मथुरा। विदेशी फंडिंग से हाथरस कांड को लेकर यूपी में दंगा फैलाने की साजिश रचने के आरोप में मथुरा की अस्थायी जेल में बंद पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) और सीएफआई (कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया) के सदस्य मसूद अहमद और मोहम्मद आलम की जमानत पर सुनवाई नहीं हो सकी। एडीजे दशम की अदालत ने अब सुनवाई की तिथि चार नवंबर तय की है। इस मामले की जांच कर रही एसटीएफ के अधिकारियों द्वारा समय मांगने पर सुनवाई की तिथि आगे बढ़ाई गई है।
पांच अक्तूबर को पुलिस ने मांट टोल प्लाजा से पीएफआई एवं सीएफआई के सदस्यों मसूद अहमद, मो. आलम, सिद्दीक और अतीकुर्रहमान को गिरफ्तार किया था। तभी से चारों जेल में हैं। मसूद और आलम की जमानत अर्जी पर गुरुवार को एडीजे दशम के न्यायालय में सुनवाई थी। सुनवाई शुरू होते ही एसटीएफ के डिप्टी एसपी राकेश पालीवाल ने न्यायालय से जांच के लिए समय मांगा। उनका कहना था कि उन्हें यह जांच अभी मिली है और अभी तक वह इस संबंध में साक्ष्य नहीं जुटा पाए हैं। अदालत ने एसटीएफ के अधिकारी को अंतिम अवसर प्रदान करते हुए जमानत पर सुनवाई की तारीख चार नवंबर तय कर दी।
अदालत ने यह भी कहा है कि चार नवंबर को जांच अधिकारी को कोई समय नहीं दिया जाएगा। डीजीसी शिवराम सरकार ने बताया कि अब चार नवंबर को दोनों की जमानत पर सुनवाई होगी। वहीं मसूद और आलम के अधिवक्ता मधुबन दत्त चतुर्वेदी ने बताया कि अब वह चार नवंबर को अपना पक्ष रखेंगे।
आज लग सकती है अतीकुर्रहमान की जमानत अर्जी
जेल में बंद अतीकुर्रहमान की जमानत अर्जी अधिवक्ता द्वारा आज शुक्रवार को जिला जज की अदालत में लगाई जा सकती है। अतीकुर्रहमान के अधिवक्ता मधुबन दत्त चतुर्वेदी ने बताया कि वह शुक्रवार को जिला जज की अदालत में जमानत अर्जी लगाएंगे।