Friday, April 26, 2024
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जिसका कोई नहीं उसके हम हैं न… जानिए महिला कांस्टेबल ने ऐसा क्या किया जो सोशल मीडिया पर छा गईं


कोसीकलां। कोसीकलां थाने में तैनात एक महिला कांस्टेबल ने मानवता की मिसाल पेश की है। जिससे पुलिस को लेकर समाज में एक बार फिर सदकार्य एवं मानवीय संवेदनाओं के मूल्य को समझने की छवि सामने आई है। जी हां, शालिनी। जो कि पिछले करीब 2 वर्षों से थाना कोसीकलां में एक सिपाही के पद पर तैनात हैं। इन्होंने एक लावारिश महिला का अंतिम संस्कार किया। गांव और आसपास के क्षेत्र में पुलिस की इस कार्य को लेकर सराहना की जा रही है।


प्राप्त जानकारी के अनुसार 12 अप्रेल को शाहपुर चौकी के अन्तर्गत रजवाह में एक लावारिश अज्ञात महिला का शव मिला। पुलिस ने कार्यवाही करते हुए महिला के शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। पोस्टमार्टम होने के बाद जब महिला की दो दिन तक शिनाख्त नही हुई तो पुलिस के द्वारा उसका अंतिम संस्कार किया गया। तब महिला के शव के साथ ड्यूटी पर तैनात कांस्टेबल शालिनी ने अपना हक अदा कर बंगाली घाट शमशान स्थल पहुंचकर महिला का अंतिम संस्कार किया।

लेकिन उससे पहले शमशान स्थल पर मौजूद व्यक्ति और कॉन्स्टेबल शालिनी की अंतिम संस्कार करने के लिए काफी बहस हुई। लेकिन बाबजूद मानवता और शास्त्रों का हवाला देते हुए महिला का अंतिम संस्कार किया गया। जिसका फ़ोटो सोसल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। कांस्टेबल शालिनी के द्वारा अज्ञात महिला की बॉडी का अंतिम संस्कार करना थाना परिसर सहित पुलिस विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है। जिसकी उच्च अधिकारियों के द्वारा काफी सराहना की जा रही हैं।


कांस्टेबल शालिनी ने कहा कि आज के समय जितना हक पुरुषों का है उतना ही महिला को भी है। जिस माता पिता के पुत्र नहीं होता तो क्या उसका अंतिम संस्कार उसकी पुत्री नही कर सकती? मानवीय मूल्यों की रक्षा के लिए मैंने भी एक अज्ञात महिला का अंतिम संस्कार किया है। पुलिस में होने के साथ-साथ हम एक इंसान भी तो हैं। तो क्यों न समय आने पर इंसानियत का फर्ज अदा करें। और फिर जिसका कोई नहीं उसके हम है न…।

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