Saturday, April 20, 2024
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गोरी होरी में गई हार पतौ तेरी परै हुरंगा में…

मुकुट मुखरविन्द मंदिर दसविसा मंदिर गोवर्धन ब्राह्मण समाज द्वारा हुरंगा का आयोजन किया गया

गोवर्धन। गिर्राज नगरी में होली के बाद अलग-अलग जगहों पर हुरंगाओं का दौर जारी है। श्री गिरिराज जी महाराज मुकुट मुखरविन्द मंदिर दसविसा एवं हरगोकुल मंदिर दसविसा गोवर्धन ब्राह्मण समाज द्वारा प्रतिवर्ष की भांति रविवार को हुरंगा का आयोजन किया गया। यहां हुरियारिनों ने हुरियारों पर प्रेम पगी लाठियां बरसाईं। जिसमें होली के रसिया, ढप, ढोल और नगाड़े के साथ गाते-बजाते अपनी मस्ती में मदमस्त हुरियारों ने समाज गायन और हंसी ठिठोली के बीच गुलाब की पंखुड़ियां बिखेरना आरम्भ किया तो हुरियारिनों ने हुरियारों पर जमकर लठ बरसाए।


हुरियारों ने चमकदार चुन्नी ओढ़ एक हुरियारिन को उकसाने के लिए कहा , गोरी होरी में गई हार पतौ तेरी परै हुरंगा में, मोय देखत में लगे मलूक, नार जिन गुण में कैसी होगी। हुरियारिनों ने लाठी से हुला मारते हुए हुरियारों को बताया कि बा हार कौ बदलौ आज हम सब लै कै रहिंगी…। शब्दों की इसी छेड़छाड़ के बीच एक हुरियारा लट्ठमार का संकेत देता है इसी के साथ हुरियारिन आगे बढ़ हुरियारों के झामों पर तड़ातड़ लाठियों की बौछार शुरू कर देती हैं और हुरियारे भी पुरे जोर शोर से हुरियारिनों को पीछे हटाने पर विवश कर देते हैं।

हुरियारिनों का लठ लेकर आगे बढ़कर झाम पीटना और हुरियारों का उनको पीछे हटाने का क्रम तीन बार चला। इसी के साथ मुकुट मुखरविन्द मंदिर प्रांगण में महिलाओं द्वारा चरुकला नृत्य नृत्य कर ठुकमे लगाए और राधाकृष्ण के जयकारों का जयघोष हुआ और संकेत देकर हुरंगा को एक वर्षतक के लिए विराम दिया गया। हुरंगा में लाठियां बरसाने वाली हुरियारिनों औऱ लाठियों के वार सहन करने वाले हुरियारों द्वारा फगुआ देकर सम्मानित किया गया।

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