Monday, December 15, 2025
Home Blog Page 583

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुस्लिम समाज को दी हिदायत, इन रिश्तों में न करें शादी

0

कानपुर। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुस्लिम समाज को हिदायत दी है कि वह निकाह के शरई कानूनों का पालन करें। खून के रिश्तों में आने वाली खातून (महिला) को निकाह का पैगाम न दें। साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया है कि पुरुष जिस खातून से रिश्ता चाहता है, उसके लिए उस खातून को पहले से देख लेना जायज है।

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इन दिनों इस्लाहे मआशरा (समाज सुधार) के लिए बड़े अभियान चला रहा है। सादगी से मस्जिदों में निकाह और फिर गैर मुस्लिमों में शादी को रोकने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान मजमुए कवानीन इस्लामी (इस्लाम के कानून) के माध्यम से सिलसिलेवार मुस्लिम समाज को जागरूक किया जा रहा है।

बहन, फूफी, भांजी आदि से निकाह करना हराम (ऐसा करना गुनाह) है। इन रिश्तों में निकाह के लिए पैगाम (प्रस्ताव) देना जायज नहीं है। ऐसी महिला जो इद्दत में पति की मृत्यु के कारण या तलाक रजई अथवा तलाक बाईन (पति की मृत्यु पर एक निश्चित समय तक एकांत में रहना) के कारण इद्दत में है उसे निकाह का प्रस्ताव नहीं दिया जा सकता। वफात (मृत्यु) की इद्दत के बाद सीधे नहीं बल्कि इशारे के तौर पर प्रस्ताव दिया जा सकता है।

जहां पहले से किसी का प्रस्ताव, वहां न दें पैगाम

बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि जहां पहले से ही किसी ने पैगाम दे रखा हो या पहले से उस खातून या परिवार का रुझान पता चल गया हो वहां प्रस्ताव नहीं दिया जा सकता। यदि पहले से किसी का प्रस्ताव था और फिर भी निकाह कर लिया है तो ऐसा निकाह मनअकद (नियमविरुद्ध) कहलाएगा।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सदस्य मौलाना अली अब्बास खां नजफी ने बताया कि इस्लामी कानून में साफ है कि मर्द किससे निकाह कर सकते हैं और किससे नहीं। बोर्ड ने उन्हीं कानूनों को स्पष्ट किया है और मुसलमानों की इस्लाह की है। बोर्ड ने सुधार के जो कदम उठाए हैं उसे इस्लाहे मआशरा के माध्यम से फैलाया जाएगा।

वृंदावन में अवैध रुप से रह रहा रशियन नागरिक गिरफ्तार, केस दर्ज

0


वृंदावन। अवैध रूप से वृंदावन में रह रहे एक विदेशी को स्कॉन के समीप से एफआरओ की टीम ने पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया है। एलआईयू प्रभारी ने इस मामले में वृ़ंदावन कोतवाली में केस दर्ज किया है साथ ही रशियन दूतावास को इस मामले की सूचना दे दी है। इससे पहले स्कॉन मंदिर से अवैध रुप से रह रहे कई बांग्लादेशी नागरिक एवं विदेशियो को गिरफ्तार किया जा चुका है।


जानकारी के अनुसार शनिवार सुबह एलआईयू की टीम ने इस्कान मन्दिर के समीप से एक विदेशी नागरिक को गिरफ्तार कर लिया है। पकड़ा गया व्यक्ति रुस का 31 वर्षीय नागरिक दमित्री मल्ट्सएव हैं। जो कि वृंदावन में टूरिस्ट वीजा पर इस्कॉन मंदिर के समीप वाणी गेस्टहाउस में ठहरा हुआ था।

बताया जा रह है कि रुसी नागरिक दमित्री का टूरिस्ट वीजा करीब मार्च 2020 में ही खत्म हो गया था। जबकि उसका पासपोर्ट भी करीब छह महीने पहले एक्सपायर हो चुका है। इसके बाबजूद रशियन युवक ने पासपोर्ट की वैद्यता अवधि बढ़ाने के लिए कोई अग्रिम कार्यवाही नही की।

एलआईयू प्रभारी प्रदीप कुमार शर्मा ने मामले की गम्भीरता समझते हुए शनिवार को दमित्री को इस्कान मन्दिर के समीप से गिरफ्तार कर रूस दूतावास को सूचित कर दिया है।

सभासद की हत्या करने पर नगर पालिका अध्यक्ष समेत 6 को आजीवन कारावास

0

देवरिया। 8 साल पहले सभासद की हत्या के मामले में जिला जज की अदालत ने अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट ने बरहज नगर पालिका के अध्यक्ष उमाशंकर सिंह समेत 6 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसी मामले में एक आरोपी को न्यायालय ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया जबकि तीन पर 25- 25 हजार रुपए और तीन पर पांच- पांच रुपए के अर्थदंड की भी सजा सुनाई है।

अवैध शराब कारोबार का विरोध करने पर हुई थी सभासद की हत्या

शासकीय अधिवक्ता राजेश कुमार मिश्र के मुताबिक अवैध शराब के करोबार का विरोध कर रहे बरहज नगर पालिका के तत्कालीन सभासद मिहिरकांत तिवारी की 23 जून 2014 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मिहिरकांत के पिता कृष्णकांत तिवारी की तहरीर पर बरहज थाने में उमाशंकर सिंह उर्फ उमेश सिंह, उदय प्रताप सिंह उर्फ डिम्पू ,सत्य प्रकाश जायसवाल, गनेश सिंह और मनोज सिंह समेत दो अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ पर मुकदमा दर्ज हुआ था। विवेचना के दौरान मुरारी जायसवाल और राम प्रकाश यादव उर्फ नागा का नाम भी प्रकाश में आया। जांच के बाद विवेचक ने सभी के खिलाफ धारा 120 बी और 302 में आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया।


आजीवन कारावास के साथ अर्थदण्ड की भी सजा

जिला जज रविनाथ की अदालत सुनवाई के दौरान नगर पालिका के वर्तमान अध्यक्ष उमाशंकर सिंह उर्फ उमेश सिंह, सत्य प्रकाश जायसवाल, गनेश सिंह, उदय प्रताप सिंह उर्फ डिम्पू , मुरारी जायसवाल और राम प्रकाश यादव उर्फ नागा को हत्या व हत्या की साजिश का दोषी करार दिया। न्यायालय ने सभी दोषियों को आजीवान कारावास और अर्थ दंड की सजा सुनाई है जबकि साक्ष्य के अभाव में मनोज सिंह को बरी कर दिया।

अब यूपी की जेलों में बंदियों से मिल सकेंगे परिजन, यूपी सरकार ने जारी की गाइडलाइन

0

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के चलते जेलों में बंदियों पर किसी से भी मिलने पर प्रतिबंध लगाया गया था। कोरोना संक्रमण थमने क बाद अब इस प्रतिबंध को16 अगस्त से समाप्त किया जा रहा है। दरअसल, 16 अगस्त से प्रदेश भर की सभी जेल में मुलाकात को शासन ने हरी झंडी दे दी है। हालांकि कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करना होगा। इसे लेकर यूपी सरकार ने आदेश जारी कर दिए हैं।

जारी हुई गाइडलाइन्स

जानकारी के मुताबिक, महामारी के चलते पहले लॉकडाउन में 19 मार्च 2020 को प्रदेशभर की सभी जेल में मुलाकात बंद कर दी गई थी। जिसका मकसद जेल के अंदर संक्रमण के प्रसार को रोकना था। इस दौरान बंदियों से उनके परिजनों की बात फोन पर कराई जाती रही। संक्रमण की पहली लहर के बाद दूसरी लहर भी आई और अब हालात सामान्य हो चले थे। अब कहीं पर लॉकडाउन भी नहीं रहा।


अब शासन ने मुलाकात के आदेश जारी कर दिए हैं। आगामी 16 अगस्त से परिजन जेल में बंदी से मिलने जा सकते हैं। लेकिन, बंदियों से मुलाकात को लेकर शासन ने गाइडलाइन जारी की है। जिसमें सप्ताह में एक बार एक बंदी की उसके दो परिजनों से मुलाकात कराई जा सकेगी। मुलाकात करने आने वाले परिजन या सगे संबंधी को आरटीपीसीआर रिपोर्ट दिखानी होगी। वही मुलाकात के बाद बंदी बैरक में लौटने से पहले सैनिटाइजेशन से होकर गुजरेगा।

चाइनीज मांझों के इस्तेमाल पर दिल्ली सरकार सख्त, एक लाख जुर्माने के साथ होगी पांच साल की जेल

0

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने स्वतंत्रता दिवस पर पतंगबाजों पर चाइनीज मांझों के उपयोग को लेकर सख्ती की है। सरकान ने पतंगबाजों को आगाह किया है कि लोग चीनी माझा या तेज धार वाले सिंथेटिक धागे का उपयोग न करेंं। इस मांझे के उपयोग पर 2017 से प्रतिबंध है। दिल्ली के पर्यावरण विभाग ने कहा कि इस मांगे का उपयोग करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।

नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने के साथ-साथ जेल भी हो सकती है। गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने जनवरी 2017 में चीनी मांझे और पतंग उड़ाने के अन्य हानिकारक धागों पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव पारित किया था। चीनी मांझा पर लगे प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर पांच साल तक की सजा या एक लाख रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

दिल्ली सरकार ने चीनी मांझे पर लगे प्रतिबंध के उल्लंघन की शिकायत करने के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं, जिसमें दिल्ली पुलिस के लिए 100 नंबर, मंडलायुक्त के लिए 1077, नगर निगम उत्तरी के लिए 155304, नगर निगम दक्षिणी के लिए 155305 व नगर निगम पूर्वी के लिए 155303 पर शिकायत की जा सकती है।

इसके अलावा दिल्ली सरकार के प्रमुख वन्यजीव वार्डन के हेल्पलाइन नंबर 1800118600 पर भी शिकायत कर सकते हैं। दिल्ली सरकार द्वारा पहले ही जारी की जा चुकी अधिसूचना के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चीनी मांझे के नाम से लोकप्रिय नाइलोन, प्लास्टिक या किसी अन्य कृत्रिम पदार्थों से बने पतंग उड़ाने के धागों की बिक्री, उत्पादन, भंडारण, आपूर्ति और उपयोग सभी पर पूर्णतया प्रतिबंध है।

पॉर्न फिल्म देखने और हस्तमैथुन करने में महिलाएं भी पीछे नहीं, जानिए कैसे

0

नई दिल्ली। हॉलीवुड में इन दिनों पॉर्न फिल्मों बनाने को लेकर भूचाल आ गया है। उद्योगपति राज कुंद्रा सहित कई अभिनेत्रियां कानूनी दांवपेचों में फंसे हुए हैं। इस बीच एक सवाल यह भी सामने आने लगा है कि क्या महिलाएं भी हस्तमैथुन करती हैं और पॉर्न देखती हैं? इसे लेकर लोकप्रिय वेबसाइट पोर्न हब के एक हालिया सर्वे के अनुसार पोर्न देखने वालों में एक-तिहाई महिलाएं हैं, और यह अनुपात बढ़ रहा है। पोर्न देखने वाले देशों में भारत चौथे नंबर पर है, और महिलाएं भी ज्यादा पीछे नहीं हैं। सर्वे के मुताबिक 30 फीसदी नियमित पोर्न कंज्यूमर महिलाएं ही हैं। लेकिन महिला कामोन्माद के बारे में न पुरुष चर्चा करते हैं, न महिलाएं।


स्त्रीवादी लेखिका मेघना पंत कहती हैं, “30 फीसदी का आंकड़ा दुनिया के सर्वाधिक में शुमार है। इसका मतलब है कि ब्राजील और फिलिपींस के बाद हमारी महिलाएं दुनिया के अन्य किसी भी देश की तुलना में ज्यादा पोर्न देखती हैं। फिर भी काम साहित्य लिखने वाले कई लोगों ने बताया कि छोटे शहरों में अब भी महिलाएं जी-स्पॉट का मतलब गोल्ड स्पॉट समझती हैं, और वीट ब्लीच को फेसियल का हिस्सा मानती हैं। दशकों से शादी-शुदा होने के बावजूद इनमें अनेक महिलाओं को नहीं मालूम कि कामोन्माद क्या होता है।” वे कहती हैं, हमें इस बात को सामान्य रूप से लेना चाहिए कि महिलाएं न सिर्फ पोर्न देखती हैं, बल्कि उनमें महिला कामोन्माद की अनदेखी किए जाने से हताशा भी होती है। क्या इसके लिए पुरुषों की सोच का दायरा बढ़ाने की जरूरत है? क्यों न महिलाओं के लिए पोर्न तैयार किया जाए?

फिल्म और थियेटर कलाकार आहना कुमरा ने पहली बार पोर्न उत्सुकतावश देखा था। वे बताती हैं, “मैं कॉलेज में थी। मेरी उम्र 16 साल थी। मैंने और मेरी एक सहेली ने एक लड़के से सीडी मंगवाई। मेरे माता-पिता कहीं बाहर जाने वाले थे, लेकिन सीडी देखकर हम परेशान हो गए। हमने तत्काल देखना बंद कर दिया।” लेकिन जब कुमरा विदेश दौरे करने लगीं तो उन्होंने नई चीजें देखीं। वे कहती हैं, “मैं फ्रांस में माउलिन राउज गई। वहां स्टेज पर कम से कम एक सौ नग्न महिलाएं नृत्य कर रही थीं। शुरुआती झटके के बाद मैंने महसूस किया कि ये तो बस खूबसूरत शरीर हैं। उसमें कला का पुट था। फिर जब मैं एम्सटर्डम गई तो वहां सेक्स के लिए महिलाओं को घर से बाहर जाते देखा। पोर्न एक विशाल और फलती-फूलती इंडस्ट्री है। भारत में इसे देखने वाले बहुत हैं, बस हम इस बात को स्वीकार नहीं करते।”

कुमरा को लगता है कि उन्हें ज्यादा पोर्न देखने का मौका नहीं मिला क्योंकि उनके दोस्त दकियानूसी थे। इरोटिका (काम साहित्य या दृश्य) के बारे में उनका कहना है कि अंतर सिर्फ इतना है कि यह अभिजात्य वर्ग के लिए है और पोर्न सबके लिए। वे कहती हैं, “इरोटिका कला है। माउलिन राउज में उसे देखने के लिए मैंने पैसे दिए। जब आप पैसे देकर इस तरह के यौन दृश्य देखते हैं तो वह इरोटिका है। लेकिन जब आप उसे ऑनलाइन देखते हैं तो वह सबके लिए उपलब्ध है।”

महिलाओं के लिए पोर्न तक पहुंच उतनी ही आसान है जितनी पुरुषों के लिए। अनेक महिलाओं को तो लगता है कि आप पोर्न देखें या न देखें, इसमें बड़ी बात क्या है, और देखने में बुराई ही क्या है? लेकिन यह विचार भारत में स्त्री यौनिकता और उसके दमन की परंपरा के खिलाफ है। जैसे ही आप इस विषय पर चर्चा शुरू करते हैं, लोग असहज हो जाते हैं। दूर क्यों जाएं, अपनी फिल्मों पर ही नजर दौड़ा लीजिए। इनमें महिलाओं को आइटम सॉन्ग तक सीमित कर दिया गया है। हम उसे तो खुले में देखते और आनंद लेते हैं लेकिन महिलाओं के पोर्न देखने से हमें समस्या है। यह अजीब नहीं है?

कुमरा कहती हैं, “जब मेरी फिल्म लिपस्टिक अंडर माइ बुर्का पर प्रतिबंध लगाया गया तो मुझे लगा कि हमारे समाज को महिलाओं की यौन आजादी के बारे में चर्चा करने में परेशानी है। फिल्मों में सेक्स को बड़े घटिया तरीके से दिखाया जाता है। अनेक ओटीटी प्लेटफॉर्म पोर्नोग्राफिक कंटेंट दिखा रहे हैं। फिर भी हम सेक्स के बारे में बात नहीं करते। यह हैरान करने वाला है।”

हैरानी इसलिए भी होती है क्योंकि भारतीय संस्कृति में महिलाओं की हैसियत बराबरी की रही है। अगर आप मंदिरों के बाहर कलाकृतियां देखें तो उनमें महिलाओं के हाथ में सेक्स खिलौने जैसी चीजें दिखती हैं। कामसूत्र में महिला सर्फ आनंद देने वाली नहीं बल्कि आनंद लेने के लिए खुद भी पहल करती है। कोलकाता की इरोटिका लेखिका श्रीमोइ पिउ कुंडू कहती हैं, “हमने पर्दा प्रथा, अंदर महल-बाहर महल की प्रथा देखी, विक्टोरियन कॉरसेट (अंदर पहनने का कसा हुआ वस्त्र) भी देखा, लेकिन अगर हम अतीत में देखें तो पाएंगे कि भारतीय महिलाएं अपने स्तन को ढंकती नहीं थीं।”

लेकिन अब वैसा नहीं है। कुंडू कहती हैं, “दुर्भाग्यवश पोर्न सिर्फ पुरुष के नजरिए से दिखाया जाता है। ज्यादातर पोर्न में आपको पुरुष गुदा मैथुन करते और अंत में महिला के चेहरे पर वीर्य स्खलित करते नजर आएंगे। ज्यादातर भारतीय पुरुषों की यही फैंटेसी होती है। उनकी मनोविकृति इसी का नतीजा है। पुरुषों को इस बात का इल्म ही नहीं होता कि महिलाएं क्या चाहती हैं। सहमति की अवधारणा का पाठ उन्हें पढ़ाया ही नहीं जाता। आप द्विअर्थी भारतीय गानों और ओटीपी शो को देखें, सेक्स हमेशा हमारे सामने रहता है। तो हम ऐसा भान क्यों करते हैं कि पोर्न का अस्तित्व ही नहीं है। महिलाएं भी पोर्न देखती हैं। मेरी कई दोस्त हैं जो पोर्न देखकर हस्तमैथुन करती हैं। दुर्भाग्यवश लोगों को महिलाओं को यौन वस्तु के रूप में देखने का विचार पोर्न से आता है।”

मुंबई स्थित लेखिका और ओमपुरी फाउंडेशन की चेयरपर्सन नंदिता पुरी कहती हैं, “मुझे पोर्न अंतर्निहित रूप से अपमानजनक नहीं लगता। अगर उसमें दिखने वाली कोई महिला स्वेच्छा से ऐसा करती है तो उसकी आलोचना नहीं की जानी चाहिए। लेकिन हमारे पितृसत्तात्मक समाज में पुरुषों का अपने फायदे के लिए महिलाओं का इस्तेमाल स्वाभाविक है। हमें इस बात को समझना चाहिए कि 90 फीसदी ग्रामीण महिलाएं दमित हैं। शहरों में भी जो 10 फीसदी महिलाएं स्वतंत्र हैं, वे वास्तव में स्वतंत्र नहीं हैं।

मुंबई स्थित पत्रकार और लेखिका अनिंदिता घोष के अनुसार, “कुछ पोर्न महिलाओं के लिए अपमानजनक होते हैं, लेकिन यह कहना ठीक नहीं कि समूचा पोर्न ही महिलाओं के लिए अपमानजनक है। ऐसा कहने का मतलब यह होगा कि महिलाओं का कोई यौन जीवन नहीं होता। पोर्न इंडस्ट्री की अलग समस्याएं हैं। वहां अभिनेता-अभिनेत्रियों, खासकर अल्पवयस्कों का शोषण होता है। यह बात जगजाहिर है और इस समस्या का समाधान होना चाहिए। लेकिन अगर आप पोर्न देखने की नैतिकता के बारे में पूछेंगे तो मैं कहूंगी कि मुझे इससे कोई समस्या नहीं- जब तक इसमें बाल शोषण या अन्य कोई अपराध शामिल न हो।”

हमारे पितृसत्तात्मक समाज में पुरुष अपनी वासना के लिए महिलाओं का इस्तेमाल करते हैं, जबकि महिला यौन इच्छाएं कमोवेश अतृप्त रह जाती हैं रही बात इरोटिका की, तो कुछ महिलाएं इसे कामुकता, पैशन और वासना का मिलाजुला रूप मानती हैं, जो सहमति से होता है। इसमें पारस्परिकता और प्रेम का एक वातावरण तैयार किया जाता है, वास्तविक सेक्स शायद ही दिखाया जाता हो। कुंडू कहती हैं, “भारत का पहली स्त्रीवादी काम-साहित्य सीताज कर्स (सीता का अभिशाप) की लेखिका होने के नाते मेरा मानना है कि इरोटिका सिर्फ रोमांच नहीं। हमारी भूमि कामसूत्र और खजुराहो की रही है, जिसमें प्रेम करने की खूबसूरत तस्वीरें हैं। हमने ही दुनिया को बताया कि इरोटिका क्या होता है।”

पोर्न देखने पर पता चलता है कि ये कितना पुरुष प्रधान होते हैं। यह पुरुषों को बलात्कार करने या दूसरे तरीके से आक्रामक होने की फैंटेसी देता है। कोलकाता स्थित पत्रकार अर्शिया धर कहती हैं, “पोर्न में अक्सर महिलाओं को पुरुषों की सामग्री के तौर पर दिखाया जाता है। इससे निपटने का एकमात्र तरीका ज्यादा से ज्यादा स्त्रीवादी पोर्न बनाना है।” अनेक तरीके हैं जिससे लोग पोर्न देख सकते हैं, उसमें महिलाओं को सम्मानजनक तरीके से दिखाया जाए और दोनों पक्षों के कामोन्माद पर फोकस किया जाए। अब शाइन लुइस हॉस्टन, कर्टनी ट्रबल, ट्रिस्टन ताओरमिनो, मेडिसन यंग जैसी महिलाएं स्त्रीवादी पोर्न बना रही हैं। घोष कहती हैं, “मुझे कई महिला पोर्न अभिनेत्रियां पसंद हैं। उनमें एक टेरा पैट्रिक हैं। वह बहुत अच्छा परफॉर्म करती हैं। पोर्न में मेरे लिए आवाज महत्वपूर्ण है और टेरा पैट्रिक वह बहुत अच्छा करती हैं।”

महिलाओं के पोर्न देखने का चलन बढ़ने से उनके कामोन्माद को दिखाने वाले कंटेंट तैयार होने लगे हैं। उनमें न उनका गला दबाया जाता है, न थप्पड़ मारा जाता है, न उनके बाल खींचे जाते हैं न ही उन्हें गालियां दी जाती हैं। मुंबई स्थित मनोचिकित्सक डॉ. अंजलि छाबरिया कहती हैं, “भारतीय पोर्न में महिलाओं को पुरुषों की इच्छाएं पूरी करने और उन्हें खुश करते दिखाया जाता है। मुझे नहीं लगता कि आज की महिलाएं ऐसा देखना पसंद करती हैं। प्रेम करने में भी समानता आवश्यक है। पुरुष को भी समझना चाहिए कि उसे भी महिला को खुश करना है।”

रुठी बीवी को मनाने मायके पहुंचा शौहर, नहीं मानी तो कर डाली दो बेटियों की हत्या

0


मेरठ। फाजलपुर गांव में पत्नी से विवाद के चलते एक बेरहम बाप ने अपनी दो मासूम बेटियों की हत्या कर दी और फरार हो गया। पड़ौसियों की सूचना पर मौके पर पहुची पुलिस ने दोनों बेटिेयों को पोस्टमॉर्टम को भेज दिया है और जांच शुरु कर दी है।

मेरठ के फाजलपुर गांव निवासी अरूण जाटव ने बीती रात अपनी दो बेटियों को गला दबाकर हत्या कर दी। अरूण का कई महीनों से पत्नी से विवाद था। अरूण की पत्नी लंबे समय से मायके में थी। कल 13 अगस्त को अरूण पत्नी झगड़ा करके बेटियों को अपने साथ ले आया था।

अरूण जाटव की शादी सात साल पहले नीशू से हुई थी। शादी के बात पति-पत्नी के बीच मामूली विवाद होते रहे और इसी दौरान नीशू से अरूण की दो बेटियों को जन्म दिया। दोनो बेटियों की उम्र चार और छह साल थी। कई महीने पहले नीशू और अरूण के बीच तल्खियां ज्यादा हुई तो नीशू दोनो बेटियों को लेकर अपने मायके चली गयी।
13 अगस्त को अरूण अपनी बेटियों को लेने नीशू के घर पहुंच गया था। विवाद और न बढ़े इसलिए नीशू ने अरूण को बेटियां दे दी और खुद मायके से आने से इंकार कर दिया। अरूण का मकसद बेटियों को लेकर नीशू पर दबाब बनाने का था। लेकिन बेटियों को लेकर नीशू अरूण के दबाब में नही आई।

अरूण बेटियों को लेकर घर आया और रात में बेटियों का गला दबाकर उन्हें मार डाला। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया। पडौसियों से मिली जानकारी के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पूरे मामले की जानकारी की और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और हत्यारे पिता की तलाश में जुटी है।


कंकरखेड़ा थाना के प्रभारी निरीक्षक तपेश्वर सागर ने बताया है कि नीशू को भी इस वारदात की सूचना मिल गयी और वह मौके पर पहुंची थी। नीशू की तहरीर पर अरूण के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है और उसकी तलाश की जा रही है। उसे गिरफ्तार करके जेल भेजा जायेगा।

हाइवे पर कार और बाइक में जबर्दस्त भिड़ंत, बाइक सवार दो लोगों की मौके पर मौत

0

छाता। छाता के गोहरी कट के समीप हाई वे पर कार और बाइक की जबर्दस्त भिड़ंत हो गई। इस हादसे में बाइक सवार दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे होने पर मौके पर पहुचे लोगों ने कार सवारों को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया है। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और जांच शुरु का दी है।


शुक्रवार देर शाम साढे सात बजे एक निजी कंपनी से काम कर बाइक से गुहारी गांव निवासी हेतराम पुत्र चमोली और उसका साथी घर जा रहे थे। तभी तेज गति से दिल्ली स आगरा की ओर जा रही इनोवा कार ने बाइक में सामने से टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी कि दोनों बाइक सवारों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसा होते ही आसपास के लोग घटना स्थल की ओर दौड़े और बचाव कार्य में लगे। पुलिस को सूचित किया।

मौके पर पहुंची पुलिस ने दो बाइक सवार मृतकों में से एक की पहचान उसके पास मिले ड्राइविंग लाइसेंस और आधार कार्ड से हेतराम के रुप में हुई है। जबकि दूसरे साथी की पहचान नहीं हो सकी है। वहीं लोगोंं ने दुर्घटना में शामिल इनोवा कार कार के चालक को पकड़ कर पुलिस को सांैप दिया है।

मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और घटना क जांच शुरु कर दी है। कार और क्षतिग्रस्त बाइक को कब्जे में ले लिया है।

उत्तरप्रदेश में अब शनिवार को भी खुलेंगी दुकानें और बाजार, जानिए क्या-क्या हुआ बदलाव

0

लखनऊ। उत्तरप्रदेश में कोरोना संक्रमण के कारण लगाए गए दो दिन के वीकेंड लॉकडाउन में योगी सरकार ने ढील दी है। शनिवार को लॉकडाउन खत्म कर दिया गया है। आज से प्रदेशभर में शनिवार को लॉकडाउन नहीं रहेगा यानी बाकी दिनों की तरह शनिवार को भी लोग अपने जरूरी काम निपटा सकेंगे। हालांकि, योगी सरकार ने अभी रविवार को लॉकडाउन को जारी रखने का फैसला लिया है।

उत्तरप्रदेश में कोरोना के मामलों में काफी हद तक कमी देखी जा रही है। कोरोना के मामले रोजाना अब सिर्फ दहाई की संख्या में ही सामने आ रहे हैं। इसे देखते हुए सरकार ने जनता को राहत देने का फैसला लिया था। इसके तहत अब सिर्फ रविवार को ही वीकएंड लॉकडाउन के तहत दफ्तर और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे।

सोमवार से शनिवार तक होंगी व्यापारिक गतिविधियां

नए शासनादेश के अनुसार अब सोमवार सुबह 6 बजे से शनिवार रात 10 बजे तक व्यापारिक गतिविधियों की छूट रहेगी। युपी सरकार ने जुलाई में दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिसके अनुसार सोमवार से शुक्रवार तक बाजार, दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को सुबह छह बजे से रात 10 बजे तक संचालित करने की अनुमति दी गई थी, जबकि शनिवार और रविवार साप्ताहिक बंदी के दिन थे।

शनिवार को भी खुल सकेंगे दुकानें, मॉल और बाजार

नए आदेश के मुताबिक अब शनिवार को भी दुकानें व बाजार खुल सकेंगे। लोग अब शनिवार के दिन भी मॉल जाकर शॉपिंग कर सकते हैं। यूपी में मॉल को पहले सोमवार से शुक्रवार तक की ही खोलने की इजाजत थी। शनिवार को लॉकडाउन खत्म होने के बाद लोगों को राहत जरूरी मिली है।

शनिवार को अब मेट्रो भी चलेगी

शनिवार को लॉकडाउन खत्म होने के बाद इस दिन मेट्रो सेवा भी संचालित हो सकेगी। नोएडा मेट्रो रेल निगम (एनएमआरसी) ने शुक्रवार को कहा कि अब नोएडा से ग्रेटर नोएडा रूट पर चलने वाली मेट्रो रेल का संचालन शनिवार को भी किया जाएगा। आज से यह सेवा सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक उपलब्ध रहेगी। एनएमआरसी की प्रवक्ता निशा वधावन ने बताया कि कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अब मेट्रो रेल सोमवार से शनिवार तक चलेगी। उन्होंने बताया कि एनएमआरसी रविवार को अभी ट्रेन संचालित नहीं करेगी।

आरबीआई ने रद्द किया इस सहकारी बैंक का लाइसेंस, जानें जमाकर्ताओं को पैसा वापस मिलेगा या नहीं?

0

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने महाराष्ट्र के करनाला नागरी सहकारी बैंक, पनवेल का लाइसेंस रद्द कर दिया है। बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं होने के कारण केंद्रीय बैंक ने यह कदम उठाया है। यह सहकारी बैंक अपने मौजूदा जमाकर्ताओं की पूरी राशि चुकाने की स्थिति में नहीं है। रिजर्व बैंक ने कहा कि करनाला नागरी सहकारी बैंक का लाइसेंस 9 अगस्त 2021 के आदेश के तहत रद्द किया गया है। यदि बैंक को आगे अपना कारोबार जारी रखने की अनुमति दी गई, तो इससे जनहित पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।

क्या जमाकर्ताओं को वापस मिलेगा उनका जमा रुपया?

सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, महाराष्ट्र से बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। लाइसेंस रद्द करने की घोषणा करते समय आरबीआई ने कहा कि बैंक द्वारा जमा कराए गए ब्योरे के मुताबिक, 95 फीसदी जमाकर्ताओं को डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन एक्ट के तहत अपनी पूरी राशि वापस मिलेगी।

जानिए पूरा मामला

16 जून 2021 में करनाला नगरी सहकारी बैंक घोटाले के मामले में ईडी ने बैंक के चेयरमैन विवेकानंद शंकर पाटिल को गिरफ्तार किया था। यह मामला 512.54 करोड़ रुपये के घोटाले से संबंधित है। पाटिल पीडब्ल्यूपी के पूर्व विधायक हैं। पूर्व विधायक को धन शोधन निवारण अधिनियम (मनी लांड्रिंग रोधी कानून) की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था। यह मामला नवी मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा पिछले साल फरवरी में पूर्व विधायक और लगभग 75 अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है। इसमें करनाला नगरी सहकारी बैंक में 512.54 करोड़ रुपये की अनियमितता का आरोप था। पुलिस ने पूर्व में पनवेल विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष पाटिल के अलावा उपाध्यक्ष, मुख्य कार्यकारी अधिकारी और कई अन्य लोगों को आरोपी के रूप में नामित किया था, जिन्होंने संस्था से ऋण लिया था। यह धोखाधड़ी का मामला उसी आधार पर दायर किया गया था।

पिछले 12 साल से चल रही थी धोखाधड़ी


12 अगस्त 2021 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पाटिल और अन्य के खिलाफ 512 करोड़ रुपये से अधिक के कथित फर्जीवाड़े से जुड़े धनशोधन मामले में आरोपपत्र दायर किया। मामले में ईडी ने कहा कि, ‘केंद्रीय बैंक के 2019-20 के दौरान ऑडिट में धोखाधड़ी का यह मामला सामने आया। इसमें पता चला कि पाटिल 63 फर्जी ऋण खातों के माध्यम से कोष का गबन कर रहे हैं। धोखाधड़ी 2008 से चल रही थी।’