Monday, May 6, 2024
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विधि का ज्ञान पुस्तकों के साथ प्रयोगात्मक होना जरुरी: डॉ. आशुतोष शुक्ला

मथुरा। विधि की शिक्षा की पूर्णतया तभी है जब तक विधि का ज्ञान पुस्तकों के साथ साथ प्रयोगात्मक भी हो। केस की तैयारियां होने के साथ न्यायाधीश और वादी एवं प्रतिवादी के साथ भरी कोर्ट में किसी तरह अपने बात को प्रभावी तरीके से रखना है। यह तभी आ सकताा है कि जब अभ्यास हो और प्रयोगात्मक हो।

यह बातें श्री गिर्राज महाराज ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस मथुरा के वाइस चेयरमैन डॉ. आशुतोष शुक्ला ने विधि संकाय द्वारा आयोजित एकदिवसीय जनपद स्तरीय मूटकोर्ट कंपटीशन के उदघाटन के अवसर पर व्यक्त किए।
श्री गिर्राज महाराज कॉलेज ऑफ लॉ के द्वारा संस्थान में एकदिवसीय मूटकोर्ट का आयोजन किया गया जिसमे अनेक छात्र छात्राओं ने भागीदारी की।

इस दौरान संस्थान के विधि विभाग प्रमुख प्रो अनुज अग्रवाल ने छात्र/छात्राओं को मूटकोर्ट के वास्तविक वातावरण से अवगत कराते हुए बताया की न्यायालय में किस ओर न्यायाधीश के समक्ष अभियोजन पक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत करता है। किस ओर प्रतिवादी अपने पक्ष को प्रस्तुत करता है, विधि प्रवक्ता प्रो प्रिया गोस्वामी ने बताया कि अधिवक्ताओं को किस प्रकार न्यायालय कक्ष के अंदर प्रस्तुत होना चाहिए। किन नियमों का पालन करना चाहिए उसके संदर्भ में अवगत कराया।


मूटकोर्ट में छात्र छात्राओं सोनू, समीर खान, विशाल कुंतल, पूनम छोंकर, रिंकी सिंह, ओम तरकर, कुश सिंह, राहुल शर्मा, रवि चौधरी, नेहा पाठक, बलदेव शर्मा, विधान पाण्डेय, रवि गौतम, शिवा मिश्रा के द्वारा भाग लिया गया। मूटकोर्ट के कार्यक्रम का सफल संचालन प्रो मुक्ति दोहन, प्रो विनय कुमार द्वारा कराया गया। धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर सुभाष चन्द्र द्वारा किया गया।

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