Thursday, March 28, 2024
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गेम चेंजर और परिवर्तनकारी है नई राष्ट्रीय शिक्षा नीतिः डॉ. अनिल सहस्रबुद्धे


जी.एल. बजाज मथुरा में हुई ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय वर्चुअल संगोष्ठी


मथुरा। जी.एल. बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस मथुरा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में हुए बदलाओं तथा इनके सफल कार्यान्वयन पर ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय वर्चुअल संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में 16 देशों के 1768 प्रतिभागियों ने सहभागिता की तथा सात देशों के जाने-माने वक्ताओं ने विचार व्यक्त किए। संगोष्ठी में एआईसीटीई के अध्यक्ष डॉ. अनिल सहस्रबुद्धे, आर.के. एज्यूकेशन हब के वाइस चेयरमैन पंकज अग्रवाल, प्रो. नीता अवस्थी, प्रो. एस. मोहनराज, डॉ. मार्गारीटा, निदेशक, आईसीओ, फिलीपींस, प्रो. (डा.) अमी उपाध्याय, कुलपति, डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर मुक्त विश्वविद्यालय, गुजरात तथा प्रो. डीएस चौहान, अध्यक्ष, भारतीय विश्वविद्यालय संघ ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए।


एआईसीटीई के अध्यक्ष और संगोष्ठी के मुख्य अतिथि डॉ. अनिल सहस्रबुद्धे ने प्रतिनिधियों को कोरोना महामारी को नियंत्रण में लाने के लिए सरकार द्वारा जारी प्रोटोकॉल का पालन करने की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने ऑनलाइन शिक्षण और सीखने की प्रक्रिया के नए रास्ते खोले हैं, इससे पहले किसी ने सोचा भी नहीं था कि शैक्षिक गतिविधियां इस तरह भी संचालित की जा सकती हैं। डॉ. सहस्रबुद्धे ने एनईपी-2020 को गेम चेंजर और परिवर्तनकारी निरूपित किया। उनका जोर तीन भाषा के फार्मूले- कौशल प्रदान करने, छात्रों में आत्मविश्वास पैदा करने, बहु-विषयक दृष्टिकोण, अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट, नवाचार और अनुसंधान पर था। उन्होंने कहा कि भारत में गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान को बढ़ावा देने की जरूरत है।

संगोष्ठी में आर.के. एज्यूकेशन हब के वाइस चेयरमैन पंकज अग्रवाल ने प्रौद्योगिकी के अनुरूप शिक्षा प्रणाली पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा-नीति का दर्शन भारतीय लोकाचार में निहित एक ऐसी शिक्षा प्रणाली का विकास करना है जोकि इंडिया को भारत में बदलने की शक्ति बन सके। श्री अग्रवाल ने कहा कि शिक्षा को डिग्री से कहीं ज्यादा व्यावसायिक कौशल से जोड़ने की जरूरत है। यह तभी सम्भव है जब शिक्षण संस्थाओं को ढेर सारे प्रायोगिक, ई-लर्निंग और आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस जैसी तकनीकों से लैश किया जाए।

प्रो. नीता अवस्थी, निदेशक, जीएल बजाज ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस, मथुरा तथा प्रो. एस. मोहनराज द्वारा संगोष्ठी की रिपोर्ट को पढ़ा गया। इन लोगों ने नई शिक्षा नीति पर विस्तार से प्रकाश डाला। सम्मानित अतिथि डॉ. मार्गारीटा, निदेशक, आईसीओ, फिलीपींस ने भारत की नई शिक्षा नीति की प्रशंसा की और आश्वासन दिया कि उनका देश इसे जरूर लागू करेगा। अध्यक्षीय भाषण में प्रो. (डा.) अमी उपाध्याय, कुलपति, डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर मुक्त विश्वविद्यालय, गुजरात ने इस नीति के सकारात्मक पहलुओं को सूचीबद्ध किया।

प्रो. डीएस चौहान, अध्यक्ष, भारतीय विश्वविद्यालय संघ ने संगोष्ठी के सफल आयोजन के लिए जी.एल. बजाज संस्थान की प्रशंसा करते हुए नई शिक्षा नीति को बिना किसी समस्या के लागू करने के विभिन्न तरीके सुझाए। दो दिवसीय संगोष्ठी के संयोजक डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. श्रवण कुमार रहे।

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