सांपों से आमतौर पर लोग डरते हैं और दूर ही रहने की कोशिश करते हैं, वहीं इंडोनेशिया में इसका उल्टा है। वहां सांपों का भरपून इस्तेमाल होता है। यहां सैनिक से लेकर आम लोग तक सांपों का खून पीते हैं। वे मानते हैं कि ये कुदरत का इंसानों को दिया तोहफा है, जिसका भरपूर इस्तेमाल होना चाहिए। यही वजह है कि इस देश में खाने-पीने के बाजार में जिंदा सांप बिकते हैं।
इंडोनेशिया में हजारों सालों से परंपरागत चिकित्सा पर यकीन किया जाता रहा है। इस चिकित्सा के तहत जंगली जानवरों और पेड़-पौधों से किसी भी बीमारी के इलाज का दावा किया जाता है। सांप से स्किन डिसीज के इलाज का सबसे पहला जिक्र 100 ईसवीं में मिलता है। इंडोनेशिया में स्किन की गंभीर समस्या में मरीजों का इलाज सांप की त्वचा की लुगदी बनाकर उसे लगाकर किया जाता था।
स्किन की बीमारियों से बढ़ते-बढ़ते सांप को गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर में भी इस्तेमाल किया जाने लगा। ऐसे ही सांप का जहर दिल के मरीज को दिया जाता है। माना जाता है कि सांप से तैयार दवा शराब पीने से पहले ली जाए तो लिवर पर शराब का असर नहीं होता है और पीने वाला हरदम स्वस्थ रहता है।
सेना की रेगुलर डायट में भी कोबरा का खून और मांस शामिल
परंपरागत चिकित्सा के तहत इसे पुरुषों में यौन ताकत बढ़ाने वाला और महिलाओं को चमकदार त्वचा और सेहत देने वाला माना जाता है। इन्हीं कारणों से इंडोनेशियाई राजधानी जर्काता में सुबह 5 बजे से लेकर देर रात तक दुकानों में कई तरह के सांपों का खून बेचा जाता है। आमतौर पर ग्राहक की मांग पर सांपों को तुरंत मारकर उनका खून लिया जाता है। आम लोगों के अलावा सेना की रेगुलर डायट में भी कोबरा का खून और मांस शामिल होता है। खासकर इसका खून, जिसे स्टेमिना बढ़ाने वाला माना जाता है।
बाजार में ही किंग कोबरा रेस्त्रां
इसे अल्कोहल में मिलाकर पिया जाता है। मुख्य बाजार में ही किंग कोबरा रेस्त्रां है। ये केवल नाम का ही ऐसा रेस्त्रां नहीं, बल्कि यहां पीछे के गोदाम में काफी सारे किंग कोबरा और अलग-अलग प्रजातियों के सांप होते हैं। ग्राहक के आने पर उसे मेन्यु में पसंद करना होता है और तुरंत ही सांप के मांस से बनी कोई डिश हाजिर हो जाती है। साथ में कोबरा ब्लड भी परोसा जाता है।