इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में श्मशान घाटों में जलती चिताओं से कोरोना के कहर का अंदाजा लगाया जा सकता है। शहर के अस्पतालों में ही नहीं, बल्कि श्मशान घाटोें पर भी वेटिंग चल रही है। सिर्फ 5 श्मशान घाटों के आंकड़े बताते हैं कि 1 अप्रैल से 12 अप्रैल तक के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। अप्रैल माह के शुरुआती 12 दिनों में ही श्मशान घाटों पर 1001 शवों को अंतिम संस्कार के लिए लाया गया था। इसमें से 319 शव कोरोना संक्रमितों के थे।
सोमवार रात तक सरकारी आंकड़े के मुतातिब शहर में आधिकारिक रूप से कोरोना संक्रमण के कारण अब तक 1011 लोग जान गंवा चुके हैं। इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं। सच्चाई तो श्मशानों में हर दिन आने वाले शवों की संख्या से लगाया जा सकता है।
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Posted by Neo News-Har Pal Ki Khabar on Monday, 12 April 2021
सयाजी मुक्तिधाम में एक बार में 28 चिताएं पर जल रहीं थी। इसमें से 4 शव कोरोना मृतकों के थे। शवों के आने का सिलसिला जारी था। यहां पर तैनात कर्मचारियों का कहना है कि कुछ महीने में ही एक हजार के ऊपर अस्थि कलश संभाल कर रखे हुए हैं। धार्मिक रिवाजों के अनुसार 3 दिन बाद अस्थियों को लेने परिजन आते हैं, लेकिन रोजाना इतने शव आ रहे हैं कि इन्हें संभालना मुश्किल हो रहा है।
कोविड प्रोटोकॉल से रोज हो रहे औसत 20 अंतिम संस्कार
निगम के रिकॉर्ड के अनुसार, साल 2020 में शहर में 19,170 मौतें हुईं, जबकि वर्ष 2019 में मौतों का आंकड़ा 16,250 ही था। यानी 2020 में 2920 मौतें ज्यादा हुईं। इधर, जनवरी से मार्च 2021 के बीच 5 प्रमुख मुक्तिधाम में 2420 अंतिम संस्कार हुए। शहर में 51 मुक्तिधाम, कब्रिस्तान है। प्रशासन ने निगम व मुक्तिधाम से आंकड़े जारी करने पर पाबंदी लगा रखी है। सेवादारों के अनुसार रोज औसतन 20 अंत्येष्टियां कोविड प्रोटोकॉल से हो रही हैं, जबकि रिकॉर्ड में सिर्फ 3 से 5 मौतें दर्शाई जा रही हैं।
मुक्तिधामों के कर्मचारी परेशान
मुक्तिधाम में तैनात कर्मचारी इनका हिसाब रखते-रखते परेशान हैं। मार्च के मुकाबले अब अप्रैल के महज 12 दिनों में ही अधिक संख्या में शव मुक्तिधाम पहुंचे हैं। इनमें बड़ी संख्या उनकी है जिनका किसी न किसी अस्पताल में कोरोना का इलाज चल रहा था। इसके बावजूद ये मौतें स्वास्थ्य विभाग द्वारा रोजाना देर रात जारी किए जाने वाले मेडिकल बुलेटिन में शामिल नहीं हैं।
जो मौतें सामने आ रही है, उनमें से अधिकांश की रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है लेकिन लंग्स इंफेक्शन या अन्य किसी कारण से मौत होती है तो उसे कोविड कैसे मान सकते हैं। फिर भी हम नजर रखे हुए हैं, ताकि किसी तरह का भ्रम न हो।
- डॉ. अमित मालाकार, कोविड नोडल अधिकारी, इंदौर
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Posted by Neo News-Har Pal Ki Khabar on Tuesday, 13 April 2021