Sunday, December 8, 2024
Homeन्यूज़एक्सक्लूसिवडॉक्टर निर्विकल्प अपहरण कांडः पीड़ित ने आईजी को सुनाई थी दास्तां, सीएम...

डॉक्टर निर्विकल्प अपहरण कांडः पीड़ित ने आईजी को सुनाई थी दास्तां, सीएम योगी आदित्याथ ने ली पूरी जानकारी

मथुरा। शहर के चर्चित डॉक्टर निर्विकल्प अग्रवाल अपहरण कांड से पुलिस का हर अफसर वाकिफ था। निलंबित एसओ जगदंबा सिंह द्वारा दर्ज कराई रिपोर्ट इस बात की तस्दीक करती है। जिसमें उन्होंने इस बात का उल्लेख किया है कि जब बीट सिपाही ने डाक्टर के अपहरण की सूचना उन्हें दी तो उन्होंने पूरे मामले से अपने उच्च अधिकारियों को अवगत कराया। मौके पर एसओजी के उपनिरीक्षक सुल्तान सिंह, सर्विलांस प्रभारी को बुलाया, डाक्टर के घर गए और उनसे पूरा वाक्या जाना।
बहरहाल अब सभी के जेहन में एक सवाल उठ रहा है कि आखिर ये पूरा मामला खुला कैसे। दर असल पुलिस से सेटिंग के बाद लुटेरे इस कदर बेखौफ थे कि उन्होंने अपहरण की फिरौती के रूप में 52 लाख हासिल करने के बाद डाक्टर से एक बार फिर 50 लाख की मांग कर दी। इस बार डाक्टर ने पुलिस के आला अधिकारियों से मिलने का समय मागा लेकिन अधिकारी टालमटोल करते रहे। हारकर पीड़ित ने आईजी ए सतीश गणेश से गुहार लगाई। उन्हें पूरा मामला बताया। पुलिस के इस कारनामें को सुनकर आईजी ए सतीश गणेश के पैरों तले जमीन खिसक गई। उन्होंने अपने स्तर से पूरे मामले जांच कराई। मामला सही पाया गया। मीडिया में सुर्खियां बनने के बाद लखनऊ में बैठे अधिकारी भी सक्रिय हुए। ताजा खबर ये है कि इस पूरे मामले से सरकार की किरकिरी हो रही है ऐसे में सीएम योगी आदित्यनाथ ने डीजीपी से पूरे मामले की जानकारी ली है। इधर एक दिन पहले मथुरा आए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने साफ शब्दों में कहा है कि दोषी किसी कीमत पर बख्शे नहीं जाएंगे।

बदमाशों पर 50-50 हजार का इनाम, एसआईटी करेगी जांच

तत्कालीन एसओ द्वारा दर्ज रिपोर्ट में सन्नी पुत्र देवेंद्र मलिक निवासी सैनिक विहार कॉलोनी कंकड़खेड़ा मेरठ, महेश पुत्र रघुनाथ, अनूप पुत्र जगदीश निवासी कोलाहर नौहझील और नितेश को आरोपी बनाया गया है। इन सभी पर 50-50 हजार का इनाम घोषित किया गया है। अब इस पूरे मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई है। थाने से अपराधियों को छोड़ने के जघन्य अपराध पर सीएम योगी गंभीर है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments