अरुण यादव की रिपोर्ट
वृंदावन। दहेज की खातिर एक गर्भवती महिला को ससुरालीजनों ने मारपीट कर घर से बाहर हाईवे पर तड़पता छोड़ दिया। परिजनों ने घायल महिला को केडी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतका के परिजनों ने ससुरालिजनों पर दहेज हत्या का आरोप लगाते हुए कोतवाली पुलिस से शिकायत की है। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा और जांच शुरु कर दी है।
बताया जा रहा है कि दहेज के लिए लंबे समय से प्रताड़ित कर रहे ससुरालिजनों पर आरोप है कि 28 वर्षीय बबिता के साथ बुधवार को मारपीट कर घायल कर दिया और घर के बाहर निकाल दिया। आरोप है कि ससुरलिजन गंभीर रुप से घायल महिला को जैंत गांव में हाइवे किनारे छोड़कर चले गए। घायल बबीता राहगीरों की सहायता से अपने घर पहुचीं और अपने परिजनों को आपबीती सुनाते हुए शरीर पर तमाम चोट के निशान दिखाए। देर शाम उसकी अचानक तबियत बिगड़ने पर परिजनों ने उसे केडी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उसने रात करीब 12 बजे दम तोड़ दिया।
मृतका के भाई योगेन्द्र सिंह ने कोतवाली पुलिस को तहरीर दी है। जिसमें भाई ने ससुरालिजनों पर आरोप लगाया है कि वह दहेज के लिए उसकी बहन को प्रताड़ित करने और गर्भावस्था में मारपीट कर हत्या करने का आरोप लगाया है। भाई की शिकायत पर पुलिस ने मृतका के शव को पोस्ट मॉर्टम के लिए भेज दिया और जांच शुरु कर दी है।
मृतका के भाई योगेंद्र सिंह ने बताया कि उसकी 28 वर्षीय बहन बबीता की शादी 10 वर्ष पूर्व थाना शेरगढ़ के गांव रान्धेरा में मोनू उर्फ मोहन सिंह के साथ हुई थी। मृतका के भाई ने आरोप लगाया है कि शादी के बाद से ही ससुरालीजन दहेज की खातिर बबीता के साथ आए दिन मारपीट करते थे। कई बार पंच पंचायतों के माध्यम से सुलहनामा भी कराया गया, लेकिन ससुरालीजन अपनी हरकतों से बाज नहीं आए।
महिला चार बच्चों की मां थी। वह 9 माह की गर्भवती भी थी। योगेंद्र ने बताया कि उसकी बहन का पति मोनू उर्फ मोहन सिंह कोई काम नहीं करता था। इसलिए उसकी बहन मेहनत मजदूरी करके अपना और अपने बच्चों का पेट भरणपोषण कर रही थी। जिसके चलते मृतक महिला ने अपने दो बच्चों को गांव जैत में ही जन्म दिया था।
जैत चौकी प्रभारी अरविन्द सिंह ने बताया कि गर्भवती महिला बबिता की उपचार के दौरान मौत हो गई है। परिजनों की सूचना पर महिला के शव का पोरस्मार्टम कराया दिया। शव को उसके परिजन ले गए हैं। तहरीर मिलने पर जांच कर उचित कार्यवाई की जाएगी।