्थियों ने विश्व प्रसिद्ध स्मारक मोआई स्टैचू, स्टोनहैंज, अंगोर वट, एफिल टॉवर, क्रिस्टो रिडेंटर, ग्रैंड कैनियन, ग्रेट बैरियर रीफ, कोलोजियम हार्बर एट रियोडे जानेरो, ग्रेट वाल ऑफ चाइना, ताजमहल, माचू पिचो, पेट्रा, क्राइस्ट द रिडीमर, ग्रेट पिरामिड ऑफ गीजा, टेम्पल ऑफ आरथेमिस, स्टेचू ऑफ ज्यूस, लाइट हाउस, सौरमंडल, तारामंडल आदि पर अपने-अपने मॉडल प्रस्तुत किए।
प्रधानाध्यापिका प्रिया मदान ने बताया कि कम्प्यूटर प्रदर्शनी के दौरान छात्र-छात्राओं ने हार्डवेयर का उपयोग करना सिखाया। इतना ही नहीं उन्होंने सॉफ्टवेयर के माध्यम से स्टोरी एवं गेम बनाकर भी दिखाए। इस प्रदर्शनी को सफल बनाने में सामाजिक विज्ञान तथा कम्प्यूटर के शिक्षकों की अहम भूमिका रही। छात्र-छात्राओं की इस प्रदर्शनी का निर्णायकों प्रो. (डॉ.) सुषमा, डॉ. लारा जैन, प्रो. मोहम्मद जाहिद, असिस्टेंट प्रोफेसर दीपक चौधरी ने अवलोकन करने के बाद प्रस्तुत मॉडलों की मुक्तकंठ से प्रशंसा की। निर्णायकों ने विद्यार्थियों के प्रयासों को सराहते हुए कहा कि आपने अपना शत-प्रतिशत ज्ञान और कौशल दिखाया यही सबसे बड़ी उपलब्धि है।
आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने प्रदर्शनी की सराहना करते हुए कहा कि बचपन से ही छात्र-छात्राओं में रचनात्मकता, समस्या-समाधान, सहयोग और लचीलेपन को महत्व देने वाली मानसिकता विकसित किया जाना जरूरी है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि प्रत्येक बच्चे को अपने राष्ट्रीय धरोहरों की जानकारी होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी चुनौतियों और अवसरों से भरी है, ऐसे में छात्र-छात्राओं की स्किल मजबूत करते हुए उनमंि नवाचार के बीज प्रस्फुटित किया जाना बहुत जरूरी है।
राजीव इंटरनेशनल स्कूल के चेयरमैन मनोज अग्रवाल ने प्रदर्शनी में मॉडल प्रस्तुत करने वाले सभी छात्र-छात्राओं की प्रशंसा की। श्री अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं का आह्वान किया कि वे अपने बेहतरीन प्रयास जारी रखें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बच्चे में विकास की मानसिकता होती है, जरूरत उसे समय से पहचान कर प्रोत्साहित किया जाना है। अंत में प्रधानाध्यापिका प्रिया मदान ने अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंटकर उनका आभार माना।
चित्र कैप्शनः छात्र-छात्राओं के प्रदर्शित मॉडलों का मूल्यांकन करते निर्णायक।

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