कुन्नूर हेलीकॉप्टर हादसे में शहीद हुए आगरा के विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान के घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है। गुरुवार को उनकी मां सुशीला सिंह रो-रोकर बेसुध हो रही थीं। रिश्तेदार उन्हें संभाल रहे थे। जब भी उन्हें होश आता तो एक ही बात बोलतीं, ओ मेरे लाल… ओ मेरे बच्चे, वापस आजा। कभी अपने बेड पर लेट जातीं तो कभी अचानक से बैठ जाती थीं। उनकी यह हालत देख कर अन्य महिलाओं के आंसू भी नहीं थम रहे थे।
विंग कमांडर पृथ्वी सिंह 31 दिसंबर को आगरा स्थित अपने घर आने वाले थे। उन्हें पिता को जन्मदिन पर सरप्राइज देना था। उन्होंने परिजनों से यह बात साझा भी की थी, लेकिन पिता को बताने से मना किया था। बृहस्पतिवार सुबह इसकी जानकारी पिता को हुई। वह बार-बार यही कह रहे थे कि ऐसा सरप्राइज क्यों दे गया मेरा बेटा। शहीद के रिश्तेदार पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि पार्थिव शव घर आने के बाद शुक्रवार को पोइया घाट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा।
शहीद विंग कमांडर पृथ्वी सिंह की मां के आंसू थम नहीं रहे हैं। गुरुवार को वह बार-बार अपने बेटे को वापस आने की आवाजें लगा रही थीं। हृदय विदारक दृश्य को देख कर लोगों की भी आंखें भर आती थीं।
पृथ्वी सिंह के पिता सुरेंद्र सिंह मूलरूप से अलवर के रहने वाले थे। साल 1960 में आगरा में आकर बसे और बीटा ब्रेड का कारोबार किया। वे भी गुमसुम से कमरे में बिछे सोफे पर बैठे हुए थे। जब कोई मिलने आता, सवाल पूछता तो उससे बात कर लेते थे। देर शाम तक यही सिलसिला चलता रहा।
विंग कमांडर के ममेरे भाई पुष्पेंद्र सिंह जादौन ने बताया कि 31 दिसंबर को उनका आगरा आने का प्रोग्राम था। पूरी प्लानिंग हो गई थी। 31 दिसंबर को ही उनके पिता सुरेंद्र सिंह चौहान का जन्मदिन है। सरप्राइज पार्टी की तैयारी की जा रही थी। पृथ्वी ने मना किया था कि पिता को न बताएं कि वे आ रहे हैं लेकिन विधि को कुछ और ही मंजूर था और काल के क्रूर हाथों ने उन्हें हमसे छीन लिया।
मेयर, डीएम-एसएसपी ने दी श्रद्धांजलि
शहीद पृथ्वी सिंह के परिवार से संवेदना प्रकट करने के लिए मेयर नवीन जैन, डीएम प्रभु नारायण सिंह, एसएसपी सुधीर कुमार सिंह सहित तमाम लोग पहुंचे। उन्होंने परिवार को सांत्वना दी और कहा कि इस दु:ख की घड़ी में पुलिस-प्रशासन उनके साथ खड़ा है।