Saturday, April 20, 2024
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कोरोना की थर्ड वेव में ऐसे बचाएं अपने बच्चों को, जानिए बाल रोग विशेषज्ञ के दिए ये सुझाव


दुनियाभर में कोरोना महामारी की सेकण्ड वेव से हाहाकार मचा रहा। देश में कोरोना से लड़ने के लिए संसाधनों के लिए मारामारी देखी गई। इसी बीच अब कोरोना की थर्ड वेव के आने की आशंका जताई जा रही है। विशेषज्ञों का यह भी दावा कि यह वेव बड़ों से ज्यादा बच्चों को प्रभावित करेगी। उनके लिए घातक होगी। ऐसे नियो न्यूज ने कोरोना वायरस की थर्ड वेव से बच्चों को किस तरह सुरक्षित रखा जाए और इससे बचने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए। इन सवालों के जवाब के जवाब नियो न्यूज ने मथुरा के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक अग्रवाल से जाने। आइए जानते हैं बाल रोग विशेष के सुझाव-

बाल रोग विशेष डा. अशोक अग्रवाल ने बताया कि कोरोना संक्रमण एक वायरल इन्फेक्शन हैं। जिसकी कोई खास दवाई होती नहीं। पहले देखा कि रेमडिसिविर इंजेक्शन इसमें कारगर होगा। लेकिन बाद में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि इस महामारी में रेमडिसिविर का कोई रोल नहीं है।


कोरोना संक्रमण से बचने के लिए बच्चे और बड़ों में इन्यूनिटी पॉवर (प्रतिरोधक क्षमता) अच्छी नहीं होनी चाहिए। अभी तक के अनुभव से स्पष्ट है कि यदि व्यक्ति के अन्दर रोगों से लड़ने की क्षमता अच्छी है तो कोरोना वायरस असर नहीं करेगा।


डाक्टर अशोक अग्रवाल ने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि इस बार कोरोना लहर बच्चों पर प्रभावित करेगा। इसके लिए कोरोना से बचने का बड़ा तरीका यह है कि बच्चों को संक्रमण से बचाकर रखा जाए। मास्क लगाना, समय-समय पर हाथ धोना और सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर रखना चाहिए।

बच्चे कोरोना की थर्ड वेव से बचाव के अपनाएं ये तरीके

  • बच्चे घर से बाहर न निकलें।
  • हैंडवॉश करें, सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखें ।
  • बच्चों को बंद कमरों, ए सी और कूलर के पास न रहने दें।
  • बच्चों के लिए हवादार वातावरण होना चाहिए।
  • खाना-पीना पॉष्टिक होने के साथ समय पर होना चाहिए।
  • ऐलोवेरा बच्चों को किसी न किसी रुप में दें ताकि इन्यूनिटी पॉवर बढ़ा सकें
  • ऐसे फल, सब्जी और खाना दें जिनमें विटामिन्स, जिंक और प्रोटीन भरपूर मिल सके। दवाओं का एक सीमित मात्रा में ही प्रयोग करें, क्यों कि अधिक दवाई घातक भी हो सकती हैं ।

थर्ड वेव के लिए अस्पतालों को रहना होगा तैयार

डा. अशोक अग्रवाल ने बताया कि कोरोना संक्रमण की सेकण्ड वेव में फस्र्ट से सीख लेने में देरी हुई थी। वेंटीलेटर, ऑक्सीजन की लोगों को मारामारी झेलनी पड़ी। समय रहते सेकण्ड वेव से सीख लेते हुए अभी से थर्ड वेव के लिए तैयार रहना चाहिए। लोगों के साथ-साथ हॉस्पीटलों को भी तैयार रहना आवश्यक है।

बच्चों में कोरोना संक्रमण के खतरे की आशंका को देखते हुए बच्चों के ही वेंटीलेटर अस्पतालों में होने चाहिए। क्यों कि बड़ों के प्रयोग में आने वाले वेंटीलेंटर बच्चों के लिए प्रयोग में नहीं लाए जा सकते। इसके अलावा बच्चों की क्षमता के अनुसार ही दवाइयों की व्यवस्था एवं उनके मुताबिक ही उपाचार के अन्य संसाधन तैयार करने होंगे।

डाक्टर अशोक अग्रवाल ने की ये अपील

उन्होंने कहा कि कोरोना टाइम-2 के समय देश के लोग आर्थिक रुप से बहुत ही कमजोर हुए हैं। वह ऐसे परिवारों को जानते हैं, जिन्होंने कर्ज लेकर कोरोना का इलाज कराया है। यह बात भी सही है कि इलाज बहुत महंगा हुआ है। प्राइवेट अस्पतालों में बहुत ही महंगा इलाज हुआ है। प्राइवेट अस्पतालों और डॉक्टरों से मांग है कि वह कोरोना के इलाज के दौरान जो राहत मरीज को दे सकते हैं, वह अवश्य दें।

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