Sunday, April 28, 2024
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PM केयर फंड से आए वेंटीलेटर आखिर कहां गए और कितने आए ? नहीं जानता स्वास्थ्य विभाग


मथुरा। कोरोना महामारी की दूसरी लहर से पहले पीएम केयर फंड से शासन ने भेजे वेंटीलेटरों को लेकर हंगामा बरपा है। जनप्रतिधियों की बैठक में खुलासा हुआ कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने वेंटीलेटरों को निजी अस्पताल को दे दिया। जबकि सरकारी अस्पतालों में वेंटीलेटर की कमी खलती रही। वेंटीलेटर मामले में रोज नए खुलासे हो रहे है। वहीं स्वास्थ्य अधिकारी यह तय नहीं कर पा रहे है कि आखिर पीएम केयर फंड से कितने वेंटीलेटर आए और कहां गए? इस मामले को लेकर लोग स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशाना लगा रहे हैं।


नियो न्यूज ने जब इस मामले में पड़ताल की तो कई और चौकाने वाली बात सामने आई हैं। कोेरोना काल में दवाइयों की किटों के वितरण और स्वास्थ्य सेवाओं का प्रचार प्रसार करने वाले जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने दूसरी लहर आने से पहले शासन से भेजे गए वेंटीलेटर के मथुरा में आने की भनक तक नहीं लगी। दह माह से अधिक समय के बाद जन प्रतिनिधियों के पूछने के बाद वेंटीलेटर का खुलासा हो सका। सीएमओ ने पीएम केयर फंड से आए वेंटीलेटरों को निजी अस्पतालों को दे दिया जबकि सरकारी अस्पतालों में कोरोना मरीजो को कमी खलती रही।

काबिलेगौर बात यह है शासन द्वारा भेजे गए वेंटीलेटरों का सीएमओ कार्यालय के स्टॉक रुम में रिर्कार्ड नही है। यही कारण है कि स्वास्थ्य अधिकारी अभी तक यह स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं कि आखिर कितने वेंटीलेटर शासन द्वारा मथुरा को दिए और वेंटीलेटर कहां गए। इस बात का जवाब स्वास्थ्य विभाग के पास भी नहीं है।

आखिर वेंटीलेटर कहां गए ?

एसीएमओ डॉ. राजीव गुप्ता का कहना है कि दो वेंटीलेटर जिला संयुक्त चिकित्सालय के लिए भेज गए थे। वहीं जिला संयुक्त चिकित्सालय के सीएमएस डॉ. एसके जैन का कहना है कि जिला संयुक्त चिकित्सालय में एक भी वेंटीलेटर नहीं भेजा गया। यदि वेंटीलेटर भ्ोजे गए होते तो उनके साथ फिजीशियन और एनेस्थिसिया की भी आवश्यकता होती। जो कि अस्पताल में लंबे समय से नहीं है। इसी प्रकार लाखों की कीमत के केन्द्र सरकार द्वार आए वेंटीलेटर कहां गए इसका जवाब स्वास्थ्य अधिकारियों के पास भी नहंी है।

पीएम केयर फंड से 22 वेंटीलेटर आए!

स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक पीएम केयर फंड से 22 वेंटीलेटर आए थे। वह जिला अस्पताल से ही निजी अस्पतालों को बांट दिए गए। इनमें 13 वेंटीलेटर केडी मेडिकल कॉलेज, दो-दो वेंटीलेटर केएम मेडिकल कॉलेज, स्वर्ण जयंती अस्पताल, वृंदावन के रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम, अग्रवाल लाइफ लाइन और जिला संयुक्त चिकित्सालय भेजे गए।

निजी अस्पतालों को लोन पर दिए थे वेंटीलेटर: एसीएमओ

एसीएमओ डॉ. राजीव गुप्ता ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर से पहले मथुरा को वेंटीलेटर मिले थे। लेकिन कितने मिले यह स्पष्ट नहीं है। उनमें से 13 वेंटीलेटर केडी मेडिकल कॉलेज को और 2 केएम मेडिकल कॉलेज को दिए गए थे। यह प्राइवेट हॉस्पीटलों को यह वेंटीलेटर लोन पर स्वास्थ्य प्रमुख अमित मोहन प्रसाद के कहने के निर्देश पर दिए गए थे। बाकी वेंटलेटर की जानकारी अभी नहीं है। इनमें से 13 वेंटीलेटर केडी मेडिकल कॉलेज द्वारा बीते कल यानि 26 मई को लौटा दिए हैं। एसीएमओ को कहना है कि जब शासन ने कोरोना महामारी के लिए इन्हें अधिग्रहण कर लिया और रेमडिसिविर इजेक्शन और दवाएं दी गई तो वेंटीलेटर भी दे दिए गए।

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