Monday, May 26, 2025
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मथुरा के एक डिग्री कॉलेज में सॉल्वर बोलकर सॉल्व करा रहे बीएससी का पेपर, वीडियो वायरल

मथुरा। महावन के समीप मगना गांव स्थित डिग्री कॉलेज में पोस्ट गे्रजुएट की परीक्षा के दौरान एक शिक्षक द्वारा बोलकर नकल कराने का मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही वीडियो में परीक्षा के दौरान एक सॉल्वर बोलकर परीक्षार्थियों को प्रश्नपत्र सॉल्व करा रहा है।


गांव के ही रहने वाले एक व्यक्ति का कहना है कि उनके गांव के डिग्री कॉलेज में विश्वविद्यालय की परीक्षा आयोजित हो रही है। कॉलेज में प्रतिबंध के बावजूद खुलकर नकल कराई जा रही है। बताया जा रहा है कि सोशल मीडिया में वायरल वीडियो बीएससी द्वितीय वर्ष की जूलॉजी विषय की परीक्षा के दौरान का है। करीब 14 सेकंड के वीडियो है।

व्यक्ति का आरोप है कि नकल कराने के एवज में प्रति परीक्षार्थी से तीन-तीन हजार रुपए कॉलेज प्रबंधन द्वारा लिए जा रहे हैं। जो परीक्षार्थी सुविधा शुल्क देने में असमर्थ है, उसे कॉलेज से बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। इस मामले की शिकायत प्रदेश के मुख्यमंत्री और विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर से की गई है। अब देखना यह है कि नकलविहीन परीक्षा का दावा करने वाली यूपी सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन इस शिकायत को गंभीरता लेकर जांच पड़ताल करता है या नहीं।

एलीट न्यू जेनेरेशन इन्टरनेशनल स्कूल में मनाया गया 75वाँ स्वतंत्रता दिवस

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मथुरा। एलीट न्यू जेनेरेशन इन्टरनेशनल स्कूल के तत्वाधान में 75वें स्वतंत्रता दिवस का आयोजन किया गया। विद्यालय के चैयरमैन रमेश चन्द अग्रवाल ने ध्वजारोहण किया। कार्यक्रम में गणमान्य अतिथि एवं विद्यालय संचालन समिति के सदस्य मौजूद थे।


रमेशचंद चन्द्र अग्रवाल ने अपने संदेश में मातृभूमि एवं देशप्रेम को सर्वोपरी बताया। बच्चों एवं शिक्षकों ने स्वतंत्रता दिवस के इस पावन राष्ट्रीय पर्व पर विशेष कार्यक्रम प्रस्तुत किये। विद्यालय के उप प्रधानाचार्य अंकित खण्डेलवाल सहित विद्यालय संचालक समिति के उपाध्यक्ष महेश चन्द्र अग्रवाल, सचिव दिनेशचंद अग्रवाल, डायरेक्टर संगीता अग्रवाल एंव रितेश अग्रवाल, ओएसडी डा. सौरभ तिवारी , एडमिनिस्ट्रेटर मुकेश चौधरी, समस्त शिक्षणगण एंव अन्य स्टाफ उपस्थित रहे।

समारोह के समापन पर उपप्राचार्य अंकित खण्डेलवाल ने समस्त भारतवासियों को अपनी शुभकामनाएॅ प्रेषित कीं और एडमिनिस्ट्रेटर मुकेश चौधरी ने सभी आगन्तुकों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन राधा शर्मा एवं आसी अग्रवाल ने किया।

महिला शक्ति राष्ट्र व समाज सेवा के लिए भी आगे आएं: अलका उपमन्यु

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तीज महोत्सव कार्यक्रम रंगारंग कार्यक्रम के साथ संपन्न

मथुरा। अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा महिला प्रकोष्ठ द्वारा तीज महोत्सव का आयोजन किया गया। समारोह की मुख्य अतिथि स्पेशल डीजीसी अलका उपमन्यु ने कहा कि ऐसे आयोजन समय-समय पर होते रहने चाहिए। इस तरह के आयोजन से न केवल महिला सशक्तिकरण को बल मिलता है बल्कि महिलाओं में जागरूकता एवं समाज और राष्ट्र के प्रति सच्ची सेवा से कार्य करने की प्रेरणा मिलती है।


अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा की महिला प्रकोष्ठ की जिलाध्यक्ष अनुराधा शर्मा एवं महानगर अध्यक्ष श्रीमती शालिनी पाठक ने सभी महिलाओं को संगठित होकर के समाज हित में कार्य करने का संकल्प दिलाया ब्रजभूमि से दूर-दूर से आयी महिलाओं ने समाज और राष्ट्र हित में कार्य करने का संकल्प लिया।

हरियाली तीज महोत्सव में महिलाओं ने गीत संगीत के साथ नृत्य एवं सावन की मल्हार का गायन किया। सभी की उपस्थिति एवं नृत्य संगीत और गायन से सभी का मन मोह लिया। इस दौरान महासभा की जिला अध्यक्ष अनुराधा शर्मा, महानगर अध्यक्ष शालिनी पाठक के साथ सभी महिलाओं ने स्पेशल डीजीसी अलका उपमन्यु को स्मृति चिन्ह देकर के सम्मानित किया।


इस अवसर पर बबीता सारस्वत, डॉ. सीमा मिश्रा, नीरजा, गौर रजनी शर्मा, कुसुम शर्मा पूनम शर्मा, रेनू शर्मा, मीरा शर्मा, रजनी भट्ट, गीता शर्मा, कुमारी राजेश एडवोकेट आदि ने समाज को संगठित कर राष्ट्र सेवा करने का संकल्प लिया।

इस गांव के लोग खुद को मनाते हैं ‘सिकंदर महान का वंशज’, बाहरी लोगों के कुछ भी छूने पर लगता है 1000 रुपए का जुर्माना!

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दुनिया ऐसे कई रहस्यों से भरी पड़ी है, जिन्हें आज तक कोई नहीं सुलझा पाया है। अब ऐसा नहीं है कि किसी ने इन उलझी हुई गांठों को सुलझाने की कोशिश नहीं की, लेकिन जब भी शोधकर्ता इन रहस्यों के पीछे की सच्चाई का पता लगाने की कोशिश करते हैं तो वे उलझ जाते हैं। अब अपने देश भारत को ही ले लीजिए, दुनिया इसे ‘गांवों का देश’ कहती है, लेकिन इन गांवों में भी कई राज छिपे हैं जो आज तक खुल नहीं पाए हैं।

आज हम आपको एक ऐसी ही रहस्यमयी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं। दरअसल, हिमाचल प्रदेश में भी ऐसी ही एक जगह है। इस गांव का नाम मलाणा है। हिमालय की चोटियों के बीच स्थित मलाणा गांव गहरी खाइयों और बर्फीले पहाड़ों से घिरा हुआ है। करीब 1700 की आबादी वाला यह गांव पर्यटकों के बीच काफी मशहूर है।

इस गांव से जुड़े कई अनसुलझे सवाल हैं, जिनमें से एक यह भी है कि यहां के लोग यूनान के प्रसिद्ध राजा सिकंदर महान के वंशज होने का दावा करते हैं। ऐसा माना जाता है कि जब सिकंदर ने भारत पर आक्रमण किया तो उसके कुछ सैनिकों ने मलाणा गांव में शरण ली और फिर वहीं रुक गए। कहा जाता है कि यहां के निवासी सिकंदर के उन्हीं सैनिकों के वंशज हैं। हालाँकि, यह अभी तक पूरी तरह से सिद्ध नहीं हुआ है।

आपको जानकर हैरानी होगी कि मलाणा गांव में सिकंदर के समय की बहुत सी चीजें मिली हैं। कहा जाता है कि इस गांव के मंदिर में सिकंदर के समय की तलवार भी रखी हुई है। ये लोग कनाशी नामक भाषा बोलते हैं, जो बहुत ही रहस्यमयी है, लेकिन वे इसे एक पवित्र भाषा मानते हैं। इस भाषा की सबसे खास बात यह है कि यह यहां के अलावा और कहीं नहीं बोली जाती है। कई देशों में इस पर शोध किया जा रहा है।

यहां रहने वाले बुजुर्ग भी हाथ मिलाने और बाहरी लोगों को छूने से बचते हैं। अगर आप यहां की दुकान से कुछ सामान खरीदते हैं तो दुकानदार आपको देने के बजाय आप पर रख देगा और साथ ही वह आपसे पैसे हाथ में लेने के बजाय अपने पास रखने के लिए कहता है। इस गांव में अगर कोई बाहरी व्यक्ति किसी चीज को छूता है तो जुर्माना भरना पड़ता है। जुर्माना 1000 रुपये से लेकर 2500 रुपये तक हो सकता है। इस गांव में बाहरी लोगों को भी घर, दुकान या किसी स्थानीय निवासी को छूने की अनुमति नहीं है।

111 साल के हैं ये बुजुर्ग, लंबी उम्र के लिए खाते हैं ये चीज, सच्चाई जानकर रह जाएंगे हैरान

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यह दुनिया अजीबोगरीब चीजों से भरी पड़ी है। समय-समय पर चौंकाने वाले खुलासे भी होते रहते हैं। जिसके बारे में जानकर काफी हैरानी होती है. ऐसा ही एक मामला ऑस्ट्रेलिया से सामने आया है, जहां एक शख्स की उम्र 111 साल है। वहीं, अब उन्होंने खुलासा किया है कि लंबी उम्र के लिए वह क्या खाते हैं? तो आइए जानते हैं इस शख्स के बारे में कुछ दिलचस्प बातें

ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले इस बुजुर्ग का नाम डेक्सटर क्रूगर है। फिलहाल वह 111 साल के हैं और पूरी तरह से स्वस्थ हैं। डेक्सटर के इंटरव्यू सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। उन्होंने हाल ही में लंबी उम्र के राज का खुलासा किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें हफ्ते में एक दिन भेजा गया चिकन जरूर खाना चाहिए। डेक्सटर का कहना है कि मुर्गे का एक सिर होता है, जिसमें उसका दिमाग होता है। यह दिखने में भले ही छोटा हो, लेकिन बेहद स्वादिष्ट होता है। उन्होंने कहा कि उनका सिर एक छोटे बाइट के आकार का है। उनका मानना है कि इसे खाकर वह इतने दिनों तक जीवित रहे हैं।

गौरतलब है कि डेक्सटर का जन्म प्रथम विश्व युद्ध से पहले हुआ था। उनका बेटा 74 साल का है। ग्रेग ने बताया कि उनके पिता बहुत ही सामान्य जीवन जीते थे। जिसके चलते वह अभी जिंदा है। उसके नर्सिंग होम के मैनेजर का कहना है कि डेक्सटर के घर में सबसे तेज दिमाग है और वह बहुत खुशमिजाज आदमी है। डेक्सटर क्रुएगर को ऑस्ट्रेलिया का सबसे बुजुर्ग व्यक्ति कहा जाता है। कई लोग उनके बड़े फैन हैं।

पहले 31 सालों तक जेल में इन दो लोगों ने काटी सजा, अब इनाम में मिला 550 करोड़ रुपए

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दुनिया में कोई नहीं जानता कि कब इसके साथ क्या होने वाला है। कब किसकी किस्मत चमक जाए और कब किस्मत खराब हो जाए कोई नहीं जानता। ऐसा ही कुछ अमेरिका के नॉर्थ कैरोलिना में दो युवकों के साथ हुआ। पहले उन्हें बिना कोई अपराध किए 31 साल जेल में बिताने पड़ते थे और अब दोनों को 75.75 करोड़ यानी 550 करोड़ रुपये का इनाम दिया जा रहा है. यह सुनकर आपको हैरानी हो सकती है, लेकिन यह सच है। तो आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला?


रिपोर्टों के अनुसार, दो अश्वेत व्यक्ति, हेनरी मैकुलम और लियोन ब्राउन, 1983 में एक 11 वर्षीय लड़की के साथ बलात्कार और उसकी हत्या के लिए गलत तरीके से दोषी ठहराए जाने के बाद दशकों तक सलाखों के पीछे थे। दोनों को अब नार्थ कैरोलिना की एक जूरी ने 7.5 करोड़ डॉलर यानी करीब 550 करोड़ रुपये का इनाम दिया है। रिपोट्र्स के मुताबिक, हेनरी मैक्कलम और लियोन ब्राउन को 2014 में जेल से रिहा किया गया था। बताया जा रहा है कि जब इन पर आरोप लगाया गया था तब ये दोनों किशोर थे। उस समय मैकुलम 19 और ब्राउन 15 साल के थे।

दोनों ने 2015 में मामले को चुनौती दी और न्याय की गुहार लगाई। दोनों ने कहा कि पूछताछ के दौरान उनके नागरिक अधिकारों का उल्लंघन किया गया, जिसके लिए उन्हें दोषी ठहराया गया। उसके वकीलों ने दावा किया कि जब पुलिस ने उससे पूछताछ की और उसे कबूल करने के लिए मजबूर किया। दोनों बहुत डरे हुए थे, क्योंकि उनके पास बहुत कम था। इसलिए, उस समय दोनों को दोषी ठहराया गया और मौत की सजा सुनाई गई। लेकिन, अब दोनों को इंसाफ मिल गया है ।

शुक्रवार को, आठ सदस्यीय जूरी ने फैसला सुनाया कि मैकुलम और ब्राउन को हर्जाने में 31 31 मिलियन, जेल में बिताए गए प्रत्येक वर्ष के लिए 1 1 मिलियन और दंडात्मक हर्जाने में 13 13 मिलियन प्राप्त करना चाहिए। क्योंकि, जब दबे हुए सबूतों का पर्दाफाश किया गया और जांच की गई, तो दोनों दोषी नहीं पाए गए। कोर्ट ने कहा कि उनके साथ गलत व्यवहार किया गया। इसके लिए अभी कुछ नहीं किया जा सकता है। लेकिन, दोनों अपनी पूरी जिंदगी एक अच्छी जिंदगी जीना चाहते हैं। मैकुलम ने कहा कि हमें आजादी मिली। लेकिन, आज भी कई बेगुनाह लोग जेल में रह रहे हैं। अब यह मामला पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।

गर्लफ्रेंड के संग रोमांस के बाद थककर सो गया था शख्स, फिर आधी रात को उठाकर ले गए एलियंस

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क्या इस दिन में एलियंस का अस्तित्व है? क्या वह दूसरी दुनिया से पृथ्वी पर आते हैं? ऐसे सवाल एलियंस को लेकर लोगों के जेहन में आते रहते हंै। वहीं दुनिया में कुछ लोगों का मानना है कि उन्होंने कई बार एलियंस का सामना किया है। जब भी आसमान में कोई रहस्यमयी उड़न तश्तरी दिखाई देती है, तो इस बात पर बहस फिर से शुरू हो जाती है कि क्या एलियंस वास्तव में हमारे बीच मौजूद हैं। हालांकि इसकी पुष्टि के लिए सटीक तथ्य मौजूद नहीं हैं, इसके बावजूद आए दिन ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं, जो एलियंस की अजीब दुनिया के बारे में सोचने पर मजबूर कर देती हैं।

हाल के दिनों में, कई पूर्व अमेरिकी नौसेना अधिकारियों ने उस समय सनसनी मचा दी थी जब उन्होंने खुलासा किया था कि उन्होंने अपने काम के दौरान कई बार यूएफओ देखे थे। इस बात को साबित करने के लिए उन्होंने एक वीडियो भी जारी किया। अब अमेरिका में रहने वाले एक शख्स ने दावा किया है कि एक दिन उसे एलियंस ने उठा लिया। जब एलियंस ने उसे लौटाया तो उसकी गर्लफ्रेंड भी वहां मौजूद थी।

जिस शख्स ने ये अजीबोगरीब दावा किया है उसका नाम मैथ्यू है. मैथ्यू ने इस घटना की जानकारी देते हुए बताया कि यह मामला कुछ साल पहले का है. यह सब तब हुआ जब वह अपनी गर्लफ्रेंड के साथ नए घर में शिफ्ट हो गए। इसी बीच एक रात विदेशी आए और रात को उसे उठाकर अपने साथ ले गए। इसके बाद जब मैथ्यू को वापस धरती पर छोड़ दिया गया तो एलियंस ने उसकी गर्लफ्रेंड से भी बात की। इस तरह उसने दावा किया कि उसके पास एलियंस के साथ बिताए पल के सबूत हैं।

मैथ्यू अमेरिका एक ऐसे समूह से संबंधित है जो एलियंस को देखने का दावा करता है। इस समूह की अपनी वेबसाइट भी है। उस पर, सदस्य साझा करते हैं कि उनके साथ क्या हुआ। बता दें कि इससे पहले भी कई अमेरिकी अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की थी कि उन्होंने कई बार यूएफओ देखे हैं। कई अमेरिकी वायु सेना और नौसेना के पायलटों ने भी एलियंस को देखने की बात स्वीकार की है। कुछ अधिकारियों के मुताबिक अमेरिका में अगर कोई मीडिया हाउस एलियंस के बारे में खबर छापता है तो उस पर भी हमला होता है।

यह पहली बार नहीं है जब किसी शख्स ने एलियंस की दुनिया को लेकर ऐसा अनोखा दावा किया हो। अक्सर दुनिया भर में कई लोग एलियंस के बारे में कई अद्भुत कहानियां सुनाते रहे हैं। हां, यह बात अलग है कि अभी तक कोई भी ऐसा ठोस सबूत पेश नहीं कर पाया है जिससे उसकी बातों को सच माना जा सके। लेकिन इन सबके बावजूद लोग इन बातों को पूरी तरह से खारिज नहीं करते हैं।

अब जोंक से होगा ब्लैक फंगस का इलाज! जानें किस तरह डॉक्टर्स करेंगे इसका इस्तेमाल?

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कोरोना वायरस संकट के बीच काला फंगस भी रोने लगा है। बहुत से लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं। लेकिन, इसी बीच डॉक्टरों ने काले फंगस के इलाज के लिए अजीबोगरीब तरीके अपनाने शुरू कर दिए हैं। आप भी इस ट्रिक के बारे में जानकर हैरान हो सकते हैं। लेकिन यह सच है। बताया जा रहा है कि डॉक्टर ब्लैक फंगस के इलाज के लिए खून चूसने वाली जोंक की तलाश कर रहे हैं। तो आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला?

दरअसल, कोरोना वायरस के बाद ब्लैक फंगस नाम की बीमारी लोगों को अपनी चपेट में ले रही है।
आयुर्वेदिक तरीके से इस बीमारी का इलाज करने के लिए डॉक्टर जोंक की तलाश कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि बिहार की राजधानी पटना के राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में इन दिनों जहरीली जोंक की तलाश जारी है। जिससे वह मरीजों का इलाज कर सके। रिपोट्र्स के मुताबिक, जोंक मानव शरीर से गंदा खून चूसती है और मृत कोशिकाओं को नष्ट कर देती है।

विशेषज्ञों का कहना है कि जब रक्त संचार रुक जाता है और त्वचा खराब हो जाती है तो जोंक मृत कोशिकाओं को सक्रिय करने में काफी मददगार होता है। इसलिए डॉक्टर इलाज के लिए जोंक की तलाश जोर-शोर से कर रहे हैं।

आपको बता दें कि लीची दो तरह की होती है। एक जहरीली जोंक वाली और दूसरी बिना जहर वाली। गैर विषैले जोंक की पहचान करना आसान है। हालांकि, जहरीले जोंक गहरे काले रंग के होते हैं। दूसरी ओर, गैर-विषैले जोंक चिकनी त्वचा के साथ और बिना बालों के हरे होते हैं। गैर विषैले जोंक ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत आम हैं। इसलिए, डॉक्टरों को उम्मीद है कि वे बिना जहर के आसानी से जोंक प्राप्त कर सकते हैं। गौरतलब है कि फिलहाल सरकार ने काले फंगस के इलाज के लिए कालाजार से इंजेक्शन लगाने की अनुमति दे दी है।

बहादुरी से बदमाशों का मुकाबला करने वाले मथुरेश चतुर्वेदी का सीआईएसएफ ने किया सम्मान

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मथुरा। छत्ता बाजार में साहस और बहादुरी का परिचय देते हुए अपनी जान की परवाह न करते हुए बदमाशों से एक महिला श्रद्धालु की रक्षा करने वाले मथुरेश चतुर्वेदी का स्वतंत्रता दिवस पर सीआईएसएफ के अधिकारियों ने सम्मान किया। वहीं ब्रज यातायात एवं पर्यावरण जनजागरुकता समिति के पदाधिकारियों ने भी उनके घर पहुंचकर उन्हें प्रशस्पिपत्र प्रदान कर सम्मानित किया।


रविवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर छत्ता बाजार स्थित कोयला वाली गली निवासी मथुरेश चतुर्वेदी के घर पर डिप्टी कमाडेंट अभिषेक सिंह के साथ असिस्टेंट कमांडेंट, आरआई, क्राइम इंस्पेक्टर एवं सब इंस्पेक्टर जवानों के साथ पहुंचे। सीआईएसएफ के अधिकारियों ने उनकी बहादुरी की सराहना करते हुए उनका सम्मान किया और कि उनके इस कदम से लोगों को एकदूसरे की सहायता के लिए आगे आने की प्रेरणा मिलेगी।

वहीं ब्रज यातायात एवं पर्यावरण जनजागरुकता समिति के पदाधिकारी मथुरेश चतुर्वेदी के घर पहुंचे। उन्होंने पहले स्वस्तिवाचन के साथ उनको पुष्प माला पहनाई और उनका सम्मान किया। इसके पश्चात उन्हें प्रशस्तिपत्र प्रदान किया। काबिलेगौर बात यह है कि स्वतंत्रता दिवस के दिन उनका जन्मदिन भी है। समिति के पदाधिकारियों ने उन्हें जन्मदिन की बधाई भी दी।

ज्ञात हो कि 27 जून को छत्ता बाजार में द्वारकाधीश मंदिर मंगला आरती करने जा रही श्रद्धालु महिला लता चतुर्वेदी पर बदमाशों ने हमला कर दिया और उनके गले से सोने की चेन लूट कर ले जा रहे थे। तभी वहां से गुजर रहे मथुरेश चतुर्वेदी ने अपनी जान की परवाह न करते हुए महिला को बदमाशों से बचाने के लिए उनका सामना किया। इस पर बदमाशोें ने उनमें गोली मार दी। जिससे वह गंभीर रुप से घायल हो गए थे। आखिरकार पुलिस ने हमलावर बदमाशों को जेल भेज दिया है।

सम्मान करने वालों में विनोद दीक्षित, पूरन प्रकाश, अर्जुन पंडित, हेमंत अग्रवाल, राजेश अग्निहोत्री, कुलदीप शास्त्री आदि उपस्थित थे।

मसूरी में वीकेंड पर ठहर सकते हैं सिर्फ 15 हजार पर्यटक, नई गाइड लाइन जारी

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देहरादून। वैश्विक महामारी कोरोना की तीसरी लहर की संभावनाओं के बीच मसूरी में तेजी से बढ़ती पर्यटकों की संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन सतर्कता बरत रहा है। जिला प्रशासन ने पर्यटकों को लेकर गाइड लाइन जारी की है। कोरोनाकाल में पर्यटक स्थलों पर वीकेंड में जुट रही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन ने मसूरी के लिए पर्यटकों की संख्या तय की है। इस वीकेंड में मसूरी में सिर्फ 15 हजार पर्यटक ही ठहर सकेंगे।

पिछले पांच हफ्ते की तरह वीकेंड पर मसूरी आ रहे पर्यटकों के लिए 72 घंटे के भीतर की कोरोना निगेटिव रिपोर्ट, स्मार्ट सिटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और होटल बुकिंग की अनिवार्यता जारी रखी गई हैं। वीकेंड पर मसूरी में दोपहिया वाहन से प्रवेश पर रोक जारी है। इसके साथ ही जिलाधिकारी द्वारा मसूरी, सहस्त्रधारा और गुच्चूपानी जैसे पर्यटक स्थलों पर नदी, तालाब व झरनों में सैलानियों का प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है।

जिलाधिकारी आर राजेश कुमार ने मसूरी में तमाम होटल, गेस्ट हाउस और होम स्टे में ठहरे पर्यटकों का रिकार्ड प्रशासन को उपलब्ध कराने को कहा है। वहीं यह व्यवस्था और नियम शनिवार 14 अगस्त सुबह से सोमवार सुबह आठ बजे तक लागू रहेंगे। पर्यटक स्थलों पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हाईकोर्ट की सख्ती के बाद सरकार ने सख्त रुख अपनाया हुआ है। साथ ही शर्तों के तहत अब वीकेंड पर दून के स्थानीय नागरिक व पास के शहरों से दोपहिया वाहनों से मसूरी घूमने जाने वाले पर्यटकों पर प्रतिबंध रहेगा।

जिलाधिकारी ने बताया कि मसूरी में व्यवसायिक प्रतिष्ठानों और होटल संचालकों सहित होम स्टे के संचालकों को निर्देशित किया गया है कि वीकेंड पर 15 हजार पर्यटकों के रहने की अनुमति होगी। वीकेंड पर मसूरी आ रहे पर्यटकों के लिए 72 घंटे के भीतर की कोरोना निगेटिव जांच रिपोर्ट, देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और होटल बुकिंग की अनिवार्यता रहेगी। बता दें कि मसूरी में करीब 350 होटल, लॉज, गेस्ट हाउस और होम स्टे हैं। इसके साथ ही यहां एक हजार वाहनों की पार्किंग की क्षमता है।