Saturday, April 20, 2024
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गुरु तेग बहादुर सिंह के जीवन दर्शन पर चलाई तूलिका


जी.एल. बजाज में हुई पोस्टर प्रजेंटेशन, कविता तथा निबन्ध प्रतियोगिता

मथुरा। कोरोना संक्रमण के दौर में छात्र-छात्राओं के पठन-पाठन में ताजगी लाने के उद्देश्य से जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस मथुरा में गुरु तेग बहादुर सिंह के जीवन दर्शन पर एक आनलाइन पोस्टर प्रजेंटेशन, कविता तथा निबन्ध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में संस्थान के 37 छात्र-छात्राओं ने अपनी प्रतिभा तथा काबिलियत का परिचय दिया।

प्रतियोगिता से पूर्व संस्थान की निदेशक प्रो. नीता अवस्थी ने अपने संदेश में छात्र-छात्राओं को बताया कि गुरु तेग बहादुर सिंह का जीवन मानवीय सांस्कृतिक विरासत की खातिर बलिदान था। धर्म उनके लिए सांस्कृतिक मूल्य और जीवन विधान का नाम था। उनके ये अमूल्य विचार आज भी हम सभी के लिए बहुत प्रेरणादायी हैं।
डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. श्रवण कुमार के कुशल मार्गदर्शन में छात्र-छात्राओं ने तूलिका और वाणी के माध्यम से गुरु तेग बहादुर सिंह के विचारों पर प्रकाश डाला। छात्र-छात्राओं ने- सफलता कभी अंतिम नहीं होती, विफलता कभी घातक नहीं होती, इनमें जो मायने रखता है वो है साहस। सभी जीवित प्राणियों के प्रति सम्मान अहिंसा है।

दिलेरी डर की गैरमौजूदगी नहीं, बल्कि यह फैसला है कि डर से भी जरूरी कुछ है। एक सज्जन व्यक्ति वह है जो अनजाने में किसी की भावनाओं को ठेस न पहुंचाए जैसों संदेशों को अपने-अपने पोस्टरों में स्थान दिया।
छात्र-छात्राओं ने एक से बढ़कर एक मनमोहक पोस्टर बनाए तो गुरु तेग बहादुर सिंह की राष्ट्रभक्ति और उनके विचारों को आज की युवा पीढ़ी के लिए जरूरी बताया।

निर्णायकों ने पोस्टर प्रतियोगिता में बी.टेक. प्रथम वर्ष के छात्र निष्कर्ष सक्सेना को पहला तथा बंटी को दूसरा स्थान दिया। कविता पाठ में बी.टेक. प्रथम वर्ष के छात्र कृष्णा पाण्डेय पहले तथा छात्रा रितिका भारद्वाज दूसरे स्थान पर रहीं। निबन्ध प्रतियोगिता में सीएस द्वितीय वर्ष के आशुतोष सिंह ने बाजी मारी। वैभव कुलश्रेष्ठ दूसरे तथा वंशिका सिंह तीसरे स्थान पर रहीं।

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