मथुरा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय कोरोना संक्रमण फैलाने का केन्द्र बना हुआ है। सीएमओ के तुगलकी फरमान के चलते शासनादेश की धज्जिया उड़ रही हैं। दरअसल सीएमओ ऑफिस में कार्यरत जिला कार्यक्रम प्रबंधक कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद घर से ऑफिस कार्य पर आ रहे हैं। जिससे ऑफिस में कार्यरत अन्य अधिकारी एवं कर्मचारियो में हड़कंप मचा है।
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश में कोरोना संक्रमण को नियंत्रण करने के लिए कोरोना कफ्र्यू का एलान किया है। आम लोगों पर सख्ती के साथ पाबंदियां लगाई हैं। सरकारी कार्यालयों में 50 प्रतिशत स्टाफ से शि़फ्ट में कार्य लेने के निर्देश दिए गए थे। वहीं मथुरा की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रचना गुप्ता कोरोन के नियमो की धज्जियां उड़ा रही हैं। इससे स्वास्थ्य अधिकारी और कर्मचारियों के साथ सीएमओ ऑफिस में आने वाले लोगों की जान को भी खतरे में डाल रही हैं।
डीएम नवनीत सिंह चहल कोरोना महामारी के इस संकट काल में लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं और राहत देने क लिए हर संभव जतन में लगे हैं। जिले को एक और कोविड हॉस्पीटल तैयार कराया है। इसके लिए वह लगातार निरीक्षण और समीक्षा बैठक करने के साथ ही अधिकारियों से समय-समय पर फीडबैक ले रहे हैं। वहीं इसके उलट स्वास्थ्य विभाग डीएम के प्रयास पर पानी फेरने का कार्य कर रहा है।
सीएमओ कार्यालय में कार्यररत जिला कार्यक्रम अधिकारी संजय सिहोरिया की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई हैं। इसके बावजूद सीएमओ ने उन्हें घर से कार्य के लिए आफिस बुला लिया है। वह सीएमओ कार्यालय में कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद कार्य कर रहे हैं। कार्यालय में माजूद अन्य अधिकारी एवं कर्मचारियों के संपर्क में भी आ रहे हैं। जिससे कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है।
इस संबंध में जिला कार्यक्रम अधिकारी संजय सिहोरिया ने बताया कि उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव है। पहले भी उनका कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया था। लेकिन वह क्वारंटीन नही हो सके। उनको मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कार्य के लिए कार्यालय में बुलाया है। वहीं इस संबंध में सीएमओ डॉ. रचना गुप्ता ने चुप्पी साध ली है।
काबिलेगौर बात यह है कि एक तरफ घर से बाहर घूमने पर यूपी में पाबंदी है। सड़क पर चालान काटे जा रहे हैं। कोविड के नियमों का पालन न करने पर महामारी अधिनियम में केस दर्ज किए जा रहे हैं। वहीं एक अधिकारी कोरोना पॉजिटिव होने के बावजदू घर से ऑफिस आ रहे हैं। सीएमओ द्वारा उन्हें आफिस बुलाया गया है। वह कार्यालय में मौजूद स्वास्थ्य अधिकारी और कर्मचारियों के संपर्क में आकर कोरोना स्प्रेडर बन रहे हैं। लेकिन जिला प्रशासन, कोविड नोडल अधिकारी भूदेव सिंह अनदेखी कर रह हैं।