Friday, April 26, 2024
Homeशिक्षा जगतअपनी रुचि अनुसार छात्र-छात्राएं उठा रहे समर कैम्प का लुत्फ

अपनी रुचि अनुसार छात्र-छात्राएं उठा रहे समर कैम्प का लुत्फ


राजीव इंटरनेशनल स्कूल द्वारा निखारी जा रही बच्चों की प्रतिभा

मथुरा। राजीव इंटरनेशनल स्कूल के छात्र-छात्राएं लॉकडाउन के समय ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से जहां अपना पठन-पाठन कार्य सुचारु रूप से जारी रखे हुए हैं वहीं घर बैठे अपनी रुचि अनुसार कल्चरल गतिविधियों में भी अपना हुनर निखार रहे हैं।

राजीव इंटरनेशनल स्कूल की एकेडमिक क्वार्डिनेटर प्रिया मदान ने बताया कि नर्सरी से कक्षा आठ तक के छात्र-छात्राओं की प्रतिभा निखारने के लिए स्कूल प्रबंधन द्वारा एक से 10 जून तक ऑनलाइन समर कैम्प का आयोजन किया गया है। ऑनलाइन शिक्षण के बाद बच्चों को मनोरंजनात्मक ढंग से विविधि गतिविधियों के माध्यम से उनके कौशल को निखारा जा रहा है। दस दिवसीय समर कैम्प में बच्चों को ट्रिकी मैथ्स, ग्राफिक्स डिजायनिंग, कोडिंग, वैदिक मैथ्स, फायरलेस फूड, कैलीग्राफी प्ले विद एक्सल, क्ले मॉडलिंग, ज्वैलरी मेकिंग, आरोगेमी, एरोबिक्स, योगा तथा बेस्ट आउट आफ द वेस्ट आदि गतिविधियों में पारंगत किया जा रहा है। इन मनोरंजनात्मक क्रियाकलापों में छात्र-छात्राएं बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।

आर.के. एज्यूकेशन हब के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल का कहना है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए लम्बे समय से स्कूल बंद हैं लेकिन राजीव इंटरनेशनल स्कूल के शिक्षक ऑनलाइन गतिविधियों के माध्यम से छात्र-छात्राओं के सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास पर निरंतर ध्यान दे रहे हैं। डॉ. अग्रवाल का कहना है कि विद्यार्थी जीवन में शिक्षा के साथ ही सांस्कृतिक गतिविधियों का भी बहुत महत्व है। विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास में सांस्कृतिक गतिविधियां उनके मन को तरोताजा रखती हैं तथा उन्हें शिक्षण के लिए भी प्रेरित करती हैं। डॉ. अग्रवाल ने इसे शिक्षकों का अच्छा प्रयास बताया।

स्कूल के प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल ने कहा कि सांस्कृतिक गतिविधियों से बच्चों में अपनी संस्कृति से जुड़ाव होता है तथा वे समाज व अपनी विभिन्न संस्कृतियों से परिचित होते हैं। श्री अग्रवाल ने कहा कि ऑनलाइन समर कैम्प का मुख्य उद्देश्य छात्र-छात्राओं को उनकी रुचि अनुसार प्रतिभा को नया आयाम देना है ताकि वे आगे चलकर अपने भविष्य को उज्ज्वल बना सकें।

श्री अग्रवाल ने राजीव इंटरनेशनल स्कूल के शिक्षकों की तारीफ करते हुए कहा कि शिक्षा के साथ बच्चों के मन को तरोताजा रखने कि लिए कल्चरल और योगा व एरोबिक्स जैसी गतिविधियां जरूरी हैं। ऐसी गतिविधियों से छात्र-छात्राओं में कुछ नया करने की अभिरुचि पैदा होती है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments