मनमोहन पारीक
मथुरा। जन्मभूमि क्षेत्र से लेकर पीएमवी कॉलेज तक सीवर एवं सड़क निर्माण निर्धारित समय से पूरा न होने के कारण राहगीरों के साथ स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना कर रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी और जलनिगम की कछुआ चाल कार्यशैली के चलते लोग हर दिन जाम की समस्या से जूझ रहे हैं। 4 किलोमीटर का मार्ग का कार्य नो माह बीत जाने के बाद भी अधूरा है। लोग शासन और प्रशासन को कोस रहे हैं।
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा एवं निवर्तमान डीएम सर्वज्ञराम मिश्र ने जलनिगम को जन्म स्थान क्षेत्र से लेकर पीएमवी तक सीवर लाइन डालने और उसके बाद उस मार्ग पर सड़क का निर्माण कार्य करने के कार्य की समय सीमा 31 दिसंबर निर्धारित की थी। कार्य में किसी तरह की बाधा न आए और और कार्य तेज गति के साथ पूरा हो जाए, इसके लिए यातायात पुलिस द्वारा मथुरा-वृ़ंदावन मार्ग को पूरी तरह बंद कर वाहनों के आवागमन पर पूरी तरह रोक लगा दी गई। इसके बावजूद जलनिगम द्वारा कार्य की गति में तेजी नहीें आई और कार्य पूर्ववत कछुआ गति से चलता रहा। यही कारण है कि निर्धारित समय सीमा में जलनिगम का कार्य पूरा नहीं हो सका है। महज चार किलोमीटर क्षेत्र के कार्य नो माह बीत जाने के बाद भी अधूरा है।
क्या कर रहे हैं लोग
स्थानीय लोग राजेन्द्र कुमार, सोहन सिंह का कहना है कि जिला प्रशासन की अनदेखी और कार्यदायी संस्था की लापरवाही का ही नतीजा है कि लंबे समय से चल रहा कार्य पूरा होने का नाम नहीं ले रहा है। सड़क और सीवर के कार्य रात-दिन होते हैं। लेकिन यहां ये कार्य ऐसे हो रहे हैं जैसे किसी व्यक्ति के घर निर्माण हो रहा हो।
अमित अग्रवाल और मुकुट शर्मा ने रोष व्यक्त करते हुए कहा पिछले सात माह से अधिक समय से मथुरा-वृंदावन मार्ग पर कार्य चलने के कारण एम्बूलेंस और मरीजों के आवागमन में सबसे अधिक परेशानी हो रही है। लेकिन इस बात से शासन और प्रशासन दोनों ही अनजान है। लोग परेशानी से जूझ रहे हैं।
विवेक महाजन और कॉस्तुभ शर्मा का कहना है कि प्रदेश की योगी सरकार और जिला प्रशासन को दिल्ली और महानगरों में कार्य करने वाली केन्द्रीय एजेंसियों से सीख लेने की आवश्यकता। विकास कार्य कराने में शासन और प्रशासन पूरी तरह फेल है। इसका उदाहरण मथुरा-वृंदावन मार्ग पर पिछले नो माह से हो रहा कार्य है।
क्या कहते है अधिकारी
जलनिगम के एसडीओ प्रवीन माहेश्वरी का कहना है कि केन्द्र सरकार की अमृत योजना के अन्तर्गत सीवर डालने के बाद सड़क निर्माण और मरम्मत का कार्य जलनिगम द्वारा किया जा रहा है। मथुरा-वृंदावन में अमृत योजना के तहत रुपए 179 करोड़ की लागत से कार्य होने हैं। केन्द्र सरकार की इस योजना तहत जन्म भूमि क्षेत्र से लेकर पीएमवी कॉलेज तक करीब चार किलोमीटर के मथुरा-वृंदावन मार्ग पर सीवर का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है। सड़क का कार्य चल रहा है।