Saturday, May 4, 2024
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राजीव एकेडमी फार फार्मेसी में नकली दवाओं पर व्याख्यान

दवाओं की खरीदी में यूनिक आइडेंटीफिकेशन कोड का करें इस्तेमालः डॉ. नीरज दीक्षित
मथुरा। बुधवार को राजीव एकेडमी फार फार्मेसी में नकली दवाओं पर आनलाइन व्याख्यान आयोजित किया गया। मुख्य वक्ता आई.ई.एस. मैनेजमेंट कालेज एण्ड रिसर्च सेण्टर मुंबई के प्राध्यापक डॉ. नीरज दीक्षित ने छात्र-छात्राओं को भारत में बढ़ती नकली दवाईयों के चलन और इनके दुष्परिणामों की विस्तार से जानकारी दी।
डॉ. नीरज दीक्षित ने राजीव एकेडमी फार फार्मेसी मथुरा के शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं को बताया कि नकली दवाईयों का व्यापार सिर्फ एक देश या जाति वर्ग की चिन्ता का विषय नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व एवं मानव सभ्यता के लिए खतरे का संकेत है। डॉ. दीक्षित ने बताया कि दवाओं के क्षेत्र में नकली उत्पादों को पहचानना कठिन कार्य है। खासतौर पर तब जब कुछ दवाइयां बिल्कुल ही नकली होती हैं। उन्होंने कहा कि कुछ दवाओं का नुकसान तुरंत नहीं पहुंचता और कुछ ऐसी होती हैं जिनका शरीर पर कोई असर नहीं होता ऐसे में अस्वस्थ व्यक्ति को वक्त पर उपचार देना काफी चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
डॉ. नीरज दीक्षित ने बताया कि आमतौर पर उपभोक्ताओं के पास नकली दवाईयों को पहचानने के साधन उपलब्ध नहीं होते हैं लेकिन कुछ ऐसे तरीके हैं जिनका उपयोग करके नकली दवाईयों को घर बैठे पहचाना जा सकता है। डॉ. दीक्षित ने कहा कि हम पैकेजिंग की जांच, दवाईयों के मूल्य में अंतर, दवाईयों की जांच आदि के द्वारा नकली दवाओं की खरीदी से बच सकते हैं। उन्होंने आनलाइन या एसएमएस के माध्यम से दवा खरीदी से बचने की सलाह दी। डॉ. दीक्षित ने बताया कि उपभोक्ता दवाईयों की सत्यता जानने के लिए फार्मा सिक्योर की वेबसाइट का प्रयोग कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि दवा के पत्ते या डिब्बे पर एक यूनिक आइडेंटीफिकेशन कोड होता है, उपभोक्ता इस कोड को 9901099010 पर एसएमएस कर दवा की सत्यता का पता आसानी से लगा सकते हैं।
आर.के. एज्यूकेशन हब के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, उपाध्यक्ष पंकज अग्रवाल तथा प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने कहा कि ऐसे व्याख्यानों का विशेष महत्व है। डॉ. रामकिशोर अग्रवाल ने कहा कि नकली दवाओं का चलन समाज के लिए चिन्ता का विषय है। आज के समय में किसी भी दवा की परख करना कोई आसान काम नहीं है लेकिन कुछ तरीकों की मदद से ऐसा करना मुमकिन है। संस्थान के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि यह व्याख्यान शिक्षकों एवं छात्रों दोनों के लिए बहुत उपयोगी रहा। डॉ. शर्मा ने कहा कि हमें हमेशा विश्वसनीय विक्रेता या किसी नामी कम्पनी की दवा ही खरीदनी चाहिए। व्याख्यान का लाभ छात्र-छात्राओं के साथ ही हिमांशु चोपड़ा, मनीष कुमार शाक्य, तालेवर सिंह, राहुल कुमार सिंह, विभा कुमारी, मोनिका सिंह, निधि अग्रवाल, मोहित अग्रवाल, बृजनंदन दुबे, अजय शर्मा, सौरभ भारद्वाज, सुरेन्द्र शर्मा, केतकी शर्मा, ब्रजेश कुमार शर्मा, प्रशासनिक अधिकारी आशीष चतुर्वेदी, ज्ञानेंद्र चतुर्वेदी आदि ने भी उठाया।

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