Thursday, May 9, 2024
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यहां का किसान बना हल्कू, हाड़ कंपाने वाली सर्द रातों में बस एक ही चिंता

विनोद कुमार उपाध्याय
राया।
पूस की रात में हांड़ कपा देने वाली सर्दी में क्षेत्र राया क्षेत्र में प्रत्येक किसान हल्कू बन गया है। अपनी जंगली जानवरों, नीलगाय से अपनी फसल को बचाने के लिए रखवाली करने को मजबूर हैं। प्रदेश सरकार द्वारा खेती से नुकसान से बचाने के उपाय न करने से किसान जहां परेशानी का सामना कर रहे हैं वहीं शासन से नाराज हैं।


राया क्षेत्र में रवी की फसल को बचाने के लिए जंगली पशुओं से बचाने के लिए रात भर किसान खेतों में खुले आसमान के नीचे पहरा दे रहे हैं। किसान देवेन्द्र ने आप बीती सुनाई कि जब खेत पर फसल बचाने के लिए पहरा देते हैं तो ठंड लगती है।

ठंड से बचने के लिए आग जला लेते उसके सहारे कुछ समय तक ठंड से राहत मिलती। फ़िर वही ठिठुरते हुए खेतों में टॉर्च लगाकर देखते कि कोई जानवर उनकी फ़सल में नुक़सान तो नहीं कर रहा। यह पहरेदारी हर किसान कर रहा है। कभी समूह बनाकर किसान एक जगह बैठकर अपने मन की थकान मिटाते हैं। तो कभी सरकारी व्यवस्थाओं को कोसते नज़र आते हैं। अब किसान उम्र दराज नहीं, बल्कि युवा भी फसलों की रखवाली करते नज़र आते हैं। युवाओं को जब कोई रोज़गार नहीं मिला तो खेती किसानी करने में लग गये।

किसानों का मानना है कि खेती किसानी अब घाटे का सौदा साबित हो रही है। ऐसे में ही युवा किसान देवेंद्र उपाध्याय इस व्यवस्था पर सरकार को कोसते हैं। उनका मानना है कि घर तक उपज ले जाना मुश्किलों भरा है। सरकार फ़िर भी किसानों की अनदेखी कर रही है। यही नहीं किसान दिगम्बर और राजेश की पीड़ा भी मन को झकझोर देने वाली थी। न कोई काम-धाम न खाने-पीने का कोई निश्चित समय। हर वक्त फ़सल को बचाने की चिंता उन्हें अंदर से खोखला बनाती रहती है।

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