Sunday, June 15, 2025
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ब्रज को प्लास्टिक मुक्त बनाने की दिशा में श्रीकांत शर्मा की पहल: यमुना के स्वामी घाट से बंगाली घाट तक चला सफाई अभियान

मथुरा- ब्रज की पावन भूमि को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाने के उद्देश्य से पूर्व ऊर्जा मंत्री और मथुरा-वृंदावन के विधायक श्रीकांत शर्मा ने ‘प्लास्टिक मुक्त मथुरा-वृंदावन’ अभियान का आगाज किया है। इसी क्रम में आज उन्होंने स्वयं यमुना के स्वामी घाट से बंगाली घाट तक चलाया और वृहद सफाई अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने यमुना के घाटों और आसपास के क्षेत्रों से प्लास्टिक कचरे को हटाने पर विशेष जोर दिया।

अभियान के दौरान श्रीकांत शर्मा ने स्थानीय निवासियों, श्रद्धालुओं से इस महत्वपूर्ण पहल में सक्रिय रूप से सहभागिता करने की अपील की। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि ब्रज की स्वच्छता केवल सरकारी प्रयासों से संभव नहीं है, बल्कि इसमें जनभागीदारी अत्यंत आवश्यक है।

अभियान का उद्देश्य और महत्व:
यह अभियान ब्रज क्षेत्र में बढ़ते प्लास्टिक प्रदूषण की गंभीर समस्या से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यमुना नदी, जो ब्रज की जीवनरेखा है, लगातार प्लास्टिक और अन्य अपशिष्टों से प्रदूषित हो रही है, जिससे न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुँच रहा है, बल्कि नदी के पारिस्थितिकी तंत्र और उसमें रहने वाले जीवों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। इसके अतिरिक्त, मथुरा-वृंदावन एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल है, जहाँ हर साल लाखों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। प्लास्टिक कचरे का जमावड़ा न केवल इस क्षेत्र की सुंदरता को कम करता है, बल्कि स्वच्छता और स्वास्थ्य के लिए भी खतरा पैदा करता है।

श्रीकांत शर्मा ने अभियान के दौरान कहा, “यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि हम अपनी पवित्र यमुना और ब्रज भूमि को स्वच्छ रखें। प्लास्टिक एक गंभीर समस्या है जो हमारे पर्यावरण को लगातार प्रदूषित कर रही है। हमें सामूहिक रूप से इस चुनौती का सामना करना होगा और प्लास्टिक के उपयोग को कम करके या पूरी तरह से समाप्त करके ‘प्लास्टिक मुक्त मथुरा-वृंदावन’ के लक्ष्य को प्राप्त करना होगा।”

पूर्व के प्रयास और भविष्य की योजनाएं:

यह पहली बार नहीं है जब श्रीकांत शर्मा ने ब्रज की स्वच्छता के लिए प्रयास किए हैं। पूर्व में भी उन्होंने यमुना घाटों के निरीक्षण और प्लास्टिक मुक्त अभियान को गति देने के निर्देश दिए थे। उन्होंने यमुना में गिरने वाले नालों को बंद करने पर भी जोर दिया है, हालांकि यह एक बड़ी चुनौती बनी हुई है और इस दिशा में अभी भी बहुत काम किया जाना बाकी है।
इस अभियान के माध्यम से, श्रीकांत शर्मा न केवल घाटों की तात्कालिक सफाई सुनिश्चित कर रहे हैं, बल्कि लोगों में प्लास्टिक के हानिकारक प्रभावों के प्रति जागरूकता भी पैदा कर रहे हैं। उम्मीद है कि यह पहल ब्रज को वास्तव में प्लास्टिक मुक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी, जिससे न केवल पर्यावरण को लाभ होगा, बल्कि स्थानीय लोगों और आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण भी सुनिश्चित होगा।
उन्होंने सभी से अपील की कि वे अपने दैनिक जीवन में प्लास्टिक के उपयोग को बंद करें और कूड़े को सही जगह पर ही डालें ताकि मथुरा-वृंदावन की पवित्रता बनी रहे।

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