मथुरा। शिक्षक भर्ती घोटाले में एक और शिक्षिका की सेवा समाप्त कर दी गई है। यह शिक्षिका विकास खंड नौहझील में तैनात थी। खंड शिक्षाधिकारी की जांच में यूपी अध्यापक पात्रता परीक्षा 2011 अन्य पिछड़ा वर्ग का प्रमाण पत्र सत्यापन में फर्जी पाया गया है।
बबीता पुत्री राजेन्द्र सिंह निवासी ज्योतिराज, पोस्ट जैंगारा, जिला आगरा की नियुक्ति बीएसए मथुरा के आदेश पर 21 सितंबर 2015 में सहायक अध्यापक के पद पर उच्च प्राथमिक विद्यालय अहमदपुर विकास खंड नौहझील में की गई थी। शिक्षिका का जून 2017 में वेतन आहरित किया गया था। शिक्षक भर्ती घोटाले का जिन्न निकलकर आने के बाद सभी शिक्षकों की जांच बारीकी से कराई गई। इनके सभी प्रमाणपत्रों की जांच भी कराई गई। कार्यालय स्तर पर हुई जांच कार्रवाई के अंतर्गत पाया गया कि इनके द्वारा उत्तर प्रदेश अध्यापक पात्रता परीक्षा 2011 अनुक्रमांक 04014182 अन्य पिछड़ा वर्ग प्राप्तांक 91 का प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया गया था। ऑनलाइन सत्यापन करने पर प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया।
बीएसए चंद्रशेखर ने बताया कि फर्जी शिक्षिका बबीता ने जून 2017 से विभाग से लगातार वेतन प्राप्त किया है। इसके अलावा भत्ते भी लिए हैं। वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा को पत्र भेजकर अध्यापक बबीता के वेतन आहरण पर तत्काल रोक लगा दी गई है। वेतन व भत्तों की रिकवरी की कार्रवाई करने को कहा गया हैं। थाना नौहझील में रिपोर्ट दर्ज करने को लिखा गया है।
एक और फर्जी शिक्षिका की नौकरी गई, दर्ज होगी एफआईआर
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